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रुद्रप्रयाग: ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, किसानों ने मांगा मुआवजा

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Published : Jun 4, 2020, 7:48 PM IST

जिले के जखोली ब्लॉक में ओलावृष्टि से नकदी फसलों को खासा नुकसान हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में खेती और साक-भाजी उत्पादन से ही लोगों की आर्थिकी चलती है. ऐसे में मौसम की मार ने ग्रामीणों की कमर तोड़कर रख दी है. प्रभावित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

Rudraprayag
ओलावृष्टि से ग्रामीणों की फसल बर्बाद

रुद्रप्रयाग: जिले के जखोली ब्लॉक में ओलावृष्टि से ग्रामीणों की नकदी फसलों को खासा नुकसान हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में खेती और साक-भाजी उत्पादन से ही लोगों की आर्थिकी चलती है. ऐसे में मौसम की मार ने ग्रामीणों की कमर तोड़कर रख दी है. प्रभावित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, किसानों ने मांगा मुआवजा

दरअसल, जिले के विभिन्न इलाकों में दोपहर बाद ओलावृष्टि हो रही है. इस कारण खेती को खासा नुकसान पहुंच रहा है. ओलावृष्टि से जखोली क्षेत्र के पूलन बांगर, खलियाण सिरवाड़ी, उदियाणगांव, बधाणीताल, गेठाणा में साक-भाजी को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों की गेहूं, मटर, आलू, प्याज, टमाटर, खीरा, लौकी, फूलगोभी, बंदगोभी, संतरे की फसल बर्बाद हो चुकी है.

पढ़े- उत्तराखंड : सबसे ऊंचे धनिये का पौधा उगाकर किसान ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ओलावृष्टि से काश्तकार की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. किसी तरह से ग्रामीण खेती कर रहे हैं. क्षेत्र में जंगली जानवरों का भी आतंक बना हुआ है. जंगली जानवरों से खेती को बचाने के बाद मौसम की मार ने ग्रामीणों की आजीविका को समाप्त कर दिया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

रुद्रप्रयाग: जिले के जखोली ब्लॉक में ओलावृष्टि से ग्रामीणों की नकदी फसलों को खासा नुकसान हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में खेती और साक-भाजी उत्पादन से ही लोगों की आर्थिकी चलती है. ऐसे में मौसम की मार ने ग्रामीणों की कमर तोड़कर रख दी है. प्रभावित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, किसानों ने मांगा मुआवजा

दरअसल, जिले के विभिन्न इलाकों में दोपहर बाद ओलावृष्टि हो रही है. इस कारण खेती को खासा नुकसान पहुंच रहा है. ओलावृष्टि से जखोली क्षेत्र के पूलन बांगर, खलियाण सिरवाड़ी, उदियाणगांव, बधाणीताल, गेठाणा में साक-भाजी को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों की गेहूं, मटर, आलू, प्याज, टमाटर, खीरा, लौकी, फूलगोभी, बंदगोभी, संतरे की फसल बर्बाद हो चुकी है.

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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि ओलावृष्टि से काश्तकार की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. किसी तरह से ग्रामीण खेती कर रहे हैं. क्षेत्र में जंगली जानवरों का भी आतंक बना हुआ है. जंगली जानवरों से खेती को बचाने के बाद मौसम की मार ने ग्रामीणों की आजीविका को समाप्त कर दिया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

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