रुद्रप्रयागः फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले से 5 शिक्षकों को एसआईटी ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि, बाकी 6 शिक्षकों पर भी निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद गाज गिर सकती है.
दरअसल, शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी पा ली, लेकिन जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियां से की गई तो मामले का खुलासा होने लगा. जिस पर एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने के मामले में जिले के 11 शिक्षकों को पकड़ा है.
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इन सभी शिक्षकों ने साल 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा की थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में साल 1994 से 2005 के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया.
एसआईटी ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की. जिसके बाद बीते एक महीने में निदेशालय स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही है.
ये शिक्षक हुए निलंबित-
- कांति प्रसाद भट्ट
- माया बिष्ट
- विजय सिंह
- राकेश सिंह
- महेंद्र सिंह
वहीं, दूसरी ओर इन 11 शिक्षकों के अलावा शिक्षा निदेशालय ने जिले के सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जानकारी मांगी है. यह जानकारी विभाग ने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मांगी है. ये सभी शिक्षक बीएड की फर्जी डिग्री समेत अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में शक के दायरे में हैं.
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जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) डॉ. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि 11 शिक्षकों में पांच के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि, छः शिक्षकों के मामले में निदेशालय से लिखित आदेश मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी.