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रुद्रप्रयागः फर्जी डिग्री लगाकर मास्टर बन गए 11 जालसाज, 5 शिक्षक निलंबित - बीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी

रुद्रप्रयाग जिले में बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी करने वाले 5 शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई है. बाकी 6 लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

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शिक्षक निलंबित
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Published : Feb 6, 2020, 5:24 PM IST

रुद्रप्रयागः फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले से 5 शिक्षकों को एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि, बाकी 6 शिक्षकों पर भी निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद गाज गिर सकती है.

दरअसल, शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी पा ली, लेकिन जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियां से की गई तो मामले का खुलासा होने लगा. जिस पर एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने के मामले में जिले के 11 शिक्षकों को पकड़ा है.

फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी करने वाले 5 शिक्षक निलंबित.

ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश: दर्जनों माध्यमिक विद्यालय के भवन आज भी जर्जर, बड़े हादसे के इंतजार में शिक्षा विभाग

इन सभी शिक्षकों ने साल 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा की थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में साल 1994 से 2005 के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया.

एसआईटी ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की. जिसके बाद बीते एक महीने में निदेशालय स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही है.

ये शिक्षक हुए निलंबित-

  1. कांति प्रसाद भट्ट
  2. माया बिष्ट
  3. विजय सिंह
  4. राकेश सिंह
  5. महेंद्र सिंह

वहीं, दूसरी ओर इन 11 शिक्षकों के अलावा शिक्षा निदेशालय ने जिले के सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जानकारी मांगी है. यह जानकारी विभाग ने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मांगी है. ये सभी शिक्षक बीएड की फर्जी डिग्री समेत अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में शक के दायरे में हैं.

ये भी पढ़ेंः बर्फबारी के बाद नहीं पहुंचा विभाग, महिलाओं ने खुद संभाली कमान और खोल दी सड़क

जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) डॉ. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि 11 शिक्षकों में पांच के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि, छः शिक्षकों के मामले में निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी.

रुद्रप्रयागः फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले से 5 शिक्षकों को एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि, बाकी 6 शिक्षकों पर भी निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद गाज गिर सकती है.

दरअसल, शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी पा ली, लेकिन जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियां से की गई तो मामले का खुलासा होने लगा. जिस पर एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने के मामले में जिले के 11 शिक्षकों को पकड़ा है.

फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी करने वाले 5 शिक्षक निलंबित.

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इन सभी शिक्षकों ने साल 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा की थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में साल 1994 से 2005 के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया.

एसआईटी ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की. जिसके बाद बीते एक महीने में निदेशालय स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही है.

ये शिक्षक हुए निलंबित-

  1. कांति प्रसाद भट्ट
  2. माया बिष्ट
  3. विजय सिंह
  4. राकेश सिंह
  5. महेंद्र सिंह

वहीं, दूसरी ओर इन 11 शिक्षकों के अलावा शिक्षा निदेशालय ने जिले के सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जानकारी मांगी है. यह जानकारी विभाग ने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मांगी है. ये सभी शिक्षक बीएड की फर्जी डिग्री समेत अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में शक के दायरे में हैं.

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जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) डॉ. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि 11 शिक्षकों में पांच के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि, छः शिक्षकों के मामले में निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी.

Intro:रुद्रप्रयाग जिले के पांच शिक्षकों पर गिरी निलम्बन की तलवार
फर्जी डिग्री लगाकर मास्टर बन गये मास्साब
एसआईटी की टीम ने मामले का किया खुलासा,
छः अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी होगी जल्द कार्यवाही
रुद्रप्रयाग। फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी करने वाले 11 शिक्षकों में पांच के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया है। इसके अलावा छः शिक्षकों के खिलाफ निदेशालय से लिखित आदेश मिलते ही कार्यवाही शुरू की जायेगी।
Body:दरअसल, शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी पा ली, लेकिन जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियांे से की गई तो मामले सामने आने लगा। एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में जिले के 11 शिक्षकों को पकड़ा है। इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन चैधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षो के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया। एसआईटी द्वारा इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए विभाग से सिफारिश की गई। बीते एक माह में निदेशाल स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही है। अब पांच शिक्षक कांति प्रसाद भट्ट, माया बिष्ट, विजय सिंह, राकेश सिंह और महेन्द्र सिंह के खिलाफ विभाग ने कार्यवाही पूरी करते हुए इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर यह भी पता चला है कि इन 11 शिक्षकों के अलावा शिक्षा निदेशालय ने जनपद से सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के बारे में जानकारी मांगी है। विभाग द्वारा संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जानकारी मांगी गई है। ये शिक्षक बीएड की फर्जी डिग्री सहित अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में शक के दायरे में हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) डाॅ विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि 11 शिक्षकों में पांच के खिलाफ कार्यवाही की गई है, जबकि शेष छः शिक्षकों मामले में निदेशालय से लिखित आदेश प्राप्त होते ही कानूनी कार्यवाही के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जायेगी।
बाइट - डाॅ विद्याशंकर चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)
बाइट 2- डाॅ विद्याशंकर चतुर्वेदी, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)Conclusion:
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