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ओंकारेश्वर मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की कवायद, महिलाओं के गूंजेंगे मंगल गीत - wedding destination

Omkareshwar Temple बाबा केदार का शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को वैदिक विवाह स्थल बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.वैदिक विवाह संपन्न कराने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.ओंकारेश्वर मंदिर में यात्रियों के लिए यहां पर योग की कक्षाएं भी संपंन होंगी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 8, 2024, 12:59 PM IST

Updated : Jan 8, 2024, 1:15 PM IST

ओंकारेश्वर मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की पहल

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को वैदिक विवाह स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है. इसके तहत यहां पर क्षेत्र की महिलाओं को विवाह संपन्न कराने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. महिलाओं को मंगल गीत, मंगल स्नान, पहाड़ के पारंपरिक भोजन बनाने आदि के बारे में सिखाया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिर को योग केंद्र बनाए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.

विश्व विख्यात केदारनाथ धाम का शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान है. शीतकाल में जब बाबा केदार के कपाट बंद रहते हैं तो बाबा केदार यहीं विराजते हैं. केदारनाथ का शीतकालीन गद्दीस्थल होने के अलावा ओंकारेश्वर मंदिर राक्षसों के राजा बाणासुर की पुत्री उषा और भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह स्थल भी है. कहते हैं कि उषा और अनिरुद्ध ने मंदिर के निकट ही सात फेरे लिए थे. मंदिर के निकट ही बेदी बनी हुई है. प्रत्येक वर्ष यहां हजारों की संख्या में देश-विदेश से यात्री पहुंचते हैं. अब मंदिर को वैदिक विवाह स्थल बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं. साथ ही मंदिर को योग केन्द्र के रूप में भी विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
पढ़ें-शीतकाल में ओंकारेश्वर मंदिर में विराजते हैं बाबा केदार, पंच केदार का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे लोग

अगर इस मंदिर में भी विवाह संपन्न होते हैं तो यह जिले का दूसरा वैदिक विवाह स्थल होगा. जिले में स्थित भगवान शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में भी वैदिक विवाह संपन्न होते हैं. ओंकारेश्वर मंदिर में वैदिक विवाह संपन्न कराने के लिए क्षेत्र की महिलाओं को शादी-विवाह में मंगल गीत गाने, पहाड़ी व्यंजन बनाये जाने सहित विवाह संपन्न कराने की विधाएं सिखाई जा रही हैं. जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं. वेडिंग प्लानर पवन राणा ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर को भी वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिये यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब त्रियुगीनारायण की तर्ज पर यहां भी वैदिक विवाह संपन्न होंगे.

ओंकारेश्वर मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की पहल

रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को वैदिक विवाह स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है. इसके तहत यहां पर क्षेत्र की महिलाओं को विवाह संपन्न कराने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. महिलाओं को मंगल गीत, मंगल स्नान, पहाड़ के पारंपरिक भोजन बनाने आदि के बारे में सिखाया जा रहा है. इसके साथ ही मंदिर को योग केंद्र बनाए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.

विश्व विख्यात केदारनाथ धाम का शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान है. शीतकाल में जब बाबा केदार के कपाट बंद रहते हैं तो बाबा केदार यहीं विराजते हैं. केदारनाथ का शीतकालीन गद्दीस्थल होने के अलावा ओंकारेश्वर मंदिर राक्षसों के राजा बाणासुर की पुत्री उषा और भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह स्थल भी है. कहते हैं कि उषा और अनिरुद्ध ने मंदिर के निकट ही सात फेरे लिए थे. मंदिर के निकट ही बेदी बनी हुई है. प्रत्येक वर्ष यहां हजारों की संख्या में देश-विदेश से यात्री पहुंचते हैं. अब मंदिर को वैदिक विवाह स्थल बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं. साथ ही मंदिर को योग केन्द्र के रूप में भी विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं.
पढ़ें-शीतकाल में ओंकारेश्वर मंदिर में विराजते हैं बाबा केदार, पंच केदार का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे लोग

अगर इस मंदिर में भी विवाह संपन्न होते हैं तो यह जिले का दूसरा वैदिक विवाह स्थल होगा. जिले में स्थित भगवान शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में भी वैदिक विवाह संपन्न होते हैं. ओंकारेश्वर मंदिर में वैदिक विवाह संपन्न कराने के लिए क्षेत्र की महिलाओं को शादी-विवाह में मंगल गीत गाने, पहाड़ी व्यंजन बनाये जाने सहित विवाह संपन्न कराने की विधाएं सिखाई जा रही हैं. जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं. वेडिंग प्लानर पवन राणा ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर को भी वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसके लिये यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब त्रियुगीनारायण की तर्ज पर यहां भी वैदिक विवाह संपन्न होंगे.

Last Updated : Jan 8, 2024, 1:15 PM IST
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