रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का आमरण अनशन जारी है. इस बीच आंदोलनकारी तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि क्रमिक अनशन को चार और आमरण अनशन को दो दिन हो गए हैं. लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया है. ऐसे में अब केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित बुधवार से धाम में चल रहे सभी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों को रोक देंगे.
केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित उनकी भूमि का अधिकार देने, 2013 की आपदा में ध्वस्त भवनों के स्थान पर बनाए गए नए भवनों को उन्हें सौंपने के साथ ही खड़े भवनों को ना छेड़ने और केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार से धाम के दो तीर्थ पुरोहित आमरण-अनशन कर रहे हैं. जबकि अन्य तीर्थ पुरोहित क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. कई तीर्थ पुरोहितों ने अपना नित्य पूजा-पाठ का कार्यक्रम भी छोड़ दिया है.
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शासन-प्रशासन ने नहीं ली सुध: केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने कहा कि उनका आंदोलन 16 सितंबर से शुरू हो गया था, लेकिन अभी प्रशासन या फिर सरकार की ओर से उनकी सुध लेने नहीं आया है. यदि यही स्थिति रही तो बुधवार से धाम में चल रहे सभी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों को बंद करवाया जाएगा. ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में आज क्यों बंद हैं सभी दुकानें और होटल? जानिए क्या कह रहे तीर्थ पुरोहित
गणेश चतुर्थी पर लिया निर्णय: केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा कि सरकार को तीर्थ पुरोहितों की मांगों से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ पुरोहितों ने गणेश चतुर्थी पर निर्णय लिया है कि वह अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.