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त्रियुगीनारायण मंदिर में हरियाली मेला, भगवाण विष्णु को अर्पित की गई जौ की हरियाली

रुद्रप्रयाग के त्रियुगीनारायण मंदिर में ऐतिहासिक हरियाली मेला बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने पौराणिक परिधान में त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर में सामूहिक रूप से जौ की हरियाली की से पूजा अर्चना की. महिलाओं ने यहां पर भगवान नारायण और हरियाली की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा अर्चना की. उसके बाद सभी ग्रामीणों ने यह हरियाली सर्वप्रथम भगवान विष्णु को अर्पित की.

Historical Hariyali Mela
त्रियुगीनारायण मंदिर में हरियाली मेला
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Published : Sep 4, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 6:09 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में शिव पार्वती विवाह स्थली (shiv parvati wedding venue in kedarghati) त्रियुगीनारायण मंदिर (त्रियुगीनारायण मंदिर) में पौराणिक रीति रिवाजों के साथ ऐतिहासिक हरियाली मेला धूमधाम से मनाया गया (Hariyali Mela celebrated with pomp). इस अवसर पर ग्रामीणों ने पारंपरिक वेशभूषा एवं गाजे बाजों के साथ मंदिर परिसर में सामूहिक रूप से जौ की हरियाली की पूजा अर्चना कर सर्वप्रथम भगवान विष्णु को अर्पित की. वहीं, 5 सितंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय वामन द्वादशी मेले को लेकर तैयारियां भी अंतिम चरण में है.

बता दें कि हर साल धुर्बा अष्टमी को क्षेत्र की खुशहाली और विश्व कल्याण के लिए त्रियुगीनारायण में हरियाली मेले का आयोजन (Hariyali fair organized in Triyuginarayan) होता है. ग्रामीणों ने अपने घरों में उगाई गई जौ के साथ गाजे बाजों के साथ त्रियुगीनारायण मंदिर प्रांगण पहुंचे. महिलाओं ने यहां पर भगवान नारायण और हरियाली की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा अर्चना की. उसके बाद सभी ग्रामीणों ने एक-एक कर यह हरियाली सर्वप्रथम भगवान विष्णु को अर्पित की.

ये भी पढ़ें: कुमाऊं की कुल देवी मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा, भक्तों का उमड़ा हुजूम

इस दौरान पौराणिक गीतों और जयकारों से पूरा क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा. हरियाली मेले का यह दृश्य आकर्षण का केंद्र रहा. ग्रामीणों ने पूरे गांव में घूमकर एक दूसरे को इस हरियाली को प्रसाद के रूप में वितरित किया. मान्यता है कि वामन भगवान ने अवतार लेने से चार दिन पूर्व माता अधिति एवं देव कन्याओं को अपने विराट रूप के दर्शन दिए थे. तब उन्होंने प्रसन्न होकर भगवान को दूर्वा अष्टमी को हरियाली भेंट की थी. तब से यह हरियाली मेला मनाने की परंपरा चली आ रही है.

त्रियुगीनारायण मंदिर में हरियाली मेला

वामन द्वादशी मेला (Vaman Dwadashi Fair) एवं जनहित विकास समिति के अध्यक्ष दिवाकर गैरोला ने कहा 5 सितंबर को निसंतान दंपत्ति संताप प्राप्ति के लिए यहां एकादशी उपवास करेंगे. इसी दिन संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने जनता से अधिक से अधिक संख्या में त्रियुगीनारायण मेले में पहुंचने का आग्रह किया.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में शिव पार्वती विवाह स्थली (shiv parvati wedding venue in kedarghati) त्रियुगीनारायण मंदिर (त्रियुगीनारायण मंदिर) में पौराणिक रीति रिवाजों के साथ ऐतिहासिक हरियाली मेला धूमधाम से मनाया गया (Hariyali Mela celebrated with pomp). इस अवसर पर ग्रामीणों ने पारंपरिक वेशभूषा एवं गाजे बाजों के साथ मंदिर परिसर में सामूहिक रूप से जौ की हरियाली की पूजा अर्चना कर सर्वप्रथम भगवान विष्णु को अर्पित की. वहीं, 5 सितंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय वामन द्वादशी मेले को लेकर तैयारियां भी अंतिम चरण में है.

बता दें कि हर साल धुर्बा अष्टमी को क्षेत्र की खुशहाली और विश्व कल्याण के लिए त्रियुगीनारायण में हरियाली मेले का आयोजन (Hariyali fair organized in Triyuginarayan) होता है. ग्रामीणों ने अपने घरों में उगाई गई जौ के साथ गाजे बाजों के साथ त्रियुगीनारायण मंदिर प्रांगण पहुंचे. महिलाओं ने यहां पर भगवान नारायण और हरियाली की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा अर्चना की. उसके बाद सभी ग्रामीणों ने एक-एक कर यह हरियाली सर्वप्रथम भगवान विष्णु को अर्पित की.

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इस दौरान पौराणिक गीतों और जयकारों से पूरा क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा. हरियाली मेले का यह दृश्य आकर्षण का केंद्र रहा. ग्रामीणों ने पूरे गांव में घूमकर एक दूसरे को इस हरियाली को प्रसाद के रूप में वितरित किया. मान्यता है कि वामन भगवान ने अवतार लेने से चार दिन पूर्व माता अधिति एवं देव कन्याओं को अपने विराट रूप के दर्शन दिए थे. तब उन्होंने प्रसन्न होकर भगवान को दूर्वा अष्टमी को हरियाली भेंट की थी. तब से यह हरियाली मेला मनाने की परंपरा चली आ रही है.

त्रियुगीनारायण मंदिर में हरियाली मेला

वामन द्वादशी मेला (Vaman Dwadashi Fair) एवं जनहित विकास समिति के अध्यक्ष दिवाकर गैरोला ने कहा 5 सितंबर को निसंतान दंपत्ति संताप प्राप्ति के लिए यहां एकादशी उपवास करेंगे. इसी दिन संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने जनता से अधिक से अधिक संख्या में त्रियुगीनारायण मेले में पहुंचने का आग्रह किया.

Last Updated : Sep 4, 2022, 6:09 PM IST
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