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देहरादून नगर निगम शपथ ग्रहण से पहले आया ट्विस्ट, इस BJP पार्षद की सदस्यता खारिज करने की कोर्ट से मांग - DEHRADUN NAGAR NIKAY CHUNAV

देहरादून के वार्ड नं 98 से नवनिर्वाचित बीजेपी पार्षद की सदस्यता खारिज करने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने कोर्ट में चुनौती दी है.

prashant kharola in dehradun
निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने नवनिर्वाचित बीजेपी पार्षद पर लगाए आरोप (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 7, 2025, 1:03 PM IST

देहरादून: एक तरफ देहरादून में शहर की नई सरकार बनने जा रही है, तो दूसरी तरफ नगर निगम का 98 नंबर वार्ड विवादों में आ गया है. दरअसल बीजेपी के नवनिर्वाचित पार्षद की सदस्यता खारिज करने की मांग का मामला कोर्ट पहुंच गया है. जिला न्यायालय ने वाद स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए हैं.

निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने उठाए सवाल: देहरादून नगर निगम में अभी छोटी सरकार बनने की तैयारी की जा रही है, तो शपथ ग्रहण से पहले ही वार्ड 98 बालावाला निर्वाचन के मामले में विवादों में आ गया है. दरअसल वार्ड 98 बालावाला में बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत खरोला ने चुनाव जीता था. जानकारी के अनुसार खरोला बीजेपी के मंडल अध्यक्ष होने के चलते संगठन में पकड़ रखते हैं, लेकिन उन्हें एक निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने कड़ी चुनौती दी. जिसके चलते मात्र 26 वोट से बीजेपी के पार्षद को जीत मिल सकी. वहीं कांग्रेस का प्रत्याशी तो तीसरे नंबर पर रहा.

चुनाव में जानकारियां छुपाने का लगाया आरोप: चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने बीजेपी पार्षद प्रशांत खरोला पर चुनाव के दौरान जानकारियां छुपाने का आरोप लगाया है. चुनाव से पहले शपथ पत्र में पार्षद प्रशांत खरोला पर चल रहे मुकदमों की जानकारी छुपाने का आरोप है. आशीष खत्री के अधिवक्ता अभिजय नेगी का दावा है कि नवनिर्वाचित पार्षद ने नामांकन पत्र और शपथ पत्र में अपनी आपराधिक जानकारियों को छुपाया है. उन्होंने बताया कि खरोला पर तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे जिसमें से दो में वह दोष मुक्त हो चुके हैं. लेकिन एक मामला अब भी उन पर दर्ज है. ना तो शपथ पत्र में प्रशांत खारोला ने बरी हुए मुकदमों की जानकारी दी और ना ही मौजूद चल रहे मुकदमे के बारे में बताया है.

जिला न्यायालय ने जारी किया नोटिस: अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि जिला न्यायालय ने सदस्यता खारिज करने से जुड़े इस वाद को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि नवनिर्वाचित प्रत्याशी के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी और शहरी विकास विभाग को भी जिला न्यायालय ने नोटिस जारी कर दिए हैं.

उधर दूसरी तरफ बीजेपी पार्षद प्रशांत खरोला से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शपथ पत्र में विधानसभा घेराव से जुड़े एक मामले की जानकारी देना वह भूल गए होंगे, हालांकि बाकी मामलों में वह बरी हो चुके हैं. जब उनसे पूछा गया कि जिन मामलों में वह बरी हुए हैं, क्या उनकी जानकारी दी गई थी तो उन्होंने कहा इस पर उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें- हाउस टैक्स जमा नहीं करने वाले 15 हजार करदाताओं पर गिरी गाज, देहरादून नगर निगम ने नोटिस किया जारी

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देहरादून: एक तरफ देहरादून में शहर की नई सरकार बनने जा रही है, तो दूसरी तरफ नगर निगम का 98 नंबर वार्ड विवादों में आ गया है. दरअसल बीजेपी के नवनिर्वाचित पार्षद की सदस्यता खारिज करने की मांग का मामला कोर्ट पहुंच गया है. जिला न्यायालय ने वाद स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए हैं.

निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने उठाए सवाल: देहरादून नगर निगम में अभी छोटी सरकार बनने की तैयारी की जा रही है, तो शपथ ग्रहण से पहले ही वार्ड 98 बालावाला निर्वाचन के मामले में विवादों में आ गया है. दरअसल वार्ड 98 बालावाला में बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत खरोला ने चुनाव जीता था. जानकारी के अनुसार खरोला बीजेपी के मंडल अध्यक्ष होने के चलते संगठन में पकड़ रखते हैं, लेकिन उन्हें एक निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने कड़ी चुनौती दी. जिसके चलते मात्र 26 वोट से बीजेपी के पार्षद को जीत मिल सकी. वहीं कांग्रेस का प्रत्याशी तो तीसरे नंबर पर रहा.

चुनाव में जानकारियां छुपाने का लगाया आरोप: चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने बीजेपी पार्षद प्रशांत खरोला पर चुनाव के दौरान जानकारियां छुपाने का आरोप लगाया है. चुनाव से पहले शपथ पत्र में पार्षद प्रशांत खरोला पर चल रहे मुकदमों की जानकारी छुपाने का आरोप है. आशीष खत्री के अधिवक्ता अभिजय नेगी का दावा है कि नवनिर्वाचित पार्षद ने नामांकन पत्र और शपथ पत्र में अपनी आपराधिक जानकारियों को छुपाया है. उन्होंने बताया कि खरोला पर तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे जिसमें से दो में वह दोष मुक्त हो चुके हैं. लेकिन एक मामला अब भी उन पर दर्ज है. ना तो शपथ पत्र में प्रशांत खारोला ने बरी हुए मुकदमों की जानकारी दी और ना ही मौजूद चल रहे मुकदमे के बारे में बताया है.

जिला न्यायालय ने जारी किया नोटिस: अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि जिला न्यायालय ने सदस्यता खारिज करने से जुड़े इस वाद को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि नवनिर्वाचित प्रत्याशी के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी और शहरी विकास विभाग को भी जिला न्यायालय ने नोटिस जारी कर दिए हैं.

उधर दूसरी तरफ बीजेपी पार्षद प्रशांत खरोला से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शपथ पत्र में विधानसभा घेराव से जुड़े एक मामले की जानकारी देना वह भूल गए होंगे, हालांकि बाकी मामलों में वह बरी हो चुके हैं. जब उनसे पूछा गया कि जिन मामलों में वह बरी हुए हैं, क्या उनकी जानकारी दी गई थी तो उन्होंने कहा इस पर उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है.

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