रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश सरकार द्वारा गठित देवस्थानम बोर्ड के विरोध में सरस्वती और मंदाकिनी नदी के तट पर प्रदेश सरकार का पिंडदान कर अपने गुस्से का इजहार किया. आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति को भंग करके सरकार ने जबरन देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है. जिससेे तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय लोगों के हक हकूकों के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
इससे पहले, मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने केदारनाथ पहुंचकर तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक की और उनकी समस्यों को सुना. हालांकि, इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका. ऐसे में पिंडदान कर पुरोहित समाज ने अपने गुस्से का इजहार किया है.
बता दें कि केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के विरोध में पिछले दो महीने से आंदोलन करते आ रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि पूर्व की भांति बदरी-केदार मंदिर समिति को संचालित करते हुये बोर्ड को भंग किया जाये. तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि सरकार इसके बाद भी नहीं चेती तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जायेगा.
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गौर हो कि चारधामों के साथ ही 50 से अधिक मंदिरों को प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड के तहत संचालित करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसला से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित नाराज हैं. इसके साथ ही पुरोहित समाज केदारनाथ धाम में लागू मास्टर प्लान का भी विरोध कर रहा है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों का केदारनाथ धाम में लगातार धरना 12 जून से जारी है.