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खुशखबरी: जल्द ही केदारनाथ धाम में आप कर सकेंगे ई-रिक्शे की सवारी

रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ धाम तक ई-रिक्शा चलाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है. अक्टूबर महीने तक ई-रिक्शों का संचालन शुरू हो जाएगा.

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Published : Jul 31, 2019, 7:26 PM IST

Kedarnath e-rickshaw

रुद्रप्रयागः जल्द ही केदारनाथ धाम में ई-रिक्शे का लाभ यात्री ले सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन और शासन स्तर से कार्य योजना तैयार की जा रही है. ऐसे में ये प्रोजेक्ट सफल होने पर धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहलूयित मिलेगी. वहीं, प्रशासन की मानें तो आगामी अक्टूबर महीने तक धाम में ई-रिक्शा पहुंच जाएंगे.

बता दें कि भगवान केदारनाथ का धाम समुद्रतल से 11,746 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. गौरीकुंड से केदारपुरी तक करीब 18 किमी की दूरी घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी और पैदल नापनी पड़ती है. बरसात के दौरान तो यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

केदारनाथ धाम में चलेंगे ई-रिक्शा.

ये भी पढे़ंः सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में, रोक के बावजूद राम झूला पुल पर धड़ल्ले से दौड़ रहे दोपहिया वाहन

घोड़े-खच्चर संचालक भी रुद्रा प्वाइंट तक यात्रियों को छोड़ते हैं. जिसके बाद उन्हें पैदल ही केदार बाबा की दूरी नापनी पड़ती है. हालांकि, यहां से मंदिर तक का रास्ता सीधा है. जो करीब दो किलोमीटर है. ऐसे में प्रशासन ई-रिक्शा संचालन की कवायद में जुट गया है. कार्य योजना के मुताबिक ई-रिक्शे रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक चलाए जाएंगे..

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ धाम में रुद्रा प्वाइंट तक ई-रिक्शा संचालित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि अक्टूबर महीने तक धाम में ई-रिक्शा संचालित हो सकेंगे. साथ ही कहा कि ई-रिक्शा चलने से बुजुर्ग यात्रियों को काफी सहलूयित मिलेगी. जिससे धाम में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी.

रुद्रप्रयागः जल्द ही केदारनाथ धाम में ई-रिक्शे का लाभ यात्री ले सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन और शासन स्तर से कार्य योजना तैयार की जा रही है. ऐसे में ये प्रोजेक्ट सफल होने पर धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहलूयित मिलेगी. वहीं, प्रशासन की मानें तो आगामी अक्टूबर महीने तक धाम में ई-रिक्शा पहुंच जाएंगे.

बता दें कि भगवान केदारनाथ का धाम समुद्रतल से 11,746 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. गौरीकुंड से केदारपुरी तक करीब 18 किमी की दूरी घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी और पैदल नापनी पड़ती है. बरसात के दौरान तो यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

केदारनाथ धाम में चलेंगे ई-रिक्शा.

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घोड़े-खच्चर संचालक भी रुद्रा प्वाइंट तक यात्रियों को छोड़ते हैं. जिसके बाद उन्हें पैदल ही केदार बाबा की दूरी नापनी पड़ती है. हालांकि, यहां से मंदिर तक का रास्ता सीधा है. जो करीब दो किलोमीटर है. ऐसे में प्रशासन ई-रिक्शा संचालन की कवायद में जुट गया है. कार्य योजना के मुताबिक ई-रिक्शे रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक चलाए जाएंगे..

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ धाम में रुद्रा प्वाइंट तक ई-रिक्शा संचालित करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि अक्टूबर महीने तक धाम में ई-रिक्शा संचालित हो सकेंगे. साथ ही कहा कि ई-रिक्शा चलने से बुजुर्ग यात्रियों को काफी सहलूयित मिलेगी. जिससे धाम में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी.

Intro:स्पेशल -
समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई में दौड़ेंगे ई-रिक्शा
केदारनाथ धाम में ई-रिक्शा चलाने की बनाई जा रही कार्य योजना
प्रशासन स्तर से शासन से किया जा रहा पत्राचार
अक्टूबर माह से मिल सकती है ई-रिक्शा की सुविधा
ई-रिक्शा संचालित होने के बाद बुजुर्ग व बीमार यात्रियों को मिलेगा लाभ
रुद्रप्रयाग-
आपने शहरी इलाकों में ई-रिक्शा को दौड़ते हुए देखा होगा, मगर अब आप पहाड़ी इलाकों में भी इस वाहन को दौड़ते हुए देख पायेंगे। वह भी समुद्रतल से 11 746 फीट की ऊंचाई पर यह वाहन दौड़ेगा। प्रशासन स्तर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जल्द ही आपको यह चमत्कार देखने को मिलेगा। Body:दरअसल, भगवान केदारनाथ धाम में ई-रिक्शा दौड़ाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल साबित होता है तो धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी राहत मिलेगी। खासकर मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। जिला प्रशासन की ओर से शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है और अक्टूबर माह तक धाम में ई-रिक्शा पहुंच जायेंगे।
आपको बता दें कि भगवान केदारनाथ का धाम समुद्रतल से 11 746 फीट की ऊंचाई पर है और गौरीकुण्ड से वाहन के जरिये पहुंचने के बाद केदारपुरी के लिए 18 किमी की दूरी घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी व पैदल नापनी पड़ती है। बरसात के समय पर घोड़े-खच्चर और डंडी कंडी की सुविधा न होने पर यात्रियों को पैदल ही चलना पड़ता है, जबकि पीक यात्रा सीजन में भी सुविधाएं मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बीमार मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। केदारनाथ पहुंचकर उन्हें आॅक्सीजन की कमी से जूझना पड़ता है और उनकी असमय ही मौत हो जाती है। घोड़े-खच्चर संचालक भी रुद्रा प्वाइंट तक यात्रियों को छोड़ते हैं, जिसके बाद उन्हें पैदल ही केदार बाबा की दूरी नापनी पड़ती है। रुद्रा प्वाइंट से भगवान केदारनाथ की दूरी दो किमी है और यहां से रास्ता भी सीधा ही है, लेकिन पैदल चलकर यात्रियों की सांस फुलने लगती है। ऐसे में प्रशासन की ओर से यात्रियों की समस्या को देखते हुए ई-रिक्शा संचालन की कार्यवाही की जा रही है। रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक यात्रियों को ई-रिक्शा का लाभ मिलेगी, जिससे उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी। खासकर बुजुर्ग और बीमार तीर्थयात्रियों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। Conclusion:जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ धाम में रुद्रा प्वाइंट से ई-रिक्शा संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। शासन स्तर पर पत्राचार चल रहा है और संभवतः अक्टूबर माह से धाम में ई-रिक्शा दौड़ते नजर आयेंगे। उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा का लाभ बीमार यात्रियों के साथ ही बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को मिलेगा, जिससे धाम में आॅक्सीजन की कमी से मरने वालों की संख्या में कमी आयेगी।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी
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