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Free Health Camp: जनसंकल्प फाउंडेशन ने लगाया स्वास्थ्य शिविर, श्रमिकों पुलिसकर्मियों का किया इलाज - Jansankalp Foundation

रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में जनसंकल्प फाउंडेशन ने लोगों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया. इस मौके पर 50 लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाइयां वितरित की गईं. दरअसल, केदारनाथ यात्रा संपन्न होने के बाद यहां स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव रहता है. स्वास्थ्य लाभ के लिए मरीजों को जिला चिकित्सालय या फिर श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Jan 24, 2023, 12:48 PM IST

जनसंकल्प फाउंडेशन ने लगाया निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में जनसंकल्प फाउंडेशन की ओर से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. इसमें निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर एवं पुलिस कर्मियों समेत 50 लोगों के स्वास्थ्य का निःशुल्क परीक्षण कर दवाइयां वितरित की गईं. इसके अलावा चिकित्सकों ने विभिन्न जानकारियां भी लोगों को दी. जनसंकल्प फाउंडेशन लगातार केदारघाटी के गांव-गांव में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है, जिसमें फाउंडेशन के डाक्टर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कर रहे हैं.

बीते साल मई से फाउंडेशन लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करता आ रहा है. इसी क्रम में केदारघाटी के गौरीकुंड में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, जिसमें पचास से अधिक ग्रामीण, केदारनाथ यात्रा निर्माण कार्य में लगे मजदूर एवं पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा निशुल्क दवाइयां वितरित की गईं. डॉ संजय राणा एवं नीरज कुमार सिंह ने स्थानीय महिलाओं से बात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के बाद त्वरित कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि जनसंकल्प स्मार्ट क्लीनिक फाटा में बाल रोग एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम हमेशा उपलब्ध है, जो निःशुल्क परामर्श और दवाइयां वितरित कर रहे हैं.

केदारनाथ यात्रा के बाद नहीं मिलती स्वास्थ्य सेवाएं: केदारनाथ यात्रा के दौरान जहां यात्रा पड़ावों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं वहीं, यात्रा संपन्न होने के बाद इन पड़ावों में स्वास्थ्य सेवाएं नसीब होना मुश्किल हो जाता है. सिर्फ यात्रा के समय ही तीर्थयात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है. इसके बाद मरीजों को जिला चिकित्सालय या फिर श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है.
ये भी पढ़ें- Backdoor Recruitment: कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को घेरा, कहा- छीनने के बजाय रोजगार देने की नीति हो

बता दें, ग्रीष्मकाल में केदारनाथ यात्रा के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु धाम में पहुंचते हैं. सरकार व शासन-प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाते हैं. यहां तक कि जगह-जगह स्वास्थ्य केन्द्र खोलकर मरीजों का इलाज किया जाता है. लेकिन यात्रा संपन्न होने के बाद केदारनाथ यात्रा पड़ावों में पड़ने वाले शहरों एवं ग्रामीण इलाकों की जनता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. इस कारण यहां के लोगों में भारी मायूसी देखने को मिलती है.

जनसंकल्प फाउंडेशन ने लगाया निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में जनसंकल्प फाउंडेशन की ओर से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. इसमें निर्माण कार्यों में जुटे मजदूर एवं पुलिस कर्मियों समेत 50 लोगों के स्वास्थ्य का निःशुल्क परीक्षण कर दवाइयां वितरित की गईं. इसके अलावा चिकित्सकों ने विभिन्न जानकारियां भी लोगों को दी. जनसंकल्प फाउंडेशन लगातार केदारघाटी के गांव-गांव में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहा है, जिसमें फाउंडेशन के डाक्टर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कर रहे हैं.

बीते साल मई से फाउंडेशन लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करता आ रहा है. इसी क्रम में केदारघाटी के गौरीकुंड में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, जिसमें पचास से अधिक ग्रामीण, केदारनाथ यात्रा निर्माण कार्य में लगे मजदूर एवं पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा निशुल्क दवाइयां वितरित की गईं. डॉ संजय राणा एवं नीरज कुमार सिंह ने स्थानीय महिलाओं से बात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के बाद त्वरित कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि जनसंकल्प स्मार्ट क्लीनिक फाटा में बाल रोग एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम हमेशा उपलब्ध है, जो निःशुल्क परामर्श और दवाइयां वितरित कर रहे हैं.

केदारनाथ यात्रा के बाद नहीं मिलती स्वास्थ्य सेवाएं: केदारनाथ यात्रा के दौरान जहां यात्रा पड़ावों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं वहीं, यात्रा संपन्न होने के बाद इन पड़ावों में स्वास्थ्य सेवाएं नसीब होना मुश्किल हो जाता है. सिर्फ यात्रा के समय ही तीर्थयात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है. इसके बाद मरीजों को जिला चिकित्सालय या फिर श्रीनगर की दौड़ लगानी पड़ती है.
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बता दें, ग्रीष्मकाल में केदारनाथ यात्रा के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु धाम में पहुंचते हैं. सरकार व शासन-प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाते हैं. यहां तक कि जगह-जगह स्वास्थ्य केन्द्र खोलकर मरीजों का इलाज किया जाता है. लेकिन यात्रा संपन्न होने के बाद केदारनाथ यात्रा पड़ावों में पड़ने वाले शहरों एवं ग्रामीण इलाकों की जनता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. इस कारण यहां के लोगों में भारी मायूसी देखने को मिलती है.

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