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केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन के चलते रोकी गई यात्रा, उफनाई अलकनंदा और मंदाकिनी नदी

रुद्रप्रयाग में दो दिनों से लगातार बारिश से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. साथ ही छोटी लिनचैली के बीच भारी मलबा आने से यात्रा को रोक दिया गया है. नदियों ने भी खतरे के निशान को भी पार कर दिया है.

बारिश
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Published : Aug 3, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 6:43 PM IST

रुद्रप्रयागः लगातार हो रही बारिश के कारण परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं. केदारनाथ-गौरीकुंड 18 किमी पैदल यात्रा मार्ग पर छोटी लिनचैली के बीच भारी मलबा आने से यात्रा को रोक दिया गया है. यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिस कारण लोगों को नदी किनारे जाने से रोक दिया गया है.

केदारनाथ यात्रा पर बारिश का असर.

रुद्रप्रयाग में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश से जहां आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं केदारनाथ आने वाले यात्रियों की मुसीबतें बढ़ गईं हैं. बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ यात्रा मार्ग के छोटी लिनचैली में भारी भूस्खलन हो रहा है.

जिस कारण प्रशासन को यात्रा रोकनी पड़ी है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. मौसम साफ होने और पैदल मार्ग पर आये मलबे को हटाये जाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ भेजा जायेगा. केदारनाथ धाम में भी बारिश जारी है.

यह भी पढ़ेंः सड़कों पर गोवंश छोड़ने वाले डेरी मालिकों पर होगी कार्रवाई, गायों पर चिप लगाएगा निगम

वहीं दूसरी ओर अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी उफान पर आ गई हैं. नदियों ने खतरे के निशान को भी पार कर दिया है. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाई-वे पास अलकनंदा नदी किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति भी पूरी तरह से नदी में डूब गई है.

यह मूर्ति नदी से लगभग 20 मीटर दूर है और शिव मूर्ति 10 फीट ऊंची है, लेकिन नदी के पानी में मूर्ति के सिर का सिर्फ एक हिस्सा दिखाई दे रहा है. वहीं नदी किनारे स्थित घाटों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है.

रुद्रप्रयागः लगातार हो रही बारिश के कारण परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं. केदारनाथ-गौरीकुंड 18 किमी पैदल यात्रा मार्ग पर छोटी लिनचैली के बीच भारी मलबा आने से यात्रा को रोक दिया गया है. यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिस कारण लोगों को नदी किनारे जाने से रोक दिया गया है.

केदारनाथ यात्रा पर बारिश का असर.

रुद्रप्रयाग में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश से जहां आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं केदारनाथ आने वाले यात्रियों की मुसीबतें बढ़ गईं हैं. बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ यात्रा मार्ग के छोटी लिनचैली में भारी भूस्खलन हो रहा है.

जिस कारण प्रशासन को यात्रा रोकनी पड़ी है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. मौसम साफ होने और पैदल मार्ग पर आये मलबे को हटाये जाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ भेजा जायेगा. केदारनाथ धाम में भी बारिश जारी है.

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वहीं दूसरी ओर अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी उफान पर आ गई हैं. नदियों ने खतरे के निशान को भी पार कर दिया है. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाई-वे पास अलकनंदा नदी किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति भी पूरी तरह से नदी में डूब गई है.

यह मूर्ति नदी से लगभग 20 मीटर दूर है और शिव मूर्ति 10 फीट ऊंची है, लेकिन नदी के पानी में मूर्ति के सिर का सिर्फ एक हिस्सा दिखाई दे रहा है. वहीं नदी किनारे स्थित घाटों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है.

Intro:केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचैली में हुआ भूस्खलन
प्रशासन ने रोकी यात्रा, यात्रियों को रूकाया सुरक्षित स्थानों पर
अलकनंदा और मंदाकिनी नदी ने किया खतरे को निशान को पार
नदी किनारे जाने पर रोक, सभी घाट हुये जलमग्न

एंकर - लगातार हो रही बारिश के कारण परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। केदारनाथ-गौरीकुण्ड 18 किमी पैदल यात्रा मार्ग पर छोटी लिनचैली के मध्य भारी मलबा आ गया है। जिस कारण यात्रा को रोक दिया गया है। यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिस कारण नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है।
Body:रुद्रप्रयाग में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश से जहां आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं केदारनाथ आने वाले यात्रियों की मुसीबते बढ़ गई हैं। भूस्खलन के कारण गौरीकुण्ड -केदारनाथ यात्रा मार्ग के छोटी लिनचैली में भारी भूस्खलन हो रहा है। जिस कारण प्रशासन को यात्रा रोकनी पड़ी है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। मौसम साफ होने और पैदल मार्ग पर आये मलबे को हटाये जाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ भेजा जायेगा। केदारनाथ धाम में भी बारिश जारी है।

Conclusion:वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी उफान पर आ गई हैं। नदियां अपने बहाव क्षेत्र से काफी दूर बह रही हैं। नदियों ने खतरे के निशान को भी पार कर दिया है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे के नीचे बनाये गये पुल के नीचे अलकनंदा नदी किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति भी पूर्ण रूप से नदी में डूब गई है। यह मूर्ति नदी से लगभग बीस मीटर दूर है और शिव मूर्ति 10 फीट उंची है, लेकिन नदी के पानी में मूर्ति के सिर का सिर्फ एक हिस्सा दिखाई दे रहा है। वहीं नदी किनारे स्थित घाटों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। घाट पूर्णत: जलमग्न हो गये हैं। नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है।
Last Updated : Aug 3, 2019, 6:43 PM IST
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