रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का जिले में अल्पावधि का कार्यकाल जिले को कई मायनों में बहुत कुछ दे गया. राजनेताओं, जनप्रतिनिधियों एवं आम जन के बीच खासे लोकप्रिय रहे रुद्रप्रयाग के डीएम मयूर दीक्षित का अल्प समय में स्थानान्तरण होना, जिले के लोगों को मायूसी दे गया. विपरीत परिस्थितियों में भी विश्व प्रसिद्ध केदार यात्रा को बेहतर इंजताम करना, कोई कम चुनौती नहीं थी. बाजवूद इसके निर्विघ्न यात्रा व्यवस्था उनकी कुशल कार्य शैली का हिस्सा रहा है.
अप्रैल 2022 में उत्तरकाशी जनपद से स्थानांतरित होकर रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मयूर दीक्षित करीब एक साल दो माह में यहां से स्थानांतरित हो जाएंगे, ऐसा किसी को शायद ही आभास रहा होगा. मगर सरकारी सेवा में स्थानांतरण की प्रक्रिया ने ये कर ही डाला. माना तो यह भी जा रहा है कि डीएम मयूर दीक्षित की कुशल कार्यशैली और पारदर्शी छवि ने उन्हें टिहरी जैसे बड़े जनपद की जिम्मेदारी सौंपी है, मगर उनका अल्प समय में ही रुद्रप्रयाग से स्थानांतरण हो जाना, जिले वासियों को कई मायनों में मायूसी दे गया.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि डीएम मयूर दीक्षित ने जब बीते वर्ष अप्रैल माह में जिले का कार्यभार ग्रहण किया था तो कार्यभार ग्रहण करते ही उनके सामने केदारनाथ यात्रा बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी थी. उनकी कुशल कार्यशैली एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के बूते केदारनाथ यात्रा सहजता से निपट गई और पहली बार साढ़े 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए. उनकी कार्यशैली यहीं नहीं ठहरी, डीएम दीक्षित ने यहां कई ऐसे विकास कार्यो की नींव रखी, जिसका लाभ जनपद वासियों को दीर्घकाल तक मिलता रहेगा. हर छोटे-बड़े कार्य में डीएम मयूर की उपस्थिति इस बात का पुख्ता सबूत है कि जिले के शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति जन सरोकारों के लिए कितने संवेदनशील एवं जवाबदेही से कार्य कर रहे हैं.