रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के सिरोबगड़ में एक बार फिर से पहाड़ी से भूस्खलन होने लगा है. दो-चार दिन तक बारिश नहीं होने से राजमार्ग की पहाड़ी से मलबा गिरना बंद हो गया था मगर देर रात फिर हुई बारिश के बाद राजमार्ग बंद हो गया, जिसे खोलने में एनएच विभाग को घंटों का समय लग गया. इस स्थान पर पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिस कारण राजमार्ग पर गिरे मलबे को साफ करना मुश्किल हो रहा है.
इसके अलावा बारिश के कारण अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है. पुलिस अनाउंसमेंट के जरिये लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह दे रही है. वहीं गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह उफनते गदेरों को पार करके तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. पुलिस, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही एनडीआरएफ के जवान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में जुटे हुए हैं. भक्तों को सुरक्षित यात्रा करवाई जा रही है.
नासूर बना सिरोबगड़ भूस्खलन जोन: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग से 15 किमी दूर सिरोबगड़ में पहाड़ी से मलबा गिरने का दौर जारी है. यहां पर बारिश होते ही पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो रही है. लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम की यात्रा भी प्रभावित हो रही है. साथ ही चमोली व रुद्रप्रयाग जनपद में समय से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है. घंटों तक आवाजाही ठप रहने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.
मंदाकिनी और अलकनंदा का जल स्तर बढ़ा: गुरुवार देर रात हुई बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे एक बार फिर से सिरोबगड़ में बंद हो गया, जिससे राजमार्ग के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गये. राजमार्ग को खुलने में 6 घंटे का समय लग गया और लोगों ने फिर राहत की सांस ली. यहां पर अभी भी लगातार भूस्खलन हो रहा है. बारिश के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है.
नदियों के किनारे बसे लोगों को किया जा रहा सचेत: ऐसे में नदी किनारे रहने वाले लोगों की मुश्किल भी बढ़ गयी हैं. पुलिस की ओर से नदियों के किनारे बसे लोगों को अनाउंसमेंट के जरिये सचेत रहने की सलाह दी जा रही है. साथ ही लोगों के नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है.
केदारनाथ यात्रा ने तोड़ा रिकॉर्ड: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार रिकार्ड तोड़ते जा रही है. 75 दिन में ही 9 लाख 2 हजार 620 तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंच चुके हैं. बरसाती सीजन में भी हजारों की तादात में श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. केदारनाथ धाम की 19 किमी की कठिन पैदल यात्रा करते समय यात्रियों को बारिश और भूस्खलन जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके यात्रियों के हौंसले बुलंद हैं.
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केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग बेहद जटिल: बरसाती सीजन में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर सफर करना मुश्किल हो जाता है. पैदल मार्ग के दो से तीन जगहों पर गदेरे उफान पर आये हुए हैं. इन गदेरों को पार करना किसी खतरे से खाली नहीं है. जब ये गदेरे उफान पर रहते हैं तो पुलिस यात्रा को रोक देती है.
पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल के मुताबिक केदारनाथ पैदल मार्ग के भीम गदेरे पर बने पुल पर पानी का वेग अधिक होने पर सुरक्षा के दृष्टिगत यात्रियों को भीमबली में रोका गया. बारिश कम होने पर धीरे-धीरे यात्रियों को नीचे के लिए रवाना किया गया. उन्होंने बताया कि बारिश होने पर पैदल मार्ग पर गदेरे उफान पर आ जाते हैं. ऐसे स्थानों पर पुलिस, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित यात्रा करवाई जा सके.