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कमल सिंह की मदद के लिए सीएम त्रिवेंद्र ने बढ़ाया हाथ - ल्युकोपिनीया की बीमारी से पीड़ित कमल सिंह

किसी व्यक्ति को व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट कम होने पर ल्युकोपिनीया नाम की बीमारी हो जाती है. इसमें शरीर में बीमारियों से बचाव की शक्ति कम हो जाती है. इसमें किसी भी बीमारी का प्राणघाती हो जाना संभव है. ऐसा होने पर एड्स, कैंसर और हैपेटाइटिस आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है. कमल सिंह इसी गंभीर बीमारी से पीड़िता है, जिसका कोई इलाज नहीं है.

Chief Minister Trivendra Singh Rawat
Chief Minister Trivendra Singh Rawat
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Published : Jan 10, 2021, 7:30 PM IST

रुद्रप्रयाग: पिछले दस सालों से बीमारी से जूझ रहे विकासखंड ऊखीमठ के तुलंगा गांव निवासी कमल सिंह की मदद के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाथ आगे बढ़ाए हैं. सोशल मीडिया में डाली गई पोस्ट का संज्ञान लेने के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने अपने आर्थिक सलाहकार को जिला प्रशासन से जानकारी जुटाने को कहा. इसके अलावा पोस्ट डालने वाले व्यक्ति से भी संपर्क किया और पीड़ित परिवार के बारे में पूछताछ की.

विपिन सेमवाल
विपिन सेमवाल की पोस्ट.

दरअसल, गुप्तकाशी के सामाजिक कार्यकर्ता और उपहार समिति के अध्यक्ष विपिन सेमवाल ने अपने फेसबुक पेज पर विकासखंड ऊखीमठ के तुलंगा निवासी कमल सिंह पुत्र स्वर्गीय प्रताप सिंह की पोस्ट डाली थी. जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवार की परेशानी को बयां किया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि कमल सिंह अपनी मां के साथ चार सालों से टेंट में रह रहे है. पहले ये लोग कच्चे मकान में रहते थे, लेकिन वो पूरी तरह टूट गया है. परिवार के पास नया घर बनाने के लिए रुपए नहीं है. ऐसे हालात में कमल और उसकी मां शिवदेई देवी किसी तरह से टेंट में अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

कमल सिंह.
टैंट में रहने के मजबूर कमल सिंह.

पढ़ें- बंशीधर के बिगड़े बोल पर CM त्रिवेंद्र ने ट्वीट कर इंदिरा से मांगी माफी

कमल सिंह दस सालों से ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसका कोई इलाज नहीं है. कमल ने आर्थिक विपन्नता के बावजूद एमए बीएड किया है. वह अपनी मां का सहारा बनना चाहता था, मगर शरीर में सेल्स (कोशिका) कम होने के कारण उसके पांव कमजोर होने लगे और आज स्थिति यह है कि वह टेंट के भीतर ही अपना जीवन काट रहा है. कमल एक स्थान पर ही बैठकर नीयति को कोस रहे हैं.

सीएम रावत
सीएम त्रिवेंद्र ने किया पोस्ट.

चार साल से अस्थाई तंबू में रहकर मां और बेटा सुखद सवेरे का इंतजार कर रहे हैं. एक खेत बेचकर किसी तरह दो कमरों की चिनाई तो कर दी, मगर अब लेंटर डालने तक के पैंसे नही हैं. रुपए की समस्या होने के कारण पांच माह से मकान का काम अधर में लटका पड़ा है.

kamal singh
अपनी मां के साथ कमल सिंह.

सामाजिक कार्यकर्ता विपिन सेमवाल ने गरीब परिवार की मदद के लिए लोगों से अपील की थी. इस पोस्ट को सूब के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पढ़ा और उन्होंने ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने आर्थिक सलाहकार को जिला प्रशासन से जानकारी जुटाने को कहा. साथ ही पोस्ट करने वाले व्यक्ति विपिन सेमवाल से संपर्क करने को कहा.

कमल सिंह
कमल सिंह का घर.

पढ़ें- शीतकाल में डोडीताल बना पर्यटकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन

उपहार समिति के अध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा कि फेसबुक में पोस्ट डालने के बाद उन्हें सीएम से लेकर उनके सलाहकारों के फोन आए और गरीब कमल सिंह की मदद को लेकर आश्वासन दिया गया है. बीमारी से जूझ रहे कमल सिंह की मदद के लिए सरकार आगे आई है. इसके लिए वे सीएम त्रिवेंद्र का आभार व्यक्त करते हैं. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही पीड़ित परिवार का आवास बनकर तैयार हो जायेगा.

विपिन सेमवाल
विपिन सेमवाल की पोस्ट.

ल्युकोपिनीया की बीमारी से पीड़ित है कमल

किसी व्यक्ति को व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट कम होने पर ल्युकोपिनीया नाम की बीमारी हो जाती है. इसमें शरीर में बीमारियों से बचाव की शक्ति कम हो जाती है. इसमें किसी भी बीमारी का प्राणघाती हो जाना संभव है. ऐसा होने पर एड्स, कैंसर और हैपेटाइटिस आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

रुद्रप्रयाग: पिछले दस सालों से बीमारी से जूझ रहे विकासखंड ऊखीमठ के तुलंगा गांव निवासी कमल सिंह की मदद के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाथ आगे बढ़ाए हैं. सोशल मीडिया में डाली गई पोस्ट का संज्ञान लेने के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने अपने आर्थिक सलाहकार को जिला प्रशासन से जानकारी जुटाने को कहा. इसके अलावा पोस्ट डालने वाले व्यक्ति से भी संपर्क किया और पीड़ित परिवार के बारे में पूछताछ की.

विपिन सेमवाल
विपिन सेमवाल की पोस्ट.

दरअसल, गुप्तकाशी के सामाजिक कार्यकर्ता और उपहार समिति के अध्यक्ष विपिन सेमवाल ने अपने फेसबुक पेज पर विकासखंड ऊखीमठ के तुलंगा निवासी कमल सिंह पुत्र स्वर्गीय प्रताप सिंह की पोस्ट डाली थी. जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवार की परेशानी को बयां किया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि कमल सिंह अपनी मां के साथ चार सालों से टेंट में रह रहे है. पहले ये लोग कच्चे मकान में रहते थे, लेकिन वो पूरी तरह टूट गया है. परिवार के पास नया घर बनाने के लिए रुपए नहीं है. ऐसे हालात में कमल और उसकी मां शिवदेई देवी किसी तरह से टेंट में अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

कमल सिंह.
टैंट में रहने के मजबूर कमल सिंह.

पढ़ें- बंशीधर के बिगड़े बोल पर CM त्रिवेंद्र ने ट्वीट कर इंदिरा से मांगी माफी

कमल सिंह दस सालों से ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसका कोई इलाज नहीं है. कमल ने आर्थिक विपन्नता के बावजूद एमए बीएड किया है. वह अपनी मां का सहारा बनना चाहता था, मगर शरीर में सेल्स (कोशिका) कम होने के कारण उसके पांव कमजोर होने लगे और आज स्थिति यह है कि वह टेंट के भीतर ही अपना जीवन काट रहा है. कमल एक स्थान पर ही बैठकर नीयति को कोस रहे हैं.

सीएम रावत
सीएम त्रिवेंद्र ने किया पोस्ट.

चार साल से अस्थाई तंबू में रहकर मां और बेटा सुखद सवेरे का इंतजार कर रहे हैं. एक खेत बेचकर किसी तरह दो कमरों की चिनाई तो कर दी, मगर अब लेंटर डालने तक के पैंसे नही हैं. रुपए की समस्या होने के कारण पांच माह से मकान का काम अधर में लटका पड़ा है.

kamal singh
अपनी मां के साथ कमल सिंह.

सामाजिक कार्यकर्ता विपिन सेमवाल ने गरीब परिवार की मदद के लिए लोगों से अपील की थी. इस पोस्ट को सूब के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पढ़ा और उन्होंने ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने आर्थिक सलाहकार को जिला प्रशासन से जानकारी जुटाने को कहा. साथ ही पोस्ट करने वाले व्यक्ति विपिन सेमवाल से संपर्क करने को कहा.

कमल सिंह
कमल सिंह का घर.

पढ़ें- शीतकाल में डोडीताल बना पर्यटकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन

उपहार समिति के अध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा कि फेसबुक में पोस्ट डालने के बाद उन्हें सीएम से लेकर उनके सलाहकारों के फोन आए और गरीब कमल सिंह की मदद को लेकर आश्वासन दिया गया है. बीमारी से जूझ रहे कमल सिंह की मदद के लिए सरकार आगे आई है. इसके लिए वे सीएम त्रिवेंद्र का आभार व्यक्त करते हैं. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही पीड़ित परिवार का आवास बनकर तैयार हो जायेगा.

विपिन सेमवाल
विपिन सेमवाल की पोस्ट.

ल्युकोपिनीया की बीमारी से पीड़ित है कमल

किसी व्यक्ति को व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट कम होने पर ल्युकोपिनीया नाम की बीमारी हो जाती है. इसमें शरीर में बीमारियों से बचाव की शक्ति कम हो जाती है. इसमें किसी भी बीमारी का प्राणघाती हो जाना संभव है. ऐसा होने पर एड्स, कैंसर और हैपेटाइटिस आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

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