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शीतकाल के लिए बंद हुए मदमहेश्वर धाम के कपाट, इस साल 13 हजार श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

Madmaheshwar Dham doors closed मदमहेश्वर धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये हैं. इस मौके पर मंदिर को पांच क्विटल फूलों से सजाया गया. कपाट बंद होने के मौके पर सात सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे.

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बंद हुए मदमहेश्वर धाम के कपाट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 22, 2023, 12:59 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 3:08 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए आज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पूर्व भाद्रपदा नक्षत्र कुंभ राशि में प्रात: साढ़े आठ बजे विधि -विधान पूजा अर्चना के बाद बंद किए गए. कपाट बंद होने के समय सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे. इस अवसर पर मंदिर को दानीदाता के सहयोग से पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी.

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा मदमहेश्वर के कपाट बंद होने के साथ ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है. उन्होंने बताया पीएम मोदी की प्रेरणा-मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं. हेमकुंड साहिब को सहित उत्तराखंड चारधाम में यात्रा वर्ष 2023 में 56 लाख तीर्थयात्री धामों में दर्शन पहुंचे है, जोकि पिछले वर्ष से 10 लाख अधिक हैं. केदारनाथ 19 लाख 61 हजार, बदरीनाथ धाम 18 लाख 41 हजार श्रद्धालु पहुंचे.

पढे़ं- विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर धाम पहुंच रहे भक्त, देखते ही बन रही सुंदरता

विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद 13 हजार श्रद्धालु मदमहेश्वर मंदिर तथा पहली बार एक लाख 36 हजार श्रद्धालु तृतीय केदार तुंगनाथ पहुंचे‌ हैं. मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिह ने बताया मदमहेश्वर मंदिर के कपाटबंद होने तथा चल‌ विग्रह डोली के प्रस्थान तैयारियों को लेकर निर्देश दिये गये हैं.कपाट बंद की तैयारियों के बीच आज आज प्रात: चार बजे मदमहेश्वर मंदिर खुला भगवान मदमहेश्वर की अभिषेक जलाभिषेक पूजा हुई. साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहे.उसके बाद पुजारी बागेश लिंग ने कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की. भगवान शिव एवं भैरव नाथ की पूजा- अर्चना संपन्न हुई. भगवान मदमहेश्वर के स्यंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया. स्थानीय फूलों- शुष्क, पुष्पों, राख से ढ़क दिया. इसके बाद ममहेश्वर की चलविग्रह डोली के सभामंडप से बाहर आते ही साढे़ आठ बजे मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये.

पढे़ं- सावन का तीसरा सोमवार! दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़, धर्मनगरी में बम बम भोले की गूंज

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने कहा मदमहेश्वर भगवान की चलविग्रह डोली के 25 नवंबर को उखीमठ पहुंचेगी. जहां मंदिर समिति तथा स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा डोली का स्वागत किया जायेगा. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली आज गौंडार गांव पहुंचेगी. 23 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 24 नवंबर को गिरिया तथा 25 नवंबर को चल विग्रह डोली पंच केदार गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. इसके साथ मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी. 25 नवंबर को ऊखीमठ में मुख्य रूप से मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए आज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि पूर्व भाद्रपदा नक्षत्र कुंभ राशि में प्रात: साढ़े आठ बजे विधि -विधान पूजा अर्चना के बाद बंद किए गए. कपाट बंद होने के समय सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे. इस अवसर पर मंदिर को दानीदाता के सहयोग से पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं दी.

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा मदमहेश्वर के कपाट बंद होने के साथ ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है. उन्होंने बताया पीएम मोदी की प्रेरणा-मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं. हेमकुंड साहिब को सहित उत्तराखंड चारधाम में यात्रा वर्ष 2023 में 56 लाख तीर्थयात्री धामों में दर्शन पहुंचे है, जोकि पिछले वर्ष से 10 लाख अधिक हैं. केदारनाथ 19 लाख 61 हजार, बदरीनाथ धाम 18 लाख 41 हजार श्रद्धालु पहुंचे.

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विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद 13 हजार श्रद्धालु मदमहेश्वर मंदिर तथा पहली बार एक लाख 36 हजार श्रद्धालु तृतीय केदार तुंगनाथ पहुंचे‌ हैं. मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिह ने बताया मदमहेश्वर मंदिर के कपाटबंद होने तथा चल‌ विग्रह डोली के प्रस्थान तैयारियों को लेकर निर्देश दिये गये हैं.कपाट बंद की तैयारियों के बीच आज आज प्रात: चार बजे मदमहेश्वर मंदिर खुला भगवान मदमहेश्वर की अभिषेक जलाभिषेक पूजा हुई. साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहे.उसके बाद पुजारी बागेश लिंग ने कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की. भगवान शिव एवं भैरव नाथ की पूजा- अर्चना संपन्न हुई. भगवान मदमहेश्वर के स्यंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया. स्थानीय फूलों- शुष्क, पुष्पों, राख से ढ़क दिया. इसके बाद ममहेश्वर की चलविग्रह डोली के सभामंडप से बाहर आते ही साढे़ आठ बजे मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये.

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मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने कहा मदमहेश्वर भगवान की चलविग्रह डोली के 25 नवंबर को उखीमठ पहुंचेगी. जहां मंदिर समिति तथा स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा डोली का स्वागत किया जायेगा. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली आज गौंडार गांव पहुंचेगी. 23 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 24 नवंबर को गिरिया तथा 25 नवंबर को चल विग्रह डोली पंच केदार गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. इसके साथ मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी. 25 नवंबर को ऊखीमठ में मुख्य रूप से मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा.

Last Updated : Nov 22, 2023, 3:08 PM IST
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