रुद्रप्रयाग: किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को अब डायलिसिस के लिए श्रीनगर या फिर ऋषिकेश और देहरादून नहीं जाना पड़ेगा. क्योंकि जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में डायलिसिस यूनिट स्थापित की है. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जिला चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट के शुभारंभ किया. पहले तीन मरीजों का डायलिसिस किया गया.
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चमोली जिले की आधी जनता भी जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग पर ही निर्भर है. सबसे ज्यादा समस्या डायलिसिस के मरीजों को होती थी. जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग डायलिसिस यूनिट नहीं होने कारण उन्हें दूसरे जिलों में जाना पड़ता था, जहां उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद होता था, लेकिन उन्हें डायलिसिस की सुविधा जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में मिल जाएगी. इसके उनके पैसे के साथ-साथ समय की भी बजत होगी.
डायलिसिस का उपचार दे रहे वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संजय तिवारी ने बताया कि डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है. इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं. गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है.