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सड़क काटने के बावजूद काश्तकारों को नहीं मिला मुआवजा, अब काट रहे विभाग के चक्कर

रुद्रप्रयाग में सड़क बनाने के लिए काश्तकारों से जमीन लेकर कटिंग भी शुरू कर दी गई. लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद काश्तकारों को मुआवजा नहीं दिया गया.

काश्तकारों को नहीं मिला भूमि का मुआवजा.
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Published : Nov 4, 2019, 8:20 PM IST

रुद्रप्रयाग: केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने के लिए सड़क योजना को स्वीकृति दे रही है. लेकिन सड़क बनाने के लिए जिन काश्तकारों की जमीन ली जाती है उनको मुआवजा देने में सरकार को सालों का वक्त लग जाता है. ऐसा ही एक मामला रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाके से सामने आया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे विभाग और अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रहे हैं. बावजूद शिकायत का निस्तारण नहीं किया जा रहा है.

काश्तकारों को नहीं मिला भूमि का मुआवजा.

बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जब तक काश्तकार को उसकी भूमि का सही प्रतिकर समय पर नहीं दिया जाता, तब तक उसकी भूमि का उपयोग या अधिग्रहण करना अनुचित है. नियमों के मुताबिक सड़क की कटिंग शुरू होने से पहले काश्तकारों को उनकी जमीन का मुआवजा दे दिया जाना चाहिए, जिसके बाद ही सड़क कटिंग कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा इन सभी स्पष्ट निर्देशों को ठेंगा दिखा दिया गया. वहीं, ग्रामीण अपने मुआवजे को लेकर भटकने के मजबूर हैं.

पढ़ें: सफेद चादर से ढकी चोटियों ने बढ़ाई केदार नगरी की खूबसूरती

जनपद में रुद्रप्रयाग और ऊखीमठ लोक निर्माण विभाग डिवीजन में कई सड़कें ऐसी हैं, जिनके मुआवजे का भुगतान आज तक नहीं किया गया है. लोनिवि रुद्रप्रयाग डिवीजन के तहत विजयनगर तैला, जैली मरगांव तैला, सूर्यप्रयाग मूसाढूंग, कुमड़ी-बुडोली, चाका, जखनोली कुरछोला मोटरमार्ग सहित कई ऐसे सड़क मार्ग हैं जिनकी कटिंग तो कर दी गई, लेकिन ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है. ऐसे में काश्तकार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

वहीं, इस मामले में लोनिवि रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का कहना है कि एक दर्जन से भी ज्यादा सड़कों के मुआवजे का भुगतान लम्बे समय से धन के अभाव में नहीं हो पाया है.

रुद्रप्रयाग: केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने के लिए सड़क योजना को स्वीकृति दे रही है. लेकिन सड़क बनाने के लिए जिन काश्तकारों की जमीन ली जाती है उनको मुआवजा देने में सरकार को सालों का वक्त लग जाता है. ऐसा ही एक मामला रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाके से सामने आया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे विभाग और अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रहे हैं. बावजूद शिकायत का निस्तारण नहीं किया जा रहा है.

काश्तकारों को नहीं मिला भूमि का मुआवजा.

बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जब तक काश्तकार को उसकी भूमि का सही प्रतिकर समय पर नहीं दिया जाता, तब तक उसकी भूमि का उपयोग या अधिग्रहण करना अनुचित है. नियमों के मुताबिक सड़क की कटिंग शुरू होने से पहले काश्तकारों को उनकी जमीन का मुआवजा दे दिया जाना चाहिए, जिसके बाद ही सड़क कटिंग कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा इन सभी स्पष्ट निर्देशों को ठेंगा दिखा दिया गया. वहीं, ग्रामीण अपने मुआवजे को लेकर भटकने के मजबूर हैं.

पढ़ें: सफेद चादर से ढकी चोटियों ने बढ़ाई केदार नगरी की खूबसूरती

जनपद में रुद्रप्रयाग और ऊखीमठ लोक निर्माण विभाग डिवीजन में कई सड़कें ऐसी हैं, जिनके मुआवजे का भुगतान आज तक नहीं किया गया है. लोनिवि रुद्रप्रयाग डिवीजन के तहत विजयनगर तैला, जैली मरगांव तैला, सूर्यप्रयाग मूसाढूंग, कुमड़ी-बुडोली, चाका, जखनोली कुरछोला मोटरमार्ग सहित कई ऐसे सड़क मार्ग हैं जिनकी कटिंग तो कर दी गई, लेकिन ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है. ऐसे में काश्तकार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

वहीं, इस मामले में लोनिवि रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का कहना है कि एक दर्जन से भी ज्यादा सड़कों के मुआवजे का भुगतान लम्बे समय से धन के अभाव में नहीं हो पाया है.

Intro:सड़क काटने के बाद ग्रामीणों को नहीं मिला मुआवजा
ग्रामीण काट रहे विभाग के साथ अधिकारियों के चक्कर
रुद्रप्रयाग। जहां एक ओर केन्द्र और राज्य सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों को यातायात से जोड़ने के लिए प्रतिवर्ष सड़के स्वीकृत कर रही है, वहीं वर्षों पूर्व बनी सड़कों का मुआवजा का भुगतान आज तक काश्तकारों नहीं दिया गया है। जिस कारण काश्तकारों में विभाग और सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। ग्रामीणों की माने तो विभाग के चक्कर के साथ ही अधिकारियों से वार्ता करके थक चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर से शिकायत का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। Body:बता दें कि सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में स्पष्ट उल्लेख है की जब तक काश्तकार को उसकी भूमि का सही प्रतिकर समय पर नहीं दिया जाता, तब तक उसकी भूमि का उपयोग या अधिग्रहण करना अनुचित है। मगर लोक निर्माण विभाग द्वारा इन सभी स्पष्ट निर्देशों को भी ठेंगा दिखा दिया है। ग्रामीण अपने मुआवजे को लेकर भटक रहे हैं। नियमों के तहत सड़क की कटिंग शुरू होने से पहले काश्तकारों को उनकी जमीन का मुआवजा दे दिया जाता हैं और उसके बाद ही सड़क कटिंग कार्य शुरू किया जाता है, मगर यहां बिल्कुल उल्टा हुआ है। जनपद में रुद्रप्रयाग और ऊखीमठ लोक निर्माण विभाग डिवीजन में कई सड़के ऐसी हैं, जिनका मुआवजे का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। लोनिवि रुद्रप्रयाग डिवीजन के तहत विजयनगर तैला, जैली मरगांव तैला, सूर्यप्रयाग मूसाढूंग, कुमड़ी-बुडोली, चाका, जखनोली कुरछोला मोटरमार्ग सहित कई ऐसे सड़क मार्ग हैं, जिनकी कटिंग तो कर दी गई, लेकिन ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे में काश्तकार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं इस संबंध में अधिशासी अभियंता रुद्रप्रयाग इन्द्रजीत बोस का कहना है कि एक दर्जन से भी ज्यादा सड़कों का मुआवजे का भुगतान लम्बे समय से धन के अभाव में नहीं हो पाया है।
बाइट- इन्द्रजीत बोस ईई लोक निर्माण विभाग, रूद्रप्रयाग Conclusion:
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