रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में ग्रामीणों ने हरियाली मेला धूमधाम से मनाया. इस मौके पर स्थानीय महिलाओं ने मंदिर प्रांगण में अपने घरों में उगाई गई हरियाली को एकत्रित किया. इस दौरान त्रियुगीनारायण गांव की सभी महिला, पुरुष और बच्चों ने इस मेले का खूब आनंद लिया. आखिर में सभी ग्रामीणों को प्रसाद के रूप में हरियाली वितरित की गई.
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप का अवतार मां अदिति के गर्भ से हुआ था. जिसके बाद से पौराणिक परम्परा अनुसार हरियाली मेले को हमेशा ही धूमधाम से मनाया जाता है, मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते अन्य गांवों के लोग इस मेले में शामिल नहीं हो सके.
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मेला अध्यक्ष दिवाकर गैरोला और प्रधान प्रियंका गैरोला ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण हरियाली मेला सादगी से मनाया गया. इसके साथ ही 29 अगस्त को वामन द्वादशी मेले भी सादगी से मनाया जायेगा. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार गांव के अलावा अन्य लोगों मेले में शामिल नहीं हो सकते है.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरियाली मेला
त्रियुगनारायण मंदिर में हर साल क्षेत्र की खुशहाली व विश्व कल्याण के लिए हरियाली मेले का आयोजन किया जाता है. ये पौराणिक परंपरा अपने पर्यावरण को बचाने का भी संदेश देती है. एक सपताह पूर्व से ग्रामीण अपने-अपने घरों में जौ की हरियाली उगाने का कार्यक्रम शुरू करते हैं. सभी ग्रामीण अपने घरों से हरियाली लाकर त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर में एकत्रित होते हैं. वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा अर्चना के साथ महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा व पौराणिक रीति-रिवाजों अनुसार पहले भगवान विष्णु को हरियाली को अर्पित करती हैं. गांव में प्रत्येक घर में बांटने के साथ हीवामन द्वादशी मेले के समापन अवसर पर भक्तों को प्रसाद के रुप में वितरित करने की परम्परा है. वामन द्वादशी मेले से पहले हरियाली मेला मनाने की परंपरा भी लंबे समय से चली आ रही है. यह मेला क्षेत्र की खुशहाली के लिए मनाया जाता है. कहा जाता है कि इसी मंदिर में शिव और पार्वती का विवाह हुआ था.