रुद्रप्रयाग: आज यानी 1 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है. इस मौके पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी घोषित कर दी जाएगी. इसके साथ ही पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि भी आज ही घोषित की जाएगी. मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग, मंदिर समिति के पदाधिकारी, विद्वान आचार्यों व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी.
मंदिर समिति की ओर से कपाट खुलने की तिथि घोषित होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को आठ क्विंटल फूलों से सजाया गया है. वहीं, शिवरात्रि के लिए केदारनाथ मंदिर का श्रृंगार बर्फ ने किया गया है. धाम में पांच फीट तक बर्फ पड़ी है. केदारनाथ धाम में चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है.
भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित होने के दौरान कोविड 19 की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जायेगा और भक्तों द्वारा सोशल दूरी के तहत पूजा-अर्चना, जलाभिषेक, कीर्तन भजन किये जायेंगे. इस अवसर पर दिल्ली के भक्तों की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जायेगा. प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी.
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विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रा आंशिक रूप से हो पाई थी. इसलिए इस वर्ष स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों में भारी उत्साह बना हुआ है. महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ, मदमहेश्वर, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी तथा ओंकारेश्वर मंदिर में प्रधान पुजारियों की तैनाती भी की जायेगी.