ETV Bharat / state

चिरबटिया हिल स्टेशन पर समस्याओं का अंबार, चारधाम यात्रा पड़ाव पर ही सुविधाओं का टोटा

चिरबटिया हिल स्टेशन चारधाम यात्रा का पड़ाव है. इसके बाद भी यहां समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है. चिरबटिया हिल स्टेशन में शौचालय, पेयजल व स्वास्थ्य सेवाओं तक की सुविधा नहीं है. जिसके कारण यहां के लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी परेशानियों के दो चार होना पड़ता है.

Etv Bharat
चिरबटिया हिल स्टेशन पर समस्याओं का अंबार
author img

By

Published : Apr 6, 2023, 2:15 PM IST

रुद्रप्रयाग: टिहरी और रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा पर बसे और चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने के बावजूद चिरबटिया में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है. यहां पर पेयजल, शौचालय एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं होने से जहां स्थानीय लोग परेशान रहते हैं, वहीं चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भी दिक्कत से दो-चार होना पड़ता है. इस खूबसूरत पर्यटक स्थल को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक तो पहुंचते हैं, मगर रहने और खाने की भी उचित व्यवस्था नहीं होने से सैलानियों को मायूस होना पड़ता है.

बता दें जखोली विकासखण्ड का चिरबटिया गांव टिहरी और रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा पर बसा है. इसके साथ ही यह क्षेत्र चारधाम यात्रा से भी जुड़ा हुआ है. यहां पर वर्षों से पेयजल की समस्या बनी हुई है, जबकि यहां पर एक भी शौचालय नहीं होने से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशान होना पड़ता है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के बाद श्रद्धालु चिरबटिया गांव होते हुए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं. आगामी दिनों में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. हर वर्ष की तरह इस बार भी गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शनों के बाद श्रद्धालु केदारनाथ व बदरीनाथ की यात्रा के लिए घनसाली-चिरबटिया-मयाली-तिलवाड़ा से होकर निकलते हैं.
पढे़ं- हरिद्वार भ्रमण पर मानसखंड झांकी, सतपाल महाराज ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

चिरबटिया में आकर पर्यटक प्रकृति की खूबसूरती का दीदार करते हैं. मगर यहां पर शौचालय व पानी की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं में मायूसी देखने को मिलती है. इसके अलावा रहने और खाने की भी यहां पर उचित व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं के भी क्षेत्र में बुरे हाल हैं. ऐसे में तीर्थयात्री कुछ देर ठहरने के बाद यहां से चले जाते हैं और स्थानीय व्यापारियों के रोजगार पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है. प्रधान दिनेश कैंतुरा, उतम मेहरा, विमल मेहरा, संदीप कैंतुरा, जगदीप एवं भूपेन्द्र जगवाण ने कहा कि चारधाम यात्रा का अहम पड़ाव और रुद्रप्रयाग व टिहरी जनपद की सीमा में बसे चिरबटिया की ओर शासन-प्रशासन से लेकर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. इस क्षेत्र को टूरिस्ट प्लेस बनाने की घोषणाएं भी धरातल पर आज तक उतर नहीं पाई हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की खूबसूरती का दीदार करने के लिए तीर्थयात्री व सैलानी पहुंचते हैं, मगर उन्हें कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा वन सैंचुरी एरिया होने के कारण चिरबटिया में निर्माण कार्य नहीं हो पाए हैं. चिरबटिया के विकास को लेकर वन विभाग से बातचीत की गई है. जल्द ही इस पर्यटक स्थल में मूलभूत सुविधाएं देने के प्रयास किये जायेंगे.

पढे़ं- 'राजनीति' ने बिगाड़ी रिस्पना और बिंदाल नदियों की 'सूरत', स्टडी टूर, कैंपेन तक सीमित रही पुनर्जीवन की कोशिशें

चिरबटिया में पर्यटन की हैं अपार संभावनाएं: चिरबटिया को राज्य सरकार ने 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की भी तैयारी की. लेकिन वर्तमान में चिरबटिया की स्थिति को देखकर नहीं लग रहा है कि इस क्षेत्र के विकास को लेकर सरकार और स्थानीय स्तर पर कोई प्रयास किये गये हैं. यहां पर माउंटेन बाइकिंग, ट्रैकिंग, इको हट्स, इग्लू हट, बर्ड वाचिंग की अपार संभावनाएं हैं. चिरबटिया गांव से होते हुए कई बेहतरीन ट्रेक रूट निकलते हैं. चिरबटिया से पंवालीकांठा-त्रिजुगीनारायण होते हुए केदारनाथ और और चिरबटिया से राजबंगा ताल पांच किमी दूर है. चिरबटिया से हिमालय का विराट व खूबसूरत रूप दिखाई देता है. यहां से केदारनाथ, चैखम्बा, त्रिशूल, ब्रम्हल, हाथी घोड़ा, नंदा देवी, नंदाघुंटी पर्वत मालाएं दिखाई देती हैं. इसके अलावा नेपाल एवं चाइना की हिमालयी श्रृंखलाओं को भी आसानी से देखा जा सकता है.
पढे़ं- Hanuman Jayanti 2023: हर भक्त की बिगड़ी तकदीर संवारते हैं बाबा नीब करौरी, रहस्यों से भरा है कैंची धाम

चारधाम यात्रा के दौरान घनसाली से चिरबटिया-मयाली होकर तिलवाड़ा से केदारनाथ व बदरीनाथ धाम को निकलने वाले तीर्थयात्रियों को सड़क मार्ग पर भी भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है. इस स्टेट हाईवे के तिलवाड़ा से मयाली के बीच कई स्थानों पर डेंजर जोन बने हुए हैं. इन डेंजर जोनों पर किसी समय भी पहाड़ी से पत्थर गिरने लगते हैं, जिस कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं. खासकर जब यात्रा चरम पर रहती है और स्टेट हाईवे बंद हो जाता है. लोनिवि रुद्रप्रयाग की ओर से इन डेंजर जोनों का ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है, जिस कारण चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को तिलवाड़ा-मयाली के बीच संभलकर यात्रा करनी होगी.

रुद्रप्रयाग: टिहरी और रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा पर बसे और चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव होने के बावजूद चिरबटिया में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है. यहां पर पेयजल, शौचालय एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं होने से जहां स्थानीय लोग परेशान रहते हैं, वहीं चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को भी दिक्कत से दो-चार होना पड़ता है. इस खूबसूरत पर्यटक स्थल को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक तो पहुंचते हैं, मगर रहने और खाने की भी उचित व्यवस्था नहीं होने से सैलानियों को मायूस होना पड़ता है.

बता दें जखोली विकासखण्ड का चिरबटिया गांव टिहरी और रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा पर बसा है. इसके साथ ही यह क्षेत्र चारधाम यात्रा से भी जुड़ा हुआ है. यहां पर वर्षों से पेयजल की समस्या बनी हुई है, जबकि यहां पर एक भी शौचालय नहीं होने से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशान होना पड़ता है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के बाद श्रद्धालु चिरबटिया गांव होते हुए केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं. आगामी दिनों में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. हर वर्ष की तरह इस बार भी गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शनों के बाद श्रद्धालु केदारनाथ व बदरीनाथ की यात्रा के लिए घनसाली-चिरबटिया-मयाली-तिलवाड़ा से होकर निकलते हैं.
पढे़ं- हरिद्वार भ्रमण पर मानसखंड झांकी, सतपाल महाराज ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

चिरबटिया में आकर पर्यटक प्रकृति की खूबसूरती का दीदार करते हैं. मगर यहां पर शौचालय व पानी की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं में मायूसी देखने को मिलती है. इसके अलावा रहने और खाने की भी यहां पर उचित व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं के भी क्षेत्र में बुरे हाल हैं. ऐसे में तीर्थयात्री कुछ देर ठहरने के बाद यहां से चले जाते हैं और स्थानीय व्यापारियों के रोजगार पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है. प्रधान दिनेश कैंतुरा, उतम मेहरा, विमल मेहरा, संदीप कैंतुरा, जगदीप एवं भूपेन्द्र जगवाण ने कहा कि चारधाम यात्रा का अहम पड़ाव और रुद्रप्रयाग व टिहरी जनपद की सीमा में बसे चिरबटिया की ओर शासन-प्रशासन से लेकर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. इस क्षेत्र को टूरिस्ट प्लेस बनाने की घोषणाएं भी धरातल पर आज तक उतर नहीं पाई हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की खूबसूरती का दीदार करने के लिए तीर्थयात्री व सैलानी पहुंचते हैं, मगर उन्हें कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा वन सैंचुरी एरिया होने के कारण चिरबटिया में निर्माण कार्य नहीं हो पाए हैं. चिरबटिया के विकास को लेकर वन विभाग से बातचीत की गई है. जल्द ही इस पर्यटक स्थल में मूलभूत सुविधाएं देने के प्रयास किये जायेंगे.

पढे़ं- 'राजनीति' ने बिगाड़ी रिस्पना और बिंदाल नदियों की 'सूरत', स्टडी टूर, कैंपेन तक सीमित रही पुनर्जीवन की कोशिशें

चिरबटिया में पर्यटन की हैं अपार संभावनाएं: चिरबटिया को राज्य सरकार ने 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की भी तैयारी की. लेकिन वर्तमान में चिरबटिया की स्थिति को देखकर नहीं लग रहा है कि इस क्षेत्र के विकास को लेकर सरकार और स्थानीय स्तर पर कोई प्रयास किये गये हैं. यहां पर माउंटेन बाइकिंग, ट्रैकिंग, इको हट्स, इग्लू हट, बर्ड वाचिंग की अपार संभावनाएं हैं. चिरबटिया गांव से होते हुए कई बेहतरीन ट्रेक रूट निकलते हैं. चिरबटिया से पंवालीकांठा-त्रिजुगीनारायण होते हुए केदारनाथ और और चिरबटिया से राजबंगा ताल पांच किमी दूर है. चिरबटिया से हिमालय का विराट व खूबसूरत रूप दिखाई देता है. यहां से केदारनाथ, चैखम्बा, त्रिशूल, ब्रम्हल, हाथी घोड़ा, नंदा देवी, नंदाघुंटी पर्वत मालाएं दिखाई देती हैं. इसके अलावा नेपाल एवं चाइना की हिमालयी श्रृंखलाओं को भी आसानी से देखा जा सकता है.
पढे़ं- Hanuman Jayanti 2023: हर भक्त की बिगड़ी तकदीर संवारते हैं बाबा नीब करौरी, रहस्यों से भरा है कैंची धाम

चारधाम यात्रा के दौरान घनसाली से चिरबटिया-मयाली होकर तिलवाड़ा से केदारनाथ व बदरीनाथ धाम को निकलने वाले तीर्थयात्रियों को सड़क मार्ग पर भी भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है. इस स्टेट हाईवे के तिलवाड़ा से मयाली के बीच कई स्थानों पर डेंजर जोन बने हुए हैं. इन डेंजर जोनों पर किसी समय भी पहाड़ी से पत्थर गिरने लगते हैं, जिस कारण लोगों को आवागमन में दिक्कतें होती हैं. खासकर जब यात्रा चरम पर रहती है और स्टेट हाईवे बंद हो जाता है. लोनिवि रुद्रप्रयाग की ओर से इन डेंजर जोनों का ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है, जिस कारण चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को तिलवाड़ा-मयाली के बीच संभलकर यात्रा करनी होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.