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राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा के 100 साल पूरे, ब्रिटिश काल में स्थापित हुआ था स्कूल - प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा की स्वर्ण जयंती

उत्तराखंड में कई सरकारी स्कूल छात्र विहीन होने की वजह से बंद होने की कगार पर हैं, लेकिन इन सबके बीच रुद्रप्रयाग का राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है. ब्रिटिश काल में स्थापित यह स्कूल अभी भी चल रहा है. जिसमें छात्रों की संख्या भी अच्छी खासी है.

Golden Jubilee of Government Primary School Ratura
प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा की स्वर्ण जयंती
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Published : Dec 31, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 8:00 PM IST

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा के 100 साल पूरे.

रुद्रप्रयागः ब्रिटिश काल में स्थापित राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा के 100 साल पूरे हो गए. इस मौके पर विद्यालय में स्वर्ण जयंती धूमधाम से मनाई गई. जिसमें छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक भरत सिंह चौधरी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने विद्यालय को 7 लाख रुपए की धनराशि देने की घोषणा की.

बता दें कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा (Government Primary School Ratura) की स्थापना ब्रिटिश काल में साल 1922 में हुई थी. जिसके अभिलेख विद्यालय में सुरक्षित मौजूद हैं. उस समय गढ़वाल जनपद के अंतर्गत यह विद्यालय आता था और विद्यालय में हिंदी के साथ-साथ उर्दू में पठन-पाठन होता था. ब्रिटिश काल में धनपुर समेत अन्य क्षेत्रों का यह एकमात्र शिक्षा का केंद्र हुआ करता था.

इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र देश की आजादी समेत आजाद हिंद फौज और आजाद भारत के बाद भारतीय सेना एवं अन्य पदों पर रहे हैं. वर्तमान में विद्यालय में 38 बच्चे अध्ययनरत हैं और एक अध्यापक कार्यरत हैं. 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्म सिंह और ग्रामीणों ने स्वर्ण जयंती के रूप में मनाने का निर्णय लिया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी (Rudraprayag MLA Bharat Chaudhary) ने प्रतिभाग किया.

विधायक भरत चौधरी ने कहा कि पूरे जिले में बहुत कम विद्यालय हैं, जो ब्रिटिश शासन में खुले हैं. यह एक गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि विद्यालय की जो भी समस्या है, उनको दूर किया जाएगा. साथ ही विद्यालय में विभिन्न कार्यों के नवनिर्माण के लिए सात लाख देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं, जिससे जो स्कूल बंद हो रहे हैं, उनको बंद होने से बचाया जा सके. इस अवसर पर उन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया. वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्म सिंह राणा ने विद्यालय में एक अतिरिक्त शिक्षक, चारदीवारी, विद्यालय के ऊपर से गुजरने वाली बिजली लाइन हटाने की मांग की.
ये भी पढ़ेंः टिहरी में एक छात्रा को पढ़ा रहे तीन शिक्षक, ₹36 लाख हो रहे खर्च

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा के 100 साल पूरे.

रुद्रप्रयागः ब्रिटिश काल में स्थापित राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा के 100 साल पूरे हो गए. इस मौके पर विद्यालय में स्वर्ण जयंती धूमधाम से मनाई गई. जिसमें छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक भरत सिंह चौधरी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने विद्यालय को 7 लाख रुपए की धनराशि देने की घोषणा की.

बता दें कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय रतूड़ा (Government Primary School Ratura) की स्थापना ब्रिटिश काल में साल 1922 में हुई थी. जिसके अभिलेख विद्यालय में सुरक्षित मौजूद हैं. उस समय गढ़वाल जनपद के अंतर्गत यह विद्यालय आता था और विद्यालय में हिंदी के साथ-साथ उर्दू में पठन-पाठन होता था. ब्रिटिश काल में धनपुर समेत अन्य क्षेत्रों का यह एकमात्र शिक्षा का केंद्र हुआ करता था.

इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र देश की आजादी समेत आजाद हिंद फौज और आजाद भारत के बाद भारतीय सेना एवं अन्य पदों पर रहे हैं. वर्तमान में विद्यालय में 38 बच्चे अध्ययनरत हैं और एक अध्यापक कार्यरत हैं. 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्म सिंह और ग्रामीणों ने स्वर्ण जयंती के रूप में मनाने का निर्णय लिया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी (Rudraprayag MLA Bharat Chaudhary) ने प्रतिभाग किया.

विधायक भरत चौधरी ने कहा कि पूरे जिले में बहुत कम विद्यालय हैं, जो ब्रिटिश शासन में खुले हैं. यह एक गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि विद्यालय की जो भी समस्या है, उनको दूर किया जाएगा. साथ ही विद्यालय में विभिन्न कार्यों के नवनिर्माण के लिए सात लाख देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं, जिससे जो स्कूल बंद हो रहे हैं, उनको बंद होने से बचाया जा सके. इस अवसर पर उन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया. वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्म सिंह राणा ने विद्यालय में एक अतिरिक्त शिक्षक, चारदीवारी, विद्यालय के ऊपर से गुजरने वाली बिजली लाइन हटाने की मांग की.
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Last Updated : Dec 31, 2022, 8:00 PM IST
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