रुद्रप्रयाग: प्रवासियों की सुरक्षित घर वापसी न होने पर जन अधिकार मंच 13 मई से आमरण-अनशन शुरू करेगा. इस सम्बंध में मंच की ओर से 29 अप्रैल को एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया था.
मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरा देश बंद है. केंद्र सरकार का यह कदम लोकजीवन की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य था. सभी देशवासियों ने इसमें पूरा योगदान किया और आगे भी सरकार के आदेशों व निर्देशों का पालन करने को प्रतिबद्ध हैं.
लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे लोग बेरोजगार हो गए. कई लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं, जो अपने घर जाना चाहते हैं. उनके पास पैसे नहीं है और वे विकट परिस्थितियों में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. जन अधिकार मंच इस विकट समस्या के प्रति पहले भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कर चुका है. लेकिन खेद है कि सरकार की ओर से इस सम्बंध में कोई काम नहीं किया गया.
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विभिन्न स्थानों से प्रभावितों के फोन और व्हाट्सएप से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने अभीतक उनको घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं की है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनेक राज्य सरकारें अपने नागरिकों को वापस ले जाने में सफल हुई हैं और कुछ ने प्रभावितों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ जल्दी ही उन्हें वापस ले जाने का आश्वासन दिया है, लेकिन उत्तराखंड सरकार इस सम्बंध में मौन साधे बैठी है.
मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि हम इस सम्बंध में दोबारा सरकार से निवेदन करते हैं कि बाहरी राज्यों और प्रदेश के अलग-अलग जिलों में फंसे लोगों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो जन अधिकार मंच 13 मई से आमरण-अनशन को मजबूर हो जाएगा इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.