रुद्रप्रयाग: जिले में फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे 10 शिक्षकों को विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. जबकि, 9 के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) द्वारा जांच की जा रही है. जिसमें से एक फर्जी शिक्षक की हार्ट अटैक से पहले ही मौत हो चुकी है और अब आठ के खिलाफ कार्रवाई होनी है. इन शिक्षकों को निदेशालय से लिखित आदेश मिलते ही बर्खास्त कर दिया जाएगा.
दरअसल, शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रुद्रप्रयाग जिले में 19 लोगों ने बीएड की फर्जी डिग्री बनाकर नौकरी पाई थी. इसकी भनक उच्च अधिकारियों को लगने पर मामला सामने आने लगा. एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में जिले के 19 शिक्षकों को पकड़ा है. इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. इसी के आधार पर उनकी डिग्री को फर्जी माना गया है.
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एसआईटी ने इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की. जिसके बाद निदेशालय की ओर से दस शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें बर्खास्त कर वसूली के आदेश जारी किए गए हैं. जबकि नौ फर्जी शिक्षकों पर एसआईटी और शिक्षा विभाग की ओर से जांच की जा रही है. इन नौ फर्जी शिक्षकों को विभाग की ओर से अपना पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन फिर भी इन लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर दूसरी बार भी धोखाधड़ी की. ऐसे में इनके खिलाफ इस मामले में भी कार्रवाई जारी है.
वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) डाॅ. विद्यासागर चतुर्वेदी ने बताया कि 19 शिक्षकों में 10 को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि शेष नौ शिक्षकों के मामले में एसआईटी और विभाग की ओर से जांच की जा रही है. कुछ शिक्षकों ने दावा पेश करने के साथ ही जांच को प्रभावित करने का भी प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. ऐसे में इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निदेशालय को जांच भेजी जा रही है. फर्जी शिक्षकों के मामले में राज्य सरकार ने सख्त रवैया अपना रही है.