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8 साल से सोनप्रयाग में चल रहा है पार्किंग का निर्माण, यात्रियों को झेलनी पड़ रही परेशानी

केदरनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में पिछले आठ वर्ष से 70 करोड़ की लागत से बनने वाली बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण नहीं किया जा सका है. पार्किंग में हेलीपैड बनना था, जिससे दैवीय आपदा की किसी भी संभावित घटना के दौरान राहत व बचाव कार्य शीघ्रता से किया जा सके. मगर, दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों की लागत से बनने वाली पार्किंग का निर्माण आज तक नहीं हो सका है.

Crash barrier in rudraprayag
8 साल से सोनप्रयाग में चल रहा है पार्किंग का निर्माण
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Published : Mar 21, 2022, 3:38 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के पड़ाव सोनप्रयाग में आठ साल बाद भी बहुउद्देशीय पार्किंग का निर्माण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के समय तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही लम्बा जाम लगने से तीर्थ यात्रियों को पांच मिनट का सफर तय करने के लिए घंटों लग जाते हैं. पार्किंग सुविधा नहीं होने से स्थानीय व्यापारी भी खासे परेशान रहते हैं.

बता दें कि केदरनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में आठ वर्ष बाद भी 70 करोड़ की लागत से बनने वाली बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण नहीं किया जा सका है. पार्किंग में हेलीपैड बनना था, जिससे दैवीय आपदा की किसी भी संभावित घटना के दौरान राहत व बचाव कार्य शीघ्रता से किया जा सके. मगर, दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों की लागत से बनने वाली पार्किंग का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. साल 2013 की केदारनाथ त्रासदी में सोनप्रयाग बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचा था. इस स्थान पर कई आवासीय भवन, होटल, लॉज व वाहनों के पार्किग स्थल सैलाब में बह गए थे.

वहीं, आपदा के बाद फिर से यहां पर बहुउद्देशीय पार्किंग के निर्माण की रूपरेखा साल 2014 में तैयार की गई थी और सत्तर करोड़ का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया. इसके निर्माण का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश को दिया गया. मगर निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने के कारण आपदा के आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो सका है. अस्थाई रूप से आधा अधूरी पार्किग में ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जबकि अधिकांश वाहन मुख्य सड़क हाइवे पर ही खड़े रहते हैं, जिस कारण कई बार घंटों का जाम लग जाता है.

इस बहुउद्देशीय पार्किग में आपदा प्रभावित लोगों के दुकानों के साथ ही तीसरे मंजिल पर हेलीपैड का निर्माण भी होना है, ताकि भविष्य में किसी आपदा जैसी घटना की संभावना को देखते हुए राहत व बचाव कार्य किए जा सकें. पार्किंग का निर्माण कार्य धीमी गति से चलने का खामियाजा स्थानीय व्यापारियों को भी भुगतना पड़ रहा है, जबकि बीते यात्रा काल में यात्रियों को असुविधा और घंटों जाम में फंसने की तकलीफें झेलनी पड़ी थी. साल 2021 में पार्किंग में 90 दुकानें तैयार हो चुकी थी, जिन्हें स्थानीय लोगों को आवंटित कर दिया गया. अब शेष कार्य को करने में कार्यदायी संस्था देरी कर रही है. निर्माण के बाद दो मंजिला पार्किंग में पार्किंग की छत पर 175 कार पार्क हो सकेंगी.

वहीं, साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर दोपहिया, टैम्पू ट्रेवलर इत्यादि हल्के वाहन पार्क होंगे. इसके अलावा डॉरमेट्री, कैंटीन तथा पार्किंग ऑफिस का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है हालांकि, अभी पर्किंग की बाउंड्री सहित अन्य कई कार्य शेष हैं. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि पर्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. आने वाले दो से तीन माह में दोमंजिला पर्किंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जबकि अन्य पर्किंग संबंधी कार्य भी पूरे कर लिये जायेंगे.

पढ़ें- उत्तराखंड के 69 नव निर्वाचित विधायकों ने ली शपथ, पढ़िए इस बार क्या रहा खास

केदारनाथ राजमार्ग के डेंजर जोनों में नहीं लगाये जा रहे क्रैश बैरियर: बाबा केदारनाथ की यात्रा के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर से केदारनाथ राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर कटिंग का कार्य रोककर डीबीएम तो किया जा रहा है, लेकिन कतिपय डेंजर जोनों में अभी भी क्रैश बैरियर ना लगने के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है. खुमेरा के निकट झरना प्वाइंट से फाटा की दिशा में लगभग दो सौ मीटर पर क्रैश बैरियर ना लगने से मार्ग संकीर्ण होने के साथ-साथ यात्रा काल के दृष्टिगत डेंजर बना हुआ है. हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग की कार्यदायी संस्था आरजीबी द्वारा मोटर मार्ग पर बिना चट्टान की कटिंग किए ही डामर बिछाया जा रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग के सहायक अभियंता वंदिता ने बताया कि अभी इस पांच सौ मीटर मार्ग पर कटिंग की स्वीकृति नहीं है. कतिपय कारणों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा कटिंग पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यात्रा काल को सुचारू रखने के लिए इस संवेदनशील मोटर मार्ग पर डीबीएम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यात्रा समाप्ति के बाद छूटे हुए मार्ग पर चौड़ीकरण की दिशा में कार्य प्रारंभ किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर डेंजर जोन है, वहां पर यात्रा काल से पूर्व क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के पड़ाव सोनप्रयाग में आठ साल बाद भी बहुउद्देशीय पार्किंग का निर्माण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के समय तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही लम्बा जाम लगने से तीर्थ यात्रियों को पांच मिनट का सफर तय करने के लिए घंटों लग जाते हैं. पार्किंग सुविधा नहीं होने से स्थानीय व्यापारी भी खासे परेशान रहते हैं.

बता दें कि केदरनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में आठ वर्ष बाद भी 70 करोड़ की लागत से बनने वाली बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण नहीं किया जा सका है. पार्किंग में हेलीपैड बनना था, जिससे दैवीय आपदा की किसी भी संभावित घटना के दौरान राहत व बचाव कार्य शीघ्रता से किया जा सके. मगर, दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों की लागत से बनने वाली पार्किंग का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. साल 2013 की केदारनाथ त्रासदी में सोनप्रयाग बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचा था. इस स्थान पर कई आवासीय भवन, होटल, लॉज व वाहनों के पार्किग स्थल सैलाब में बह गए थे.

वहीं, आपदा के बाद फिर से यहां पर बहुउद्देशीय पार्किंग के निर्माण की रूपरेखा साल 2014 में तैयार की गई थी और सत्तर करोड़ का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया. इसके निर्माण का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश को दिया गया. मगर निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने के कारण आपदा के आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो सका है. अस्थाई रूप से आधा अधूरी पार्किग में ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जबकि अधिकांश वाहन मुख्य सड़क हाइवे पर ही खड़े रहते हैं, जिस कारण कई बार घंटों का जाम लग जाता है.

इस बहुउद्देशीय पार्किग में आपदा प्रभावित लोगों के दुकानों के साथ ही तीसरे मंजिल पर हेलीपैड का निर्माण भी होना है, ताकि भविष्य में किसी आपदा जैसी घटना की संभावना को देखते हुए राहत व बचाव कार्य किए जा सकें. पार्किंग का निर्माण कार्य धीमी गति से चलने का खामियाजा स्थानीय व्यापारियों को भी भुगतना पड़ रहा है, जबकि बीते यात्रा काल में यात्रियों को असुविधा और घंटों जाम में फंसने की तकलीफें झेलनी पड़ी थी. साल 2021 में पार्किंग में 90 दुकानें तैयार हो चुकी थी, जिन्हें स्थानीय लोगों को आवंटित कर दिया गया. अब शेष कार्य को करने में कार्यदायी संस्था देरी कर रही है. निर्माण के बाद दो मंजिला पार्किंग में पार्किंग की छत पर 175 कार पार्क हो सकेंगी.

वहीं, साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर दोपहिया, टैम्पू ट्रेवलर इत्यादि हल्के वाहन पार्क होंगे. इसके अलावा डॉरमेट्री, कैंटीन तथा पार्किंग ऑफिस का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है हालांकि, अभी पर्किंग की बाउंड्री सहित अन्य कई कार्य शेष हैं. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि पर्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है. आने वाले दो से तीन माह में दोमंजिला पर्किंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जबकि अन्य पर्किंग संबंधी कार्य भी पूरे कर लिये जायेंगे.

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केदारनाथ राजमार्ग के डेंजर जोनों में नहीं लगाये जा रहे क्रैश बैरियर: बाबा केदारनाथ की यात्रा के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर से केदारनाथ राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर कटिंग का कार्य रोककर डीबीएम तो किया जा रहा है, लेकिन कतिपय डेंजर जोनों में अभी भी क्रैश बैरियर ना लगने के कारण मार्ग जानलेवा बना हुआ है. खुमेरा के निकट झरना प्वाइंट से फाटा की दिशा में लगभग दो सौ मीटर पर क्रैश बैरियर ना लगने से मार्ग संकीर्ण होने के साथ-साथ यात्रा काल के दृष्टिगत डेंजर बना हुआ है. हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग की कार्यदायी संस्था आरजीबी द्वारा मोटर मार्ग पर बिना चट्टान की कटिंग किए ही डामर बिछाया जा रहा है.

राष्ट्रीय राजमार्ग के सहायक अभियंता वंदिता ने बताया कि अभी इस पांच सौ मीटर मार्ग पर कटिंग की स्वीकृति नहीं है. कतिपय कारणों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा कटिंग पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यात्रा काल को सुचारू रखने के लिए इस संवेदनशील मोटर मार्ग पर डीबीएम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यात्रा समाप्ति के बाद छूटे हुए मार्ग पर चौड़ीकरण की दिशा में कार्य प्रारंभ किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर डेंजर जोन है, वहां पर यात्रा काल से पूर्व क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे.

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