रुद्रप्रयाग: कौशल गैप चिन्हित कर जिले की कौशल विकास योजना को तैयार करने को लेकर जिला कौशल एवं अप्रेंटिस समिति की अध्यक्ष वंदना सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में हर गांव में कौशल की आवश्यकता अनुसार सर्वे किये जाने और बेरोजगारों को कौशल अनुसार रोजगार मिलने पर चर्चा हुई.
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समिति अध्यक्ष व डीएम वंदना सिंह ने कहा कि हर गांव में अलग-अलग व्यक्ति के कौशल की आवश्यकता होती है. गांव में आवश्यकता अनुसार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके, इसके लिये गांव की आवश्यकता का सर्वे किया जाना जरूरी है. इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी को गांव में मांग के अनुरूप रोजगार के लिए इच्छुक लोगों का नाम, मोबाइल नम्बर की सूची निदेशक आरसेटी (ग्रामीण स्वरोजगार सिखलाई संस्था) को प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जनपद में संभावित कौशल का आकलन किया जाए. डीएम ने जिला सेवायोजन अधिकारी को निर्देश दिए कि मनरेगा, गांधी नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के ट्रेनी, जनपद में पूर्व से दक्ष कामगार (जिन्होंने औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त न किया हो) को चिन्हित कर उन्हें प्रमाणित कराने का प्रस्ताव उत्तराखंड कौशल विकास मिशन को भेजा जाए.
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बैठक में जिला सेवायोजन अधिकारी कपिल पांडे ने बताया कि जनपद में अवस्थित दो कौशल प्रशिक्षण केंद्र (अगस्त्यमुनि व गुप्तकाशी) से लगभग 450 युवक व युवतियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं से फॉलोअप करने व उन्हें भी स्वरोजगार शुरू करने के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से लाभान्वित कराने के निर्देश दिए गये हैं.
जिले में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना के तहत राजकीय पॉलीटेक्निक से विभिन्न ट्रेड में डिप्लोमा ले चुके युवाओं को जनपद में स्थापित निजी उद्यम सार्वजनिक उपक्रमों में अप्रेंटिस कराई जाती है. इस संबंध में प्रधानाचार्य आईटीआई नितिन शर्मा को विभाग व निजी उद्यम द्वारा दिये कराए जा रहे अप्रेंटिसशिप की स्थिति की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
इसके साथ ही विभिन्न विभागों को प्रशिक्षण व रोजगार की मद में प्राप्त धनराशि का विवरण सभी विभागों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.