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केदारनाथ धाम में आज उतरेगा चिनूक हेलीकॉप्टर, लाएगा भारी मशीनें

भारतीय वायुसेना के मालक वाहक चिनूक हेलीकॉप्टर मंगलवार को केदारनाथ में लैंड करेगा. चिनूक अपने साथ भारी मशीनें लेकर जाएगा. इससे पहले भी चिनूक केदारनाथ में सफल लैंडिंग कर MI-17 का मलबा लेकर उड़ान भर चुका है.

chinook helicopter
चिनूक हेलीकॉप्टर
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Published : Oct 26, 2020, 6:20 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 10:47 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के फेस-2 में होने वाले कामों के लिए एयरफोर्स का मालक वाहक चिनूक हेलीकॉप्टर मंगलवार से केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचाएगा. गौचर हेलीपैड से चिनूक सुबह केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा. गौचर हेलीपैड में ही 3 मशीनें रखी गई हैं, जिन्हें पार्टस के रूप में केदारनाथ पहुंचाया जाएगा.

केदारनाथ में यह दूसरा मौका है, जब एयरफोर्स के मालवाहक का प्रयोग किया जा रहा है. इससे पहले आपदा के दौरान एमआई-26 की ओर से यहां भारी सामान पहुंचाया गया है, जबकि एमआई-17 ने तो कई बार सामान पहुंचाने का काम किया. अब चिनूक का इस्तेमाल किया जाएगा. डीडीएमए लोनिवि के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मंगलवार को चिनूक गौचर हेलीपैड पहुंचेगा. जिसके बाद भारी मशीनों को केदारनाथ भिजवाने का काम शुरू होगा. इधर, केदारनाथ और गौचर में इसकी तैयारियां की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः चिनूक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से क्षतिग्रस्त MI-17 का मलबा किया एयरलिफ्ट

केदारनाथ से क्षतिग्रस्त MI-17 का मलबा लेकर भर चुका है उड़ान
बीते 17 अक्टूबर को चिनूक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से लैंडिंग के दौरान क्षतिग्रस्त हुए वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मलबे को उठाया था. यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ मंदिर के पीछे स्थित हेलीपैड पर लैडिंग करते समय क्रैश हो गया था. हादसे में पायलट को हल्की चोटें आई थी. जबकि, हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था. उस समय वायुसेना ने क्षतिग्रस्त एमआई-17 हेलीकॉप्टर को वहीं छोड़ दिया था.

वहीं, केदारनाथ के धाम में वायुसेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड तैयार किया गया है. जिसमें डीडीएमए ने 100 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े हेलीपैड का विस्तार किया है. इस हेलीपैड को पूरी तरह खुला रखा गया है, जिससे बड़े हेलीकॉप्टर की आसानी से लैडिंग की जा सके. हेलीपैड के पास ही 50-30 का एक कच्चा पैच बनाया गया है, जिसमें एक बड़ी पोकलैंड, एक पिकअप, एक ट्रैक्टर और एक ट्रॉली सहित भारी सामान उतारा जाएगा. इस कार्य में करीब 56 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए केदारनाथ में बना हेलीपैड

केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो कि अब अंतिम चरण में हैं. साल 2014 की आपदा के बाद रूस निर्मित MI26 हेलीकॉप्टर के जरिए भारी मशीनों को केदारनाथ पहुंचाया गया था. जिसकी वजह से केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम संभव हो पाया. केदारनाथ पुनर्निमाण योजना की समीक्षा के दौरान पीएम मोदी ने कुछ उपकरणों को रिप्लेस करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद वायु सेना के अत्याधुनिक चिनूक हेलीकॉप्टर से केदारनाथ भारी मशीनें पहुंचाने का निर्णय लिया गया है.

चिनूक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है. जिनका उपयोग दुर्गम और ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर जवानों, हथियारों, मशीनों और अन्य प्रकार की रक्षा सामग्री को ले जाने में किया जाता है. यह विशाल हेलीकॉप्टर 11 टन तक कार्गो ले जा सकता है. इसमें भारी मशीनरी, आर्टिलरी बंदूकें और हाई अल्टीट्यूड वाले लाइट आर्मर्ड गाड़ियां शामिल हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है.

चिनूक का निर्माण बोइंग कंपनी करती है. ये हेलीकॉप्टर 1962 से प्रचलन में हैं, लेकिन बोइंग ने समय-समय पर इनमें सुधार किया है, इसलिए आज भी करीब 25 देशों की सेनाएं इनका इस्तेमाल करती हैं. खुद अमेरिका इनका महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में इस्तेमाल करता है.

चिनूक हेलीकॉप्टर की खासियत

  • यह रात में भी उड़ान भरने और ऑपरेशन करने में सक्षम होते हैं.
  • किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है.
  • सभी प्रकार के परिवहन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • असैन्य कार्यों जैसे आपदा प्रबंधन और आग बुझाने में भी इस्तेमाल संभव.
  • इनमें विमान की भांति एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है.
  • इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है.
  • 11 टन पेलोड और 45 सैनिकों का भार वहन करने की अधिकतम क्षमता.

केदारनाथ धाम में आज उतरेगा चिनूक हेलीकॉप्टर, लाएगा भारी मशीनें

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के फेस-2 में होने वाले कामों के लिए एयरफोर्स का मालक वाहक चिनूक हेलीकॉप्टर मंगलवार से केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचाएगा. गौचर हेलीपैड से चिनूक सुबह केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा. गौचर हेलीपैड में ही 3 मशीनें रखी गई हैं, जिन्हें पार्टस के रूप में केदारनाथ पहुंचाया जाएगा.

केदारनाथ में यह दूसरा मौका है, जब एयरफोर्स के मालवाहक का प्रयोग किया जा रहा है. इससे पहले आपदा के दौरान एमआई-26 की ओर से यहां भारी सामान पहुंचाया गया है, जबकि एमआई-17 ने तो कई बार सामान पहुंचाने का काम किया. अब चिनूक का इस्तेमाल किया जाएगा. डीडीएमए लोनिवि के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मंगलवार को चिनूक गौचर हेलीपैड पहुंचेगा. जिसके बाद भारी मशीनों को केदारनाथ भिजवाने का काम शुरू होगा. इधर, केदारनाथ और गौचर में इसकी तैयारियां की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः चिनूक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से क्षतिग्रस्त MI-17 का मलबा किया एयरलिफ्ट

केदारनाथ से क्षतिग्रस्त MI-17 का मलबा लेकर भर चुका है उड़ान
बीते 17 अक्टूबर को चिनूक हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से लैंडिंग के दौरान क्षतिग्रस्त हुए वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मलबे को उठाया था. यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ मंदिर के पीछे स्थित हेलीपैड पर लैडिंग करते समय क्रैश हो गया था. हादसे में पायलट को हल्की चोटें आई थी. जबकि, हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था. उस समय वायुसेना ने क्षतिग्रस्त एमआई-17 हेलीकॉप्टर को वहीं छोड़ दिया था.

वहीं, केदारनाथ के धाम में वायुसेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड तैयार किया गया है. जिसमें डीडीएमए ने 100 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े हेलीपैड का विस्तार किया है. इस हेलीपैड को पूरी तरह खुला रखा गया है, जिससे बड़े हेलीकॉप्टर की आसानी से लैडिंग की जा सके. हेलीपैड के पास ही 50-30 का एक कच्चा पैच बनाया गया है, जिसमें एक बड़ी पोकलैंड, एक पिकअप, एक ट्रैक्टर और एक ट्रॉली सहित भारी सामान उतारा जाएगा. इस कार्य में करीब 56 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए केदारनाथ में बना हेलीपैड

केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो कि अब अंतिम चरण में हैं. साल 2014 की आपदा के बाद रूस निर्मित MI26 हेलीकॉप्टर के जरिए भारी मशीनों को केदारनाथ पहुंचाया गया था. जिसकी वजह से केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम संभव हो पाया. केदारनाथ पुनर्निमाण योजना की समीक्षा के दौरान पीएम मोदी ने कुछ उपकरणों को रिप्लेस करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद वायु सेना के अत्याधुनिक चिनूक हेलीकॉप्टर से केदारनाथ भारी मशीनें पहुंचाने का निर्णय लिया गया है.

चिनूक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है. जिनका उपयोग दुर्गम और ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर जवानों, हथियारों, मशीनों और अन्य प्रकार की रक्षा सामग्री को ले जाने में किया जाता है. यह विशाल हेलीकॉप्टर 11 टन तक कार्गो ले जा सकता है. इसमें भारी मशीनरी, आर्टिलरी बंदूकें और हाई अल्टीट्यूड वाले लाइट आर्मर्ड गाड़ियां शामिल हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए इन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है.

चिनूक का निर्माण बोइंग कंपनी करती है. ये हेलीकॉप्टर 1962 से प्रचलन में हैं, लेकिन बोइंग ने समय-समय पर इनमें सुधार किया है, इसलिए आज भी करीब 25 देशों की सेनाएं इनका इस्तेमाल करती हैं. खुद अमेरिका इनका महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में इस्तेमाल करता है.

चिनूक हेलीकॉप्टर की खासियत

  • यह रात में भी उड़ान भरने और ऑपरेशन करने में सक्षम होते हैं.
  • किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है.
  • सभी प्रकार के परिवहन में इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • असैन्य कार्यों जैसे आपदा प्रबंधन और आग बुझाने में भी इस्तेमाल संभव.
  • इनमें विमान की भांति एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है.
  • इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है.
  • 11 टन पेलोड और 45 सैनिकों का भार वहन करने की अधिकतम क्षमता.
Last Updated : Oct 26, 2020, 10:47 PM IST
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