रुद्रप्रयाग: केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने स्थानीय लोगों के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू किए जाने का विरोध किया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा को स्थानीय लोगों के लिए भी 30 जून तक बंद रखा जाए. केदारनाथ यात्रा के सबसे अहम पड़ाव गौरीकुंड के व्यापारियों ने भी स्थानीय लोगों के लिए यात्रा शुरू करने का विरोध किया है.
दरअसल, देवस्थानम बोर्ड ने स्थानीय लोगों के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है. जनपदवासी केदारनाथ यात्रा कर सकते हैं. लेकिन देवस्थानम बोर्ड के इस निर्णय का केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज कड़ा विरोध कर रहा है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में 30 जून तक यात्रा बंद रखनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: 1537 पहुंचा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा, 722 लोगों ने जीती 'जंग'
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित अंकित सेमवाल का कहना है कि 30 जून तक यात्रा स्थगित रहनी चाहिए. 30 जून के बाद ही यात्रा पर सरकार को निर्णय लेना चाहिए. वहीं, केदारनाथ यात्रा के सबसे मुख्य पड़ाव गौरीकुंड के व्यापारियों ने भी 30 जून तक केदारनाथ यात्रा को बंद रखने की मांग की है. गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि रुद्रप्रयाग भी कोरोना वायरस से अछूता नहीं है. ऐसे में सरकार को यात्रा 30 जून तक बंद रखनी चाहिए.
ये भी पढ़ें- प्रदेश में खुशनुमा रहेगा मौसम का मिजाज, इन जिलों में बारिश की संभावना
वहीं, देवस्थानम बोर्ड की ओर से यात्रा को लेकर जारी फरमान के बाद स्वास्थ्य महकमे ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. जहां पिछले साल तक केदारनाथ यात्रा मार्गों पर शासन से चिकित्सकों की मांग की जाती थी वहीं, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए जिला स्तर से ही चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एसके झा ने बताया कि शासन के निर्णय के बाद स्वास्थ्य महकमे की ओर से यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं. यात्रा मार्गों पर चिकित्सकों के साथ फार्मासिस्टों की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को दी जाएंगी.