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लॉकडाउन के कारण केदारनाथ यात्रा पर ब्रेक, हजारों के सामने गहराया रोटी का संकट

केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों से खचाखच भरे रहने वाले बाजारों में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में यात्रा पर निर्भर रहने वाले हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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Published : May 21, 2020, 8:52 PM IST

केदारनाथ यात्रा
केदारनाथ यात्रा

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा रूट पर यात्रियों से खचाखच भरे रहने वाले बाजारों में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. लॉकडाउन के चलते व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं. ऐसे में केदारघाटी के व्यापारियों के अलावा स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. दरअसल, केदारघाटी के स्थानीय लोग यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं. जिसमें छह माह की यात्रा में सालभर अपना भरण-पोषण करते हैं. लेकिन, इस बार यात्रा न चलने से लोगों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि, कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में मई और जून का महीना केदारनाथ यात्रा का मुख्य महीना होता है. इन दो महीनों में देश-विदेश के लाखों यात्री केदारनाथ यात्रा पर आते थे. जिसके कारण केदारनाथ यात्रा रूट में पड़ने वाला सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, सीतापुर, गौरीकुण्ड, फाटा, रामपुर आदि बाजार यात्रियों से भरा होता था. लेकिन, इस बार लाॅकडाउन के चलते यात्रियों की आवाजाही बंद है.

केदारनाथ यात्रा पर रोक.

ऐसे में यात्रा न चलने के कारण हजारों लोगों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. वहीं होटल, दुकानें, लाॅज, घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी आदि का संचालन पूरी तरह से बंद है. गौरीकुण्ड के गौरीशंकर गोस्वामी, प्रेम बहादुर और राज सिंह की मानें तो केदारघाटी की अधिकांश जनता यात्रा पर निर्भर है. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस की मार यात्रा पर पड़ गई है. ऐसे में लोगों के सामने आजीविका का संकट गहराने लगा है.

पढ़ें- कोरोना वायरस लाखों अफ्रीकियों को गरीबी की ओर धकेल स्कता है : यूएन प्रमुख

वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बाहर से आए प्रवासी और केदारनाथ यात्रा पर निर्भर लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में इन लोगों के लिए रोजगार के संसाधन निकाले जा रहे हैं. इस दौरान बेरोजगार लोग पशुपालन और खेती से अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकते हैं.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा रूट पर यात्रियों से खचाखच भरे रहने वाले बाजारों में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. लॉकडाउन के चलते व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं. ऐसे में केदारघाटी के व्यापारियों के अलावा स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. दरअसल, केदारघाटी के स्थानीय लोग यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं. जिसमें छह माह की यात्रा में सालभर अपना भरण-पोषण करते हैं. लेकिन, इस बार यात्रा न चलने से लोगों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि, कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में मई और जून का महीना केदारनाथ यात्रा का मुख्य महीना होता है. इन दो महीनों में देश-विदेश के लाखों यात्री केदारनाथ यात्रा पर आते थे. जिसके कारण केदारनाथ यात्रा रूट में पड़ने वाला सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, सीतापुर, गौरीकुण्ड, फाटा, रामपुर आदि बाजार यात्रियों से भरा होता था. लेकिन, इस बार लाॅकडाउन के चलते यात्रियों की आवाजाही बंद है.

केदारनाथ यात्रा पर रोक.

ऐसे में यात्रा न चलने के कारण हजारों लोगों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. वहीं होटल, दुकानें, लाॅज, घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी आदि का संचालन पूरी तरह से बंद है. गौरीकुण्ड के गौरीशंकर गोस्वामी, प्रेम बहादुर और राज सिंह की मानें तो केदारघाटी की अधिकांश जनता यात्रा पर निर्भर है. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस की मार यात्रा पर पड़ गई है. ऐसे में लोगों के सामने आजीविका का संकट गहराने लगा है.

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वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बाहर से आए प्रवासी और केदारनाथ यात्रा पर निर्भर लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में इन लोगों के लिए रोजगार के संसाधन निकाले जा रहे हैं. इस दौरान बेरोजगार लोग पशुपालन और खेती से अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकते हैं.

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