रुद्रप्रयाग: नगर के भरदार क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर गुलदार का खात्मा करने वाले प्रख्यात शूटर लखपत सिंह रावत और जॉय हुकिल को जन अधिकार मंच की ओर से सम्मानित किया गया. इस मौके पर दोनों शूटरों के सम्मान में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और स्कूली बच्चे मौजूद रहे. दोनों शिकारियों के सम्मान में ढोल -दमाऊं के साथ सौराखाल बाजार में एक रैली भी निकाली गई. इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर शूटर जॉय हुकिल, लखपत सिंह रावत और उनकी टीम में शामिल रविंद्र जुगरान, भीम सिंह नेगी, रणवीर भंडारी और बीरेंद्र सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. साथ ही उन्हें स्मृति चिह्र भी भेंट किए गए.
इस दौरान शूटर लखपत रावत ने कहा कि इस क्षेत्र के ग्रामीणों को अभी भी सतर्कता बरतनी है. कोई भी गुलदार आदमखोर हो सकता है. जब भी महिलाएं समूह में घास लेने जंगल जाएं, तो उनमें दो महिलाएं आस-पास नजर रखें. शाम को पांच बजे से नौ बजे तक छोटे बच्चों को बाहर न रखें. अपने घर के आस-पास झाड़ियों की सफाई रखें.
वहीं, शूटर जॉय हुकिल ने कहा कि गुलदारों का शिकार करना उनका शौक नहीं है. लेकिन जब आम लोगों पर संकट आता है तो उन्हें बंदूक उठानी पड़ती है. उन्होंने पिछले चार माह के अपने अनुभव साझा किए और धारी गांव में आदमखोर के मारे जाने की घटना बताई. उन्होंने कहा कि हमारे गांव जंगलों के बीच में हैं और चारापत्ती के लिए महिलाएं जंगल पर निर्भर हैं. इसलिये महिलाएं जंगल जाना तो नहीं छोड़ सकती, लेकिन सतर्कता बरतकर अनहोनी को टाल जरूर सकती हैं. साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के लिए जन अधिकार मंच और स्थानीय लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस पूरे ऑपरेशन में सामाजिक कार्यकर्ता मोहित डिमरी पिछले चार माह से रात-दिन एक किये हुए थे. आदमखोर को मार गिराने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है.
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कार्यक्रम का संचालन करते हुए जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि पिछले चार माह में उन्हें शूटरों के साथ काफी कुछ सीखने को मिला. उन्होंने शूटरों का धन्यवाद करते हुए कहा कि भविष्य में मानव और जंगली जानवरों के संघर्ष को रोकने के लिए सरकार को सुझाव दिए जा रहे हैं. जिसके लिए गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में सर्दियों के चार माह चारा बैंक बनाने के लिए वन विभाग और प्रशासन से वार्ता जारी है.