रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के कपाट अगले छह महीने के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर भगवान केदारनाथ के धाम को भव्य और दिव्य तरीके से 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम में इस मौके पर मौजूद थे. सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए.
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी से खुले. इस समय कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है.
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कपाट खोलने की तैयारियों को लेकर रविवार को ही अधिकारी और कर्मचारी केदारनाथ धाम पहुंच गए थे. लेकिन, भक्तों के बिना बाबा का दरबार वीरान है.
ऋषिकेश निवासी सौरभ कालरा के सहयोग से भगवान केदारनाथ के मंदिर को 11 क्विंटल पुष्पों से सजाया गया. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शंकर लिंग, जिलाधिकारी मनुज गोयल, नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी भी भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे. देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी और डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ सहित सभी सहायक मंदिरों को रंग रोगन कर सजाया गया है. बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.
सीएम तीरथ ने दी शुभकामनाएं
सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुभकामनाएं देते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करें. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जनकल्याण के लिए की गई है.
पीएम मोदी के नाम की पहली पूजा
सुबह 5 बजे कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. गुजरात के उद्योगपति दीपक रावत हर साल दीपावली, सावन और कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी के नाम की पूजा करवाते हैं. देवस्थानम बोर्ड की ओर से 6500 रुपए की रसीद पीएम मोदी के पूजा के लिए काटी गई है.
परंपरा के मुताबिक डोली पहुंची केदारनाथ
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 13 मई को भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की गई थी. बाबा केदार की विग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा पहुंची जिसके बाद 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई.
इससे पहले ओंकारेश्वर मंदिर और भैरवनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया. परंपरा के मुताबिक डोली समाधिस्थल की परिक्रमा करते हुए ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे पर पहुंची. यहां पर पहले से मौजूद प्रशासन, पुलिस और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने डोली को वाहन में विराजमान करते हुए विदा किया. केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं. फिर अगले साल अप्रैल-मई के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं.
18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे. धाम के कपाट विधि-विधान के साथ प्रात: 4:15 बजे खोले दिए जाएंगे.