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18 साल बाद निकली भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा, मदमहेश्वर घाटी में लोगों ने लिया आशीर्वाद

पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा शुरू हो गई है. मदमहेश्वर घाटी में होने वाली ये यात्रा कई गांवों में जाकर आशीर्वाद देगी.

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18 सालों बाद आयोजित की गई दिवारा यात्रा
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Published : Feb 6, 2020, 6:48 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 9:05 PM IST

रुद्रप्रयाग: 18 सालों बाद पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा आयोजित की गई. गुरुवार को ये यात्रा ऊखीमठ के पंचगाई से विदा होकर मदमहेश्वर घाटी के फापंज गांव पहुंची. दिवारा यात्रा ने फापंज गांव का नगर भ्रमण कर श्रद्धालुओं का कुशलक्षेम पूछा. इस दौरान सभी ग्रामीण आस्था के रंग में रंगे नजर आये.

18 साल बाद निकली भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा

भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के मदमहेश्वर घाटी आगमन पर स्थानीय श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया. भगवान तुंगनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए धियाणियों व प्रवासियों ने मदमहेश्वर घाटी की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी समेत कई लोगों ने ब्रह्म बेला पर भगवान तुंगनाथ की उत्सव मूर्तियों को गंगा जल से स्नान करवाया. इसके बाद पंचांग पूजन के तहत भगवान तुंगनाथ सहित दिवारा यात्रा में साथ चल रहे कई देवी-देवताओं के निशाणों का महाभिषेक कर आरती उतारी.

पढ़ें-ऋषिकेश: दर्जनों माध्यमिक विद्यालय के भवन आज भी जर्जर, बड़े हादसे के इंतजार में शिक्षा विभाग

भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के नगर भ्रमण के दौरान महिलाओं ने देवों का देव होला बाबा तुंगनाथ, आशीष सुफल ह्वै जांदा तुम्हारौ बाबा तुंगनाथ जैसे पौराणिक जागरों से भगवान तुंगनाथ की महिमा का गुणगान किया. भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा से पूरे गांव का माहौल भक्तिमय हो गया है. गांव आगमन पर ग्रामीणों ने परम्परा अनुसार भगवान तुंगनाथ का स्वागत सत्कार किया.

रुद्रप्रयाग: 18 सालों बाद पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा आयोजित की गई. गुरुवार को ये यात्रा ऊखीमठ के पंचगाई से विदा होकर मदमहेश्वर घाटी के फापंज गांव पहुंची. दिवारा यात्रा ने फापंज गांव का नगर भ्रमण कर श्रद्धालुओं का कुशलक्षेम पूछा. इस दौरान सभी ग्रामीण आस्था के रंग में रंगे नजर आये.

18 साल बाद निकली भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा

भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के मदमहेश्वर घाटी आगमन पर स्थानीय श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया. भगवान तुंगनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए धियाणियों व प्रवासियों ने मदमहेश्वर घाटी की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी समेत कई लोगों ने ब्रह्म बेला पर भगवान तुंगनाथ की उत्सव मूर्तियों को गंगा जल से स्नान करवाया. इसके बाद पंचांग पूजन के तहत भगवान तुंगनाथ सहित दिवारा यात्रा में साथ चल रहे कई देवी-देवताओं के निशाणों का महाभिषेक कर आरती उतारी.

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भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के नगर भ्रमण के दौरान महिलाओं ने देवों का देव होला बाबा तुंगनाथ, आशीष सुफल ह्वै जांदा तुम्हारौ बाबा तुंगनाथ जैसे पौराणिक जागरों से भगवान तुंगनाथ की महिमा का गुणगान किया. भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा से पूरे गांव का माहौल भक्तिमय हो गया है. गांव आगमन पर ग्रामीणों ने परम्परा अनुसार भगवान तुंगनाथ का स्वागत सत्कार किया.

Intro:मदमहेश्वर घाटी का भ्रमण कर रही है तुंगनाथ की देवरा यात्रा
18 वर्षो बाद देवरा यात्रा पर निकली है तुंगनाथ डोली
पंचगाई से विदा होकर देवरा यात्रा पहुंची फापंज
रुद्रप्रयाग। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात तथा 18 वर्षों बाद आयोजित भगवान तंुगनाथ की दिवारा यात्रा ऊखीमठ के पंचगाई से विदा होकर मदमहेश्वर घाटी के फापंज गांव पहुंची। भगवान तंुगनाथ की दिवारा यात्रा ने फापंज गांव का नगर भ्रमण कर श्रद्धालुओं की कुशलक्षेम पूछी।
Body:भगवान तुगनाथ की दिवारा यात्रा के मदमहेश्वर घाटी आगमन पर स्थानीय श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। भगवान तंुगनाथ का आशीष प्राप्त करने के लिए धियाणियों व प्रवासियांे ने मदमहेश्वर घाटी की ओर रूख कर दिया है। आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी, विनोद मैठाणी, जगदम्बा प्रसाद मैठाणी, आशीष मैठाणी, अतुल मैठाणी व जगदीश प्रसाद मैठाणी ने ब्रह्म बेला पर भगवान तंुगनाथ की उत्सव मूर्तियों का गंगा जल से स्नान किया तथा पंचांग पूजन के तहत भगवान तंुगनाथ सहित दिवारा यात्रा में साथ चल रहे कई देवी-देवताओं के निशाणों का महाभिषेक कर आरती उतारी। भगवान तंुगनाथ की दिवारा यात्रा के नगर भ्रमण के दौरान कमहिलाओं ने देवों का देव होला बाबा तंुगनाथ, आशीष सुफल ह्वै जादा तुम्हारो बाबा तुगनाथ जैसे पौराणिक जागरों से भगवान तंुगनाथ की महिमा का गुणगान किया। भगवान तंुगनाथ की दिवारा यात्रा जिस घर में प्रवेश करती है उस घर का वातावरण भक्तिमय बन जाता है। गांव आगमन पर ग्रामीणों ने परम्परा अनुसार भगवान तंुगनाथ को अनेक प्रकार की पूजयार्थ सामाग्रीयों से अघ्र्य लगाकर कर विश्व कल्याण की कामना की।
बाइट - माहेश्वर प्रसाद मैठाणी, आचार्यConclusion:
Last Updated : Feb 6, 2020, 9:05 PM IST
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