देहरादून: दो दिन पहले केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर की चपेट में आने से यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) के वित्त नियंत्रक अमित सैनी की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद यूकाडा काफी अलर्ट हो गया. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए डीजीसीए की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया. साथ डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) की टीम ने घटना के दौरान वहां मौजूद लोगों से भी बातचीत की.
इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए डीजीसीए की तरफ से समय-समय पर निर्देश भी जारी किए गए हैं, जिसका सख्ती से पालन करने का आदेश भी जारी किया गया है. साथ ही डीजीसीए ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सफर के दौरान यात्रियों को बरते जाने वाली सावधानियों से भी अवगत कराएं, ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित हो.
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डीजीसीए की तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत हेलीकॉप्टर से उतरने और चढ़ने के दौरान व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के साथ ही साइन बोर्ड भी लगाए जाएं. वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि डीजीसीए ने जो मानक तय किए हैं, साथ ही जो दिशा निर्देश दिए हैं उनका पालन करना पायलट की जिम्मेदारी है. साथ ही जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाता है उसकी जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनी की होती है.
बता दें कि आज 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खुल गए हैं. इसी के साथ हेली सर्विस भी शुरू हो गई है. पहले भी कई बार केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटनग्रस्त हो चुके हैं.
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