ETV Bharat / state

केदारनाथ विधायक की जन जागरण यात्रा, साइकिल से नापेंगे गैरसैंण की दूरी

केदारनाथ से कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने जग जागरण यात्रा की शुरुआत की. उनकी साइकिल यात्रा आज देर शाम तक गैरसैंण पहुंचेगी.

kedarnath
केदारनाथ विधायक की जन जागरण यात्रा
author img

By

Published : Mar 2, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 2:14 PM IST

रुद्रप्रयाग: तीन मार्च से गैरसैंण में शुरू होने वाले उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बजट पेश होने के अलावा हंगामा होना निश्चित है. कांग्रेस अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है. एक तरफ बीते रोज नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर चुकी हैं तो अब केदारनाथ से कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने भी जन जागरण यात्रा शुरू कर दी है. बीते रोज शुरू की गई उनकी जन जागरण यात्रा आज देर शाम गैरसैंण में समाप्त होगी. इस यात्रा में विधायक मनोज रावत साइकिल से गैरसैंण की दूरी नापेंगे.

केदारनाथ विधायक की जन जागरण यात्रा, साइकिल से नापेंगे गैरसैंण की दूरी

रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र गबनी गांव चंद्रापुरी से विधायक मनोज रावत ने साइकिल यात्रा की शुरुआत की. साइकिल यात्रा के दौरान विधायक रावत ने कहा कि गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में बजट सत्र एक महीने से अधिक समय का होता है. वही, उत्तराखंड सरकार इसे मात्र चार दिन में खत्म कर रही है. उन्होंने बताया कि समय के अभाव के चलते आम जन जीवन से जुड़े मुदों पर चर्चा नही हो पाएगी. खासकर जंगली जानवरों जैसे बंदरों, जंगली सुअरों, भालुओं, साहियों, गुलदारों से हो रहे खेती और मानव को हो रहे नुकसान पर आज तक प्रदेश की सरकार कोई समाधान नहीं खोज पाई है.

ये भी पढ़ें: कोर्ट में पेश हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत, विधानसभा चुनाव 2012 में अभद्रता का आरोप

वहीं, हाई कोर्ट के एक निर्णय जिसमें, बुग्यालों में टैंट लगाने यानि कैंपिग पर प्रतिबंध लगाया गया था, यह मुद्दा एक साल पहले विधानसभा में उठाया गया था. मामले में सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी. परन्तु आज तक सरकार ने इस विषय में कुछ नहीं किया. उच्च न्यायालय के कुछ महीने पूर्व के निर्णय के बाद बंजर और बेनाप भूमि फिर से वन भूमि घोषित कर दी गई है. जबकि देश भर में बंजर और बेनाप भूमि पर ग्राम पंचायतों का अधिकार है. इस पर भी सरकार खामोश है.

इसके अलावा राज्य में बेरोजगार सड़कों पर हैं और सरकार पहले तो रिक्त पदों की विज्ञप्ति नहीं निकाल रही है, अगर कोई परीक्षा करा भी रही है तो फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा की तरह इन परीक्षाओं में गड़बड़ी हो रही है या मामले न्यायालयों में लंबित हैं. उत्तराखंड में 2017 के बाद पीसीएस की परीक्षा नहीं हो पायी है. ऐसे ही अन्य कई मुद्दे हैं. जिस पर सरकार केवल आश्वासन देती है, करती कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को जगाने के लिए उन्होंने अपनी विधानसभा से गैरसैंण तक साइकिल यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया है.

रुद्रप्रयाग: तीन मार्च से गैरसैंण में शुरू होने वाले उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बजट पेश होने के अलावा हंगामा होना निश्चित है. कांग्रेस अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है. एक तरफ बीते रोज नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर चुकी हैं तो अब केदारनाथ से कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने भी जन जागरण यात्रा शुरू कर दी है. बीते रोज शुरू की गई उनकी जन जागरण यात्रा आज देर शाम गैरसैंण में समाप्त होगी. इस यात्रा में विधायक मनोज रावत साइकिल से गैरसैंण की दूरी नापेंगे.

केदारनाथ विधायक की जन जागरण यात्रा, साइकिल से नापेंगे गैरसैंण की दूरी

रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र गबनी गांव चंद्रापुरी से विधायक मनोज रावत ने साइकिल यात्रा की शुरुआत की. साइकिल यात्रा के दौरान विधायक रावत ने कहा कि गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में बजट सत्र एक महीने से अधिक समय का होता है. वही, उत्तराखंड सरकार इसे मात्र चार दिन में खत्म कर रही है. उन्होंने बताया कि समय के अभाव के चलते आम जन जीवन से जुड़े मुदों पर चर्चा नही हो पाएगी. खासकर जंगली जानवरों जैसे बंदरों, जंगली सुअरों, भालुओं, साहियों, गुलदारों से हो रहे खेती और मानव को हो रहे नुकसान पर आज तक प्रदेश की सरकार कोई समाधान नहीं खोज पाई है.

ये भी पढ़ें: कोर्ट में पेश हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत, विधानसभा चुनाव 2012 में अभद्रता का आरोप

वहीं, हाई कोर्ट के एक निर्णय जिसमें, बुग्यालों में टैंट लगाने यानि कैंपिग पर प्रतिबंध लगाया गया था, यह मुद्दा एक साल पहले विधानसभा में उठाया गया था. मामले में सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी. परन्तु आज तक सरकार ने इस विषय में कुछ नहीं किया. उच्च न्यायालय के कुछ महीने पूर्व के निर्णय के बाद बंजर और बेनाप भूमि फिर से वन भूमि घोषित कर दी गई है. जबकि देश भर में बंजर और बेनाप भूमि पर ग्राम पंचायतों का अधिकार है. इस पर भी सरकार खामोश है.

इसके अलावा राज्य में बेरोजगार सड़कों पर हैं और सरकार पहले तो रिक्त पदों की विज्ञप्ति नहीं निकाल रही है, अगर कोई परीक्षा करा भी रही है तो फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा की तरह इन परीक्षाओं में गड़बड़ी हो रही है या मामले न्यायालयों में लंबित हैं. उत्तराखंड में 2017 के बाद पीसीएस की परीक्षा नहीं हो पायी है. ऐसे ही अन्य कई मुद्दे हैं. जिस पर सरकार केवल आश्वासन देती है, करती कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को जगाने के लिए उन्होंने अपनी विधानसभा से गैरसैंण तक साइकिल यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया है.

Last Updated : Mar 2, 2020, 2:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.