रुद्रप्रयाग: केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने के लिए सड़क योजना को स्वीकृति दे रही है. लेकिन सड़क बनाने के लिए जिन काश्तकारों की जमीन ली जाती है उनको मुआवजा देने में सरकार को सालों का वक्त लग जाता है. ऐसा ही एक मामला रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाके से सामने आया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे विभाग और अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रहे हैं. बावजूद शिकायत का निस्तारण नहीं किया जा रहा है.
बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जब तक काश्तकार को उसकी भूमि का सही प्रतिकर समय पर नहीं दिया जाता, तब तक उसकी भूमि का उपयोग या अधिग्रहण करना अनुचित है. नियमों के मुताबिक सड़क की कटिंग शुरू होने से पहले काश्तकारों को उनकी जमीन का मुआवजा दे दिया जाना चाहिए, जिसके बाद ही सड़क कटिंग कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा इन सभी स्पष्ट निर्देशों को ठेंगा दिखा दिया गया. वहीं, ग्रामीण अपने मुआवजे को लेकर भटकने के मजबूर हैं.
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जनपद में रुद्रप्रयाग और ऊखीमठ लोक निर्माण विभाग डिवीजन में कई सड़कें ऐसी हैं, जिनके मुआवजे का भुगतान आज तक नहीं किया गया है. लोनिवि रुद्रप्रयाग डिवीजन के तहत विजयनगर तैला, जैली मरगांव तैला, सूर्यप्रयाग मूसाढूंग, कुमड़ी-बुडोली, चाका, जखनोली कुरछोला मोटरमार्ग सहित कई ऐसे सड़क मार्ग हैं जिनकी कटिंग तो कर दी गई, लेकिन ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है. ऐसे में काश्तकार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
वहीं, इस मामले में लोनिवि रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का कहना है कि एक दर्जन से भी ज्यादा सड़कों के मुआवजे का भुगतान लम्बे समय से धन के अभाव में नहीं हो पाया है.