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ओंकारेश्वर मंदिर के कोठा भवन का होगा जीर्णोद्धार, हकहकूक धारियों से मांगे सुझाव

ओंकारेश्वर मंदिर में कोठा भवन जीर्णोद्धार के लिए समिति और चारधाम देवस्थानम बोर्ड के वित्त निदेशक की बैठक हुई. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि कोठा भवन का जीर्णोद्धार शासन के मानकों और स्थानीय जनता के सुझावों के आधार पर किया जाएगा.

Rudraprayag
कोठा भवन के जीर्णोद्धार को लेकर हुई बैठक
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Published : Aug 13, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 6:51 PM IST

रुद्रप्रयाग: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान की अध्यक्षता में ओंकारेश्वर मंदिर में कोठा भवन जीर्णोद्धार समिति की बैठक आहूत की गई. बैठक में कोठा भवन के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, हकहकूक धारियों और ग्रामीणों के सुझाव मांगे गए.

इस बैठक में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय जनता के हकहकूक धारियों के हकों के साथ किसी प्रकार की अनदेखी नहीं की जाएगी. स्थानीय जनता की आशाओं के अनुरूप कोठा भवन का निर्माण किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि किसी भी कार्य के निर्माण के लिए शासन से बार-बार धन अवमुक्त नहीं होता है. इसलिए कोठा भवन का निर्माण शासन के मानकों और स्थानीय जनता के सुझावों के आधार पर किया जाएगा.

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कोठा भवन के निर्माण में पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं से खिलवाड़ जरा भी नहीं होना चाहिए. साथ ही स्थानीय हक-हकूकधारियों के हक बरकार रहने चाहिए. वक्ताओं का कहना है कि कोठा भवन का निर्माण पहाड़ी शैली के अनुसार होना चाहिए. साथ ही स्थानीय कारीगरों और बेरोजगारों को प्राथिकता मिलनी चाहिए. वहीं, वक्ताओं ने सुझाव देते हुए कहा कि ऊषा अनिरुद्ध विवाह मंडप सहित सभी मंदिरों को आकर्षक और भव्य रूप दिया जाना चाहिए. तभी मंदिर की भव्यता बढ़ेगी.

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वहीं, वक्ताओं ने सुझाव देते हुए कहा कि कोठा भवन का जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत पूरब दिशा से होनी चाहिए. जीर्णोद्धार से पहले सभी देवी-देवताओं की स्थापना परंपरा और विधि विधान से ही होनी चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर का कलश जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. इसलिए अतिशीघ्र नए कलश की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा कोठा भवन के पीछे की जमीन फुलवारी के रूप में विकसित करने के साथ ही सरस्वती कुंड का जीर्णोद्धार भी होना चाहिए.

रुद्रप्रयाग: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान की अध्यक्षता में ओंकारेश्वर मंदिर में कोठा भवन जीर्णोद्धार समिति की बैठक आहूत की गई. बैठक में कोठा भवन के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, हकहकूक धारियों और ग्रामीणों के सुझाव मांगे गए.

इस बैठक में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय जनता के हकहकूक धारियों के हकों के साथ किसी प्रकार की अनदेखी नहीं की जाएगी. स्थानीय जनता की आशाओं के अनुरूप कोठा भवन का निर्माण किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि किसी भी कार्य के निर्माण के लिए शासन से बार-बार धन अवमुक्त नहीं होता है. इसलिए कोठा भवन का निर्माण शासन के मानकों और स्थानीय जनता के सुझावों के आधार पर किया जाएगा.

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कोठा भवन के निर्माण में पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं से खिलवाड़ जरा भी नहीं होना चाहिए. साथ ही स्थानीय हक-हकूकधारियों के हक बरकार रहने चाहिए. वक्ताओं का कहना है कि कोठा भवन का निर्माण पहाड़ी शैली के अनुसार होना चाहिए. साथ ही स्थानीय कारीगरों और बेरोजगारों को प्राथिकता मिलनी चाहिए. वहीं, वक्ताओं ने सुझाव देते हुए कहा कि ऊषा अनिरुद्ध विवाह मंडप सहित सभी मंदिरों को आकर्षक और भव्य रूप दिया जाना चाहिए. तभी मंदिर की भव्यता बढ़ेगी.

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वहीं, वक्ताओं ने सुझाव देते हुए कहा कि कोठा भवन का जीर्णोद्धार कार्य की शुरुआत पूरब दिशा से होनी चाहिए. जीर्णोद्धार से पहले सभी देवी-देवताओं की स्थापना परंपरा और विधि विधान से ही होनी चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर का कलश जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. इसलिए अतिशीघ्र नए कलश की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा कोठा भवन के पीछे की जमीन फुलवारी के रूप में विकसित करने के साथ ही सरस्वती कुंड का जीर्णोद्धार भी होना चाहिए.

Last Updated : Aug 13, 2021, 6:51 PM IST
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