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वैष्णो देवी की तर्ज पर करवाई जाएगी केदारनाथ यात्रा, मिलेंगी ये सुविधाएं

केदारनाथ यात्रा को वैष्णो देवी की तर्ज पर संचालित किया जाएगा. इसके लिए वैष्णो देवी की यात्रा पर गए अधिकारियों के दल ने रुद्रप्रयाग डीएम को रिपोर्ट सौंपी है.

केदारनाथ
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Published : Nov 12, 2019, 8:49 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा को वैष्णो देवी की तर्ज पर संचालित करने की कवायद की जा रही है. इसी को लेकर आठ विभागों की टीम वैष्णो देवी की यात्रा पर गई थी. जिसके बाद टीम 6 दिवसीय यात्रा कर वापस जिला मुख्यालय लौट आई है. साथ ही जिला कार्यालय को अध्ययन की रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें उन्होंने केदारनाथ यात्रा को और ज्यादा बेहतर बनाने के सुझाव दिए हैं.

बता दें कि वैष्णो देवी यात्रा टीम में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन, नगर पालिका, स्वजल, जल संस्थान, उरेड़ा, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारी शामिल थे. मंगलवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

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डीएम ने दिए ये निर्देश-

  • रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग में लीद से कम्पोस्ट खाद्य तैयार करने के लिए गड्डे बनाने के निर्देश. जिसमें लीद इकठ्ठा कर कम्पोस्ट बनाई जा सके.
  • भीमबली के पास घोड़े खच्चरों के लिए स्थायी संरचना बनाने के लिए प्रांकलन तैयार करने के निर्देश.
  • स्थानीय लोगों के माध्यम से विभिन्न पड़ावों पर मसाज प्वाइंट बनाने के निर्देश. मामले पर ऊखीमठ एसडीएम को होमवर्क कर रिपोर्ट देने के आदेश.
  • आगामी यात्रा में सभी हेली कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपनी एंबुलेंस रखनी होगी. जो हेली रेस्क्यू वाले यात्रियों को अस्पताल पहुंचाएगी.
  • सभी घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों की यूनिफॉर्म रहेगी. जिससे आसानी से उनकी पहचान हो सके.

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरएस नितवाल ने बताया कि वैष्णो देवी यात्रा का रूट पूर्णतः कवर होने के कारण घोड़े-खच्चर की लीद गीली नहीं होती है. साथ ही साफ करने में भी आसानी होती है. लीद को यात्रा मार्ग में नियुक्त सफाई कार्मिक बोरो में भरकर एक स्थान पर एकत्र करते हैं और दिन में दो बार गाड़ी भेजी जाती है, जो इस लीद को निश्चित स्थान पर पहुंचाती है.

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उन्होंने कहा कि लीद को बॉयो गैस प्लांट में प्रयुक्त कर ईंधन बनाने और कंपोस्टिंग के माध्यम से खाद तैयार कर खेतों में प्रयोग किया जाता है. घोड़े खच्चरों के लिए चेतक भवन नाम से आवास, गुणवत्ता युक्त चरी, आरएफ टैगिंग, शॉर्टकट रास्तों पर सीढ़ियों का निर्माण कर उनकी संख्या अंकित की जानी चाहिए.

साथ ही उन्होंने वैष्णो देवी में स्वास्थ्य सेवाएं, सफाई व्यवस्था, घोड़े-खच्चरों की लीद को लेकर हो रही संचालन का प्रस्तुतिकरण दिया. इसके अलावा टीम ने पेयजल और विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पर विस्तृत अध्ययन किया और डीएम को इसकी रिपोर्ट सौंपी.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा को वैष्णो देवी की तर्ज पर संचालित करने की कवायद की जा रही है. इसी को लेकर आठ विभागों की टीम वैष्णो देवी की यात्रा पर गई थी. जिसके बाद टीम 6 दिवसीय यात्रा कर वापस जिला मुख्यालय लौट आई है. साथ ही जिला कार्यालय को अध्ययन की रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें उन्होंने केदारनाथ यात्रा को और ज्यादा बेहतर बनाने के सुझाव दिए हैं.

बता दें कि वैष्णो देवी यात्रा टीम में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन, नगर पालिका, स्वजल, जल संस्थान, उरेड़ा, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारी शामिल थे. मंगलवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

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डीएम ने दिए ये निर्देश-

  • रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग में लीद से कम्पोस्ट खाद्य तैयार करने के लिए गड्डे बनाने के निर्देश. जिसमें लीद इकठ्ठा कर कम्पोस्ट बनाई जा सके.
  • भीमबली के पास घोड़े खच्चरों के लिए स्थायी संरचना बनाने के लिए प्रांकलन तैयार करने के निर्देश.
  • स्थानीय लोगों के माध्यम से विभिन्न पड़ावों पर मसाज प्वाइंट बनाने के निर्देश. मामले पर ऊखीमठ एसडीएम को होमवर्क कर रिपोर्ट देने के आदेश.
  • आगामी यात्रा में सभी हेली कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपनी एंबुलेंस रखनी होगी. जो हेली रेस्क्यू वाले यात्रियों को अस्पताल पहुंचाएगी.
  • सभी घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों की यूनिफॉर्म रहेगी. जिससे आसानी से उनकी पहचान हो सके.

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरएस नितवाल ने बताया कि वैष्णो देवी यात्रा का रूट पूर्णतः कवर होने के कारण घोड़े-खच्चर की लीद गीली नहीं होती है. साथ ही साफ करने में भी आसानी होती है. लीद को यात्रा मार्ग में नियुक्त सफाई कार्मिक बोरो में भरकर एक स्थान पर एकत्र करते हैं और दिन में दो बार गाड़ी भेजी जाती है, जो इस लीद को निश्चित स्थान पर पहुंचाती है.

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उन्होंने कहा कि लीद को बॉयो गैस प्लांट में प्रयुक्त कर ईंधन बनाने और कंपोस्टिंग के माध्यम से खाद तैयार कर खेतों में प्रयोग किया जाता है. घोड़े खच्चरों के लिए चेतक भवन नाम से आवास, गुणवत्ता युक्त चरी, आरएफ टैगिंग, शॉर्टकट रास्तों पर सीढ़ियों का निर्माण कर उनकी संख्या अंकित की जानी चाहिए.

साथ ही उन्होंने वैष्णो देवी में स्वास्थ्य सेवाएं, सफाई व्यवस्था, घोड़े-खच्चरों की लीद को लेकर हो रही संचालन का प्रस्तुतिकरण दिया. इसके अलावा टीम ने पेयजल और विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पर विस्तृत अध्ययन किया और डीएम को इसकी रिपोर्ट सौंपी.

Intro:केदारनाथ यात्रा मार्ग पर खोले जायेंगे मसाज प्वाइंट
एसडीएम ऊखीमठ को होमवर्क करने के दिए निर्देश
वैष्णो देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा को संचालित करने का मकसद
आठ विभागों के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण देते हुए दिए सुझाव
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को वैष्णों देवी की तर्ज पर संचालित करने को लेकर आठ विभागों की टीम वैष्णों देवी यात्रा पर गई। यात्रा के बाद लौटकर टीम ने अपने छः दिवसीय भ्रमण के दौरान अध्ययन की रिपोर्ट का जिला कार्यालय में प्रस्तुतिकरण दिया और केदारनाथ यात्रा को और अधिक बेहतर बनाने के सुझाव दिए। टीम में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, नगर पालिका, स्वजल, जल संस्थान, उरेड़ा विभाग, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारी शामिल रहे।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता डीडीएमए को रामबाड़ा वैकल्पिक मार्ग में लीद से कम्पोस्ट खाद्य तैयार करने के लिए गड्डे बनाने, जिसमें लीद इकठ्ठा कर कम्पोस्ट बनाई जा सके। घोड़े खच्चरों के लिये भीमबली के समीप स्थाई संरचना बनाने के लिए प्रंाकलन तैयार करने, एसडीएम ऊखीमठ को स्थानीय लोगों के माध्यम से विभिन्न पड़ावों पर मसाज प्वाइंट बनाने के लिए होमवर्क कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। कहा कि आगामी यात्रा में सभी हेली कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपनी एम्बुलेंस रखनी होगी, जो कि हेली रेस्क्यू वाले यात्रियों को अस्पताल पहुंचायेगी। सभी घोड़े-खच्चर-डंडी-कंडी संचालकों की यूनिफॉर्म रहेगी, जिससे आसानी से उनकी पहचान हो सके।Body:बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस नितवाल ने बताया कि वैष्णों देवी यात्रा का रूट पूर्णतः कवर होने के कारण घोड़े-खच्चर की लीद गीली नहीं होती और साफ करने में आसानी होती है। लीद को यात्रा मार्ग में नियुक्त सफाई कार्मिक द्वारा बोरो में भरकर एक स्थान पर एकत्र करते हैं और दिन में दो बार गाड़ी भेजी जाती है जो इस लीद को निश्चित स्थान पर पहंुचाती है। लीद को बाॅयो गैस प्लांट में प्रयुक्त कर ईंधन बनाने व कम्पोस्टिंग के माध्यम से खाद्य तैयार कर खेतों में प्रयोग की जाती है। घोड़े खच्चरों के लिए चेतक भवन नाम से आवास, गुणवत्ता युक्त चरी, आरएफ टैगिंग, शॉर्ट कट रास्तों पर सीढ़ियों के निर्माण कर सीढ़ी की संख्या अंकित किया जाय। वैष्णों देवी में स्वास्थ्य सेवाएं, सफाई व्यवस्था, घोड़े-खच्चरों की लीद का संचालन किस तरह होता है का प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके अलावा टीम ने पेयजल व विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पर विस्तृत अध्ययन किया और रिपोर्ट दी।Conclusion:
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