रुद्रप्रयाग: केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने प्रदेश सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार जताया है. इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय अंचलों के चहुंमुखी विकास के लिए कई सुझाव दिए.
पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि कोरोना वैश्विक संकट के बाद हजारों प्रवासी गांवों की ओर लौटे हैं. ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि ऐसी योजनाओं को अमल में लाए. जिससे इन प्रवासियों की कार्यकुशलता और मेहनत को प्रदेश के विकास में लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि इससे न केवल इन प्रवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा.
पूर्व विधायक ने कहा कि स्थानीय संसाधनों और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार हर जिले में रोजगार के नए अवसर ढूंढने होंगे. हमारी संस्कृति परंपरा और हक-हकूकों को सुरक्षित रखते हुए पर्यटन को तीर्थाटन से जोड़कर तीर्थ पुरोहितों की भागेदारी भी सुनिश्चित की जाए. जैविक खेती को विकसित करते हुए भेड़ पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन पर जोर दिया जाए. इसके साथ ही गैरसैंण, चोपता, जोशीमठ को हिल स्टेशन के रूप में विकसित कर एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देते हुए युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए.
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वहीं प्रवासियों को प्रदेश में रोकने के लिए सरकार को इन्हें न केवल ईमानदारी और दृढ़ इच्छा शक्ति से प्रशिक्षण, उत्पादन और बाजार उपलब्ध कराना होगा. बल्कि समय-समय पर इसका निरीक्षण और मूल्यांकन भी करना होगा. जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे.