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किसानों को दी गई फसल बीमा की जानकारी, नपेंगे लापरवाही बरतने वाले अधिकारी

जिलाधिकारी ने गैर सरकारी संगठन, कृषि विभाग के अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी के साथ किसानों के फसल का बीमा किए जाने के संबंध में चर्चा की. जिलाधिकारी ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन.
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Published : Nov 22, 2019, 10:58 AM IST

रुद्रप्रयाग: किसानों को नुकसान से उबारने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है. इसी कड़ी में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. साथ ही बैठक में जिलाधिकारी ने किसानों को फसल बीमा योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन.

बैठक का आयोजन जिला सभागार में हुआ. इस दौरान जिलाधिकारी ने गैर सरकारी संगठन, कृषि विभाग के अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी के साथ किसानों के फसल का बीमा किए जाने के संबंध में चर्चा की. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि किसानों की फसल की क्षति होने पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड एआईसी को अधिकृत किया गया है.

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जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की फसल का बीमा करने के लिए 15 दिसम्बर अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. उन्होंने कहा कि फसल का बीमा करने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी नकल आदि दस्तावेजों के साथ न्याय पंचायत प्रभारियों से समन्वयय स्थापित किया जायेगा. समन्वयय स्थापित करने के बाद सी.एस.सी. सेंटर के माध्यमों से या बैंक की किसी निकटतम सहकारी समिति (जहां उनका बचत खाता है) या क्रॉप इंश्योरेंस एप और फसल बीमा पोर्टल आदि के माध्यम से फसल का बीमा करवा सकते हैं.

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इस योजना के अन्तर्गत मौसम में उतार- चढ़ाव, कम वर्षा, अधिक वर्षा, कम तापमान एवं अधिक तापमान के कारण फसल में संभावित हानि के कारण कृषकों के फसल के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना लागू की गयी हैं. क्षति के संबंध में कृषक को 72 घंटे के अन्दर सूचना देना अनिवार्य है. बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी सुघर सिंह वर्मा ने बताया कि संचालित फसलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत न्याय पंचायत प्रभारियों एवं सीएससी सेंटरों व गैर सरकारी संगठन के माध्यम से किसानों के फसल का बीमा किया जा रहा है.

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सुघर सिंह वर्मा ने बताया कि जनपद के किसानों के फसल को ओलावृष्टि, मौसमी एवं अन्य कारणों से क्षति का आंकलन कर मुआवजा भी प्रदान किया जा रहा है. बैठक में जिलाधिकारी ने सभी न्याय पंचायत प्रभारियों, एनजीओ एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा कि किसानों के फसल के बीमा किए जाने के लिए न्याय पंचायत प्रभारी ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए किसानों की फसल का बीमा करवायें जिससे निर्धारित तिथि तक लक्ष्य के सापेक्ष किसानों का बीमा सुनिश्चित हो सके.

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जिलाधिकारी ने कहा कि बीमा करने से कोई भी किसान वंचित न रह पाये, इसी उद्देश्य से सभी को एक टीम भावना के साथ कार्य करना है. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों से संपर्क स्थापित कर किसानों की फसल का बीमा करवाने के लिए सहयोग लें. साथ ही किसान सम्मान पेंशन योजना के संबंध में भी किसानों के पेंशन लगाये जाने हेतु किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि यह कार्य महत्वपूर्ण कार्य है इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

रुद्रप्रयाग: किसानों को नुकसान से उबारने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है. इसी कड़ी में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. साथ ही बैठक में जिलाधिकारी ने किसानों को फसल बीमा योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन.

बैठक का आयोजन जिला सभागार में हुआ. इस दौरान जिलाधिकारी ने गैर सरकारी संगठन, कृषि विभाग के अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी के साथ किसानों के फसल का बीमा किए जाने के संबंध में चर्चा की. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि किसानों की फसल की क्षति होने पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड एआईसी को अधिकृत किया गया है.

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जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की फसल का बीमा करने के लिए 15 दिसम्बर अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. उन्होंने कहा कि फसल का बीमा करने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी नकल आदि दस्तावेजों के साथ न्याय पंचायत प्रभारियों से समन्वयय स्थापित किया जायेगा. समन्वयय स्थापित करने के बाद सी.एस.सी. सेंटर के माध्यमों से या बैंक की किसी निकटतम सहकारी समिति (जहां उनका बचत खाता है) या क्रॉप इंश्योरेंस एप और फसल बीमा पोर्टल आदि के माध्यम से फसल का बीमा करवा सकते हैं.

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इस योजना के अन्तर्गत मौसम में उतार- चढ़ाव, कम वर्षा, अधिक वर्षा, कम तापमान एवं अधिक तापमान के कारण फसल में संभावित हानि के कारण कृषकों के फसल के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना लागू की गयी हैं. क्षति के संबंध में कृषक को 72 घंटे के अन्दर सूचना देना अनिवार्य है. बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी सुघर सिंह वर्मा ने बताया कि संचालित फसलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत न्याय पंचायत प्रभारियों एवं सीएससी सेंटरों व गैर सरकारी संगठन के माध्यम से किसानों के फसल का बीमा किया जा रहा है.

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सुघर सिंह वर्मा ने बताया कि जनपद के किसानों के फसल को ओलावृष्टि, मौसमी एवं अन्य कारणों से क्षति का आंकलन कर मुआवजा भी प्रदान किया जा रहा है. बैठक में जिलाधिकारी ने सभी न्याय पंचायत प्रभारियों, एनजीओ एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा कि किसानों के फसल के बीमा किए जाने के लिए न्याय पंचायत प्रभारी ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए किसानों की फसल का बीमा करवायें जिससे निर्धारित तिथि तक लक्ष्य के सापेक्ष किसानों का बीमा सुनिश्चित हो सके.

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जिलाधिकारी ने कहा कि बीमा करने से कोई भी किसान वंचित न रह पाये, इसी उद्देश्य से सभी को एक टीम भावना के साथ कार्य करना है. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों से संपर्क स्थापित कर किसानों की फसल का बीमा करवाने के लिए सहयोग लें. साथ ही किसान सम्मान पेंशन योजना के संबंध में भी किसानों के पेंशन लगाये जाने हेतु किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि यह कार्य महत्वपूर्ण कार्य है इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

Intro:पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं किसान
किसानों के फसल बीमा को लेकर डीएम ने ली बैठक
रुद्रप्रयाग। किसानों की लागत, मेहनत, फसल को होने वाली क्षति ऐसे न गंवाए। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से रबी की फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गयी है, इसके सफल संचालन के लिए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जिला सभागार में गैर सरकारी संगठन, कृषि विभाग के अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी के साथ किसानों के फसल का बीमा किए जाने के संबंध में बैठक ली गई।Body:जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि किसानों की फसल की क्षति होने पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड एआईसी को अधिकृत किया गया है। किसानों को फसल का बीमा करने के लिए पन्द्रह दिसम्बर अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है। उन्होंने कहा कि फसल का बीमा करने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी नकल आदि दस्तावेजों के साथ न्याय पंचायत प्रभारियों से समन्वयय स्थापित करते हुए सी.एस.सी. सेंटर के माध्यमों से या बैंक की किसी निकटतम शाखाध्सहकारी समिति (जहां उनका बचत खाता है) या क्राप इंश्योरेंस एप या फसल बीमा पोर्टल आदि के माध्यम से फसल का बीमा करवा सकते है। इस योजना के अन्तर्गत मौसम में उतार चढ़ाव, कम वर्षा अधिक वर्षा, कम तापमान एवं अधिक तापमान के कारण फसल में संभावित हानि के कारण कृषकों को फसल के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना लागू की गयी है। क्षति के संबंध में कृषक को 72 घंटे के अन्दर सूचना देना अनिवार्य है। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी सुघर सिंह वर्मा ने बताया कि संचलित फसलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत न्याय पंचायत प्रभारियों एवं सी.एस.सी. सेंटरों व गैर सरकारी सगठन के माध्यम से किसानों के फसल का बीमा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद के किसानों के फसल को ओलावृष्टि एवं मौसमी अन्य कारणों से क्षति का आंकलन कर मुआवजा भी प्रदान किया जा रहा है।Conclusion:बैठक में जिलाधिकारी ने सभी न्याय पंचायत प्रभारियों, एन.जी.ओ. एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा कि किसानों के फसल के बीमा किए जाने हेतु न्याय पंचायत प्रभारी ग्राम पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए किसानों की फसल का बीमा करवायें जिससे निर्धारित तिथि तक लक्ष्य के सापेक्ष किसानों का बीमा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि बीमा करने से कोई भी किसान वंचित न रह पाये इसी उद्देश्य से सभी को एक टीम भावना के साथ कार्य करना है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों से संपर्क स्थापित कर किसानों के फसल का बीमा करवाने के लिए सहयोग लें, साथ ही किसान सम्मान पेंशन योजना के संबंध में भी किसानों के पेंशन लगाये जाने हेतु किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह कार्य महत्वपूर्ण कार्य है इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय, लापरवाही बरतने वाले संबंधितों के विरूद्ध कडी कार्यवाही भी अमल में लायी जायेगी
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