रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा के सफल संचालन में पुलिस का महत्वपूर्व योगदान रहता है. रुद्रप्रयाग जनपद के भीतर चार थानों और नौ पुलिस चौकियों के जवान यात्रा ड्यूटी में तैनात रहते हैं. 25 अप्रैल से शुरू हो रही केदारनाथ धाम यात्रा को देखते हुये पुलिस के जवानों को यात्रा संचालन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस दौरान जवानों को यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार करने और पैदल मार्ग पर उनकी सुरक्षा करने के गुर सिखाये जा रहे हैं. साथ ही माॅकड्रिल का आयोजन कर आपदा से बचाव और राहत की जानकारी भी दी जा रही है.
इस दिन खुलेंगे केदारनाथ के कपाट: विश्व विख्यात चारधाम की यात्रा का श्रीगणेश 22 अप्रैल को होगा. 20 अप्रैल को बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजा होगी. 21 अप्रैल को बाबा केदार की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से अपने धाम के लिये रवाना होगी. 24 अप्रैल को बाबा केदार की डोली केदारनाथ पहुंचेगी और 25 अप्रैल सुबह 6 बजकर बीस मिनट पर भक्तों के लिये बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे. मौसम के साफ होने के बाद यात्रा तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. पिछले यात्रा सीजन में जो भी दिक्कतें आई थी, उनको इस बार दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
पुलिस निभाएगी अहम भूमिका: यात्रा के सफल संचालन में पुलिस की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. यात्रियों को लाइन से दर्शन कराना, टोकन वितरित करना, पैदल मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा, यात्री के गुम होने पर उनको खोजना, आपदा के समय में त्वरित गति से राहत पहुंचाना आदि कार्य पुलिस को करने होते हैं. यात्रा सीजन में बाहरी जनपदों की पुलिस भी यहां तैनात की जाती है. रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक लगभग चार सौ पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. ऐसे में इन दिनों पुलिस जवानों को यात्रा का सफल संचालन करने, पैदल मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा, यात्रियों को सुगम दर्शन, राहत-बचाव कार्य आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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मजदूरों का सत्यापन किये जाने के निर्देश: पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने कहा कि सभी थाना-चौकी प्रभारियों के साथ मीटिंग की गई है और सभी को बाहरी लोगों और मजदूरों का सत्यापन करने के आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. यात्रियों के साथ पुलिस जवानों को मधुर व्यवहार करने के लिये कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की यात्रा को भय एवं अपराध मुक्त बनाये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं. सभी प्रभारियों को निर्देश दिये गये हैं कि उनके स्तर से किये जा रहे बाहरी व्यक्तियों एवं मजदूरों के सत्यापन को प्राथमिकता से देखा जाए. विशेषकर सोनप्रयाग व गौरीकुंड से केदारनाथ धाम जा रहे मजदूरों के सत्यापन किये जाएं. सत्यापन संबंधी कार्रवाई गम्भीरता से करने व सभी का विवरण सही ढंग से अंकित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं.