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रुद्रप्रयाग: कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल में लगी आग

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Published : Dec 21, 2020, 2:37 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 6:06 AM IST

रुद्रप्रयाग से चार किमी की दूरी पर कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल में आग लग गई. आग इतनी भयंकर थी कि पूरे अस्पताल की बिजली लाइन जलकर राख हो गई. प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है.

rudraprayag fire in hospital
माधवाश्रम अस्पताल में लगी आग.

रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से चार किमी की दूरी पर कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल के बेसमेंट (भूमिगत वार्ड) में शार्ट सर्किट से आग लग गई. आग लगने से ऑक्सीजन पाइप व बिजली सर्किट पूरी तरह से ध्वस्त हो गये. साथ ही अन्य सामग्री को भारी नुकसान हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग ने प्रारंभिक जांच में 15 लाख रुपये की की क्षति का आकलन किया है. यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को अगस्त्यमुनि में शिफ्ट कर दिया गया है. बता दें कि बीती रात को माधवाश्रम अस्पताल के बेसमेंट के एक हिस्से में अचानक आग लगी. जब, तक वहां तैनात स्टाफ कुछ समझ पाता आग की लपटों ने वहां रखे बेड, चादरें, कंबल, डीप फ्रीजर, सीसीटीवी कैमरा, ऑक्सीजन लाइन को अपनी चपेट में ले लिया.

कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल में लगी आग

यह भी पढ़ें-ऋषिकेश: घर की छत का दरवाजा तोड़ लाखों की चोरी

आग इतनी भयंकर थी कि पूरे अस्पताल की बिजली लाइन जलकर राख हो गई. गनीमत रही कि आग अस्पताल के अन्य वार्डों में नहीं फैली, अन्यथा भारी नुकसान हो सकता था. सूचना पर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला व अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी मौके पर पहुंचे. इसी दौरान रतूड़ा से फायर ब्रिगेड का वाहन भी घटनास्थल पर पहुंचा और रात दो बजे आग पर काबू पाया जा सका. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित सात मरीजों को अगस्त्यमुनि में संचालित कोविड-19 सेंटर में शिफ्ट किया गया.

प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है. पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि कोटेश्वर अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर फायर बिग्रेड की टीम को भेजा गया और आग पर काबू पाया गया. मामले में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है. कमेटी की ओर से तीन दिनों के भीतर अग्निकांड के कारणों और नुकसान की रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

वहीं, पूरे मामले में अग्नि से हुई क्षति के मूल्यांकन को लेकर अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. समिति द्वारा अग्निकाण्ड का कारण, घटना के लिए संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करने, परिसंपत्तियों की क्षति का आंकलन किया जाएगा. साथ ही भविष्य में घटनाओं को रोकने को लेकर स्पष्ट सुझाव एवं जांच कर तीन दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से चार किमी की दूरी पर कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल के बेसमेंट (भूमिगत वार्ड) में शार्ट सर्किट से आग लग गई. आग लगने से ऑक्सीजन पाइप व बिजली सर्किट पूरी तरह से ध्वस्त हो गये. साथ ही अन्य सामग्री को भारी नुकसान हुआ है.

स्वास्थ्य विभाग ने प्रारंभिक जांच में 15 लाख रुपये की की क्षति का आकलन किया है. यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को अगस्त्यमुनि में शिफ्ट कर दिया गया है. बता दें कि बीती रात को माधवाश्रम अस्पताल के बेसमेंट के एक हिस्से में अचानक आग लगी. जब, तक वहां तैनात स्टाफ कुछ समझ पाता आग की लपटों ने वहां रखे बेड, चादरें, कंबल, डीप फ्रीजर, सीसीटीवी कैमरा, ऑक्सीजन लाइन को अपनी चपेट में ले लिया.

कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल में लगी आग

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आग इतनी भयंकर थी कि पूरे अस्पताल की बिजली लाइन जलकर राख हो गई. गनीमत रही कि आग अस्पताल के अन्य वार्डों में नहीं फैली, अन्यथा भारी नुकसान हो सकता था. सूचना पर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला व अन्य विभागीय अधिकारी, कर्मचारी मौके पर पहुंचे. इसी दौरान रतूड़ा से फायर ब्रिगेड का वाहन भी घटनास्थल पर पहुंचा और रात दो बजे आग पर काबू पाया जा सका. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित सात मरीजों को अगस्त्यमुनि में संचालित कोविड-19 सेंटर में शिफ्ट किया गया.

प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है. पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि कोटेश्वर अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर फायर बिग्रेड की टीम को भेजा गया और आग पर काबू पाया गया. मामले में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है. कमेटी की ओर से तीन दिनों के भीतर अग्निकांड के कारणों और नुकसान की रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

वहीं, पूरे मामले में अग्नि से हुई क्षति के मूल्यांकन को लेकर अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. समिति द्वारा अग्निकाण्ड का कारण, घटना के लिए संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करने, परिसंपत्तियों की क्षति का आंकलन किया जाएगा. साथ ही भविष्य में घटनाओं को रोकने को लेकर स्पष्ट सुझाव एवं जांच कर तीन दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Dec 22, 2020, 6:06 AM IST
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