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जखोली पॉलिटेक्निक को बंद किए जाने का विरोध, ब्लॉक प्रमुख ने CM को भेजा ज्ञापन

उत्तराखंड सरकार ने पूरे प्रदेश में 12 पॉलिटेक्निक और 10 आईटीआई संस्थान बंद करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले का लोग विरोध कर रहे हैं.

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Published : Jun 26, 2020, 8:27 PM IST

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ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड सरकार ने 12 राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को बंद करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जखोली को बंद करने का फरमान जारी किया है. जिसका ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने विरोध जताया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जखोली में 12 साल पहले स्वीकृत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को बंद करने का फैसला वापस ले, नहीं तो स्थानीय लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

सीएम को भेजे ज्ञापन में प्रदीप थपलियाल ने कहा कि जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लंबे आंदोलन के फलस्वरूप साल 2008 में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जखोली को स्वीकृति मिली थी. जबकि, राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली में भवन के अभाव में पहले कुछ सालों तक राजकीय पॉलिटेक्निक रतूड़ा के साथ कक्षाएं संचालित होती थीं. साल 2014 में स्थानीय लोगों के आंदोलन करने के बाद पॉलिटेक्निक की कक्षाएं जखोली कार्यालय के भवन में संचालित किया जाने लगा. साल 2017 में ग्राम पंचायत जखोली के ग्रामीणों ने करीब सौ नाली से अधिक भूमि राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली के नाम कर दिया गया था.

पढ़ें: सभी सुविधाओं से लैस हुआ डोईवाला रेलवे स्टेशन, कालाकल्प के बाद दिखने लगा खूबसूरत

प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा कि भूमि मिलने के बाद विगत दो सालों से राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली का भवन निर्माणाधीन है. जखोली वासियों ने इस आशा से अपनी भूमि दान दी थी कि भविष्य में उनके क्षेत्र के युवा इस पॉलिटेक्निक कॉलेज से तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रोजगार पाएंगे. सरकार ने प्रदेश के 12 पॉलिटेक्निक और 10 आईटीआई संस्थान बंद कर बेरोजगारों के प्रति अपनी इरादे जगजाहिर कर दिए हैं.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड सरकार ने 12 राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को बंद करने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जखोली को बंद करने का फरमान जारी किया है. जिसका ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने विरोध जताया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जखोली में 12 साल पहले स्वीकृत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को बंद करने का फैसला वापस ले, नहीं तो स्थानीय लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

सीएम को भेजे ज्ञापन में प्रदीप थपलियाल ने कहा कि जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लंबे आंदोलन के फलस्वरूप साल 2008 में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जखोली को स्वीकृति मिली थी. जबकि, राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली में भवन के अभाव में पहले कुछ सालों तक राजकीय पॉलिटेक्निक रतूड़ा के साथ कक्षाएं संचालित होती थीं. साल 2014 में स्थानीय लोगों के आंदोलन करने के बाद पॉलिटेक्निक की कक्षाएं जखोली कार्यालय के भवन में संचालित किया जाने लगा. साल 2017 में ग्राम पंचायत जखोली के ग्रामीणों ने करीब सौ नाली से अधिक भूमि राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली के नाम कर दिया गया था.

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प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कहा कि भूमि मिलने के बाद विगत दो सालों से राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली का भवन निर्माणाधीन है. जखोली वासियों ने इस आशा से अपनी भूमि दान दी थी कि भविष्य में उनके क्षेत्र के युवा इस पॉलिटेक्निक कॉलेज से तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रोजगार पाएंगे. सरकार ने प्रदेश के 12 पॉलिटेक्निक और 10 आईटीआई संस्थान बंद कर बेरोजगारों के प्रति अपनी इरादे जगजाहिर कर दिए हैं.

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