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केदारनाथ में चौलाई के लड्डूओं की भारी डिमांड, कमी के चलते व्यापारी और तीर्थयात्री परेशान

2018 में चौलाई के लड्डू से एक करोड़ का टर्नओवर हुआ था. वहीं इस साल चौलाई के लड्डू की डिमांड अधिक होने लगी है. आलम ये है कि 35 दिनों की यात्रा के भीतर ही अबतक पचास लाख का प्रसाद बेचा जा चुका है. जबकि, अभी साढ़े चार माह की यात्रा शेष है. चौलाई के लड्डूओं की बढ़ती मांग के आगे इसे पूरा करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. जिस कारण व्यापारियों में भारी आक्रोश बना हुआ है.

चौलाई के लड्डूओं की भारी कमी
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Published : Jun 13, 2019, 6:03 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 6:40 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही चौलाई के लड्डू की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. जिसको पूरा करना प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन गया है. लड्डू न मिलने से जहां व्यापारी वर्ग में गुस्सा देखा जा रहा है, वहीं केदारनाथ आ रहे तीर्थयात्रियों को भी चौलाई के लड्डू के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

केदारनाथ में चौलाई के लड्डूओं की भारी डिमांड.

नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट दर्शन के लिए खोले गये थे. कपाट खुलने के बाद से अबतक बाबा केदार के धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु महादेव के दर्शन कर चुके हैं. हर दिन 25 से 35 हजार के बीच तीर्थयात्री केदार धाम पहुंच रहे हैं. जिससे धाम की रौनक बढ़ने के साथ ही व्यापारियों को भी फायदा पहुंच रहा है.

इस बार केदार यात्रा पर आ रहे श्रद्धालु चौलाई के लड्डू को काफी पसंद कर रहे हैं. पिछले साल केदार प्रसाद के नाम से योजना को शुरू किया गया था. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने योजना को संचालित करने के लिए 200 से ज्यादा समूह को कार्य सौंपा गया था.

पढे़ं- निर्जला एकादशी पर भक्तों ने लगाई गंगा में डुबकी, दान पुण्य करने से होती है अक्षय फल की प्राप्ति

बता दें कि 2018 में चौलाई के लड्डू से एक करोड़ का टर्नओवर हुआ था. वहीं इस साल चौलाई के लड्डू की डिमांड अधिक होने लगी है. आलम ये है कि 35 दिनों की यात्रा के भीतर ही अबतक पचास लाख का प्रसाद बेचा जा चुका है. जबकि अभी साढ़े चार माह की यात्रा शेष है. चौलाई के लड्डूओं की बढ़ती मांग के आगे इसे पूरा करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. जिस कारण व्यापारियों में भारी आक्रोश बना हुआ है.

केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी ने कहा कि यात्रा से पूर्व जिला प्रशासन और व्यापारियों की बैठक हुई थी. जिसमें प्रशासन की ओर से कहा गया था कि केदारनाथ में इलायची दाना को बंद करते हुए चैलाई के लड्डूओं का ही प्रसाद बेचा जायेगा.

उन्होंने बताया कि प्रशासन की इस बात पर व्यापारियों ने भी हामी भरी थी. लेकिन अब चैलाई के लड्डूओं की डिमांड को पूरा नहीं किया जा रहा है. व्यापारियों की समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब चौलाई की जगह कौन सा प्रसाद व्यापारियों को बेचें.

वहीं, दूसरी ओर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल बताते हैं कि केदारनाथ में चौलाई के लड्डूओं को प्रसाद के रूप में बेचने का मकसद यह था कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिले. साथ ही तीर्थयात्रियों को स्थानीय उत्पाद से भी रूबरू करवाया जाए. केदारधाम में चौलाई के लड्डूओं को बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है. इस साल भारी तादाद में तीर्थयात्री केदारधाम पहुंच रहे हैं. ऐसे में डिमांड को पूरा किया जाना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने बताया कि 200 ज्यादा समूह चौलाई के लड्डूओं का प्रसाद बना रही हैं. लड्डूओं की कमी को देखते हुए अन्य संस्थाओं को भी लड्डू बनाने के लिए कहा गया है. डीएम कहते हैं कि जिला प्रशासन का मकसद है कि केदारनाथ धाम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और उन्हें घर में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही चौलाई के लड्डू की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. जिसको पूरा करना प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन गया है. लड्डू न मिलने से जहां व्यापारी वर्ग में गुस्सा देखा जा रहा है, वहीं केदारनाथ आ रहे तीर्थयात्रियों को भी चौलाई के लड्डू के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

केदारनाथ में चौलाई के लड्डूओं की भारी डिमांड.

नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट दर्शन के लिए खोले गये थे. कपाट खुलने के बाद से अबतक बाबा केदार के धाम में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु महादेव के दर्शन कर चुके हैं. हर दिन 25 से 35 हजार के बीच तीर्थयात्री केदार धाम पहुंच रहे हैं. जिससे धाम की रौनक बढ़ने के साथ ही व्यापारियों को भी फायदा पहुंच रहा है.

इस बार केदार यात्रा पर आ रहे श्रद्धालु चौलाई के लड्डू को काफी पसंद कर रहे हैं. पिछले साल केदार प्रसाद के नाम से योजना को शुरू किया गया था. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने योजना को संचालित करने के लिए 200 से ज्यादा समूह को कार्य सौंपा गया था.

पढे़ं- निर्जला एकादशी पर भक्तों ने लगाई गंगा में डुबकी, दान पुण्य करने से होती है अक्षय फल की प्राप्ति

बता दें कि 2018 में चौलाई के लड्डू से एक करोड़ का टर्नओवर हुआ था. वहीं इस साल चौलाई के लड्डू की डिमांड अधिक होने लगी है. आलम ये है कि 35 दिनों की यात्रा के भीतर ही अबतक पचास लाख का प्रसाद बेचा जा चुका है. जबकि अभी साढ़े चार माह की यात्रा शेष है. चौलाई के लड्डूओं की बढ़ती मांग के आगे इसे पूरा करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. जिस कारण व्यापारियों में भारी आक्रोश बना हुआ है.

केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी ने कहा कि यात्रा से पूर्व जिला प्रशासन और व्यापारियों की बैठक हुई थी. जिसमें प्रशासन की ओर से कहा गया था कि केदारनाथ में इलायची दाना को बंद करते हुए चैलाई के लड्डूओं का ही प्रसाद बेचा जायेगा.

उन्होंने बताया कि प्रशासन की इस बात पर व्यापारियों ने भी हामी भरी थी. लेकिन अब चैलाई के लड्डूओं की डिमांड को पूरा नहीं किया जा रहा है. व्यापारियों की समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब चौलाई की जगह कौन सा प्रसाद व्यापारियों को बेचें.

वहीं, दूसरी ओर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल बताते हैं कि केदारनाथ में चौलाई के लड्डूओं को प्रसाद के रूप में बेचने का मकसद यह था कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिले. साथ ही तीर्थयात्रियों को स्थानीय उत्पाद से भी रूबरू करवाया जाए. केदारधाम में चौलाई के लड्डूओं को बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है. इस साल भारी तादाद में तीर्थयात्री केदारधाम पहुंच रहे हैं. ऐसे में डिमांड को पूरा किया जाना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने बताया कि 200 ज्यादा समूह चौलाई के लड्डूओं का प्रसाद बना रही हैं. लड्डूओं की कमी को देखते हुए अन्य संस्थाओं को भी लड्डू बनाने के लिए कहा गया है. डीएम कहते हैं कि जिला प्रशासन का मकसद है कि केदारनाथ धाम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और उन्हें घर में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके.

केदारनाथ में चैलाई के लडडू की भारी डिमांड, डिमांड पूरी न होने से व्यापारियों में आक्रोश
जिला प्रशासन के खिलाफ जताया आक्रोश
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - चैलाई के लड्डू की डिमांड
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/13 जून 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही चैलाई के लड्डू की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। चैलाई के लड्डू न मिलने से जहां व्यापारियों में आक्रोश बना हुआ है, वहीं देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री भी परेशान हैं। पिछले वर्ष शुरू की गई इस योजना से हजारों लोगों को रोजगार मिला है, जबकि यात्रियों ने इसे काफी पसंद भी किया है, मगर समस्या अब इस बात की है कि इन लड्डूओं की डिमांड को पूरा करना प्रशासन के लिए मुसीबत बन गई है।
वीओ -1- नौ मई को भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोले गये। तब से लेकर अब तक बाबा केदार के दरबार में छः लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान भोले के दर्शन कर चुके है। हर दिन 25 से 35 हजार के बीच तीर्थयात्री केदार धाम पहुंच रहे हैं, जिससे धाम की रौनक बढ़ने के साथ ही व्यापारियों को भी फायदा पहुंच रहा है। इस बार केदार यात्रा पर आ रहे श्रद्धालु चैलाई के लड्डू को काफी पसंद कर रहे हैं। पिछले वर्ष केदार प्रसाद के नाम से योजना को शुरू किया गया था। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने योजना को संचालित करने के लिए दो सौ ज्यादा समूह को कार्य सौंपा था। वर्ष 2018 में चैलाई के लड्डू से एक करोड़ का टर्नओवर हुआ था, वहीं इस वर्ष चैलाई के लड्डू की डिमांड कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी है। 35 दिनों की यात्रा के भीतर अब तक पचास लाख का प्रसाद बेचा जा चुका है, जबकि अभी साढ़े चार माह की यात्रा शेष है। केदारनाथ में यात्री भारी संख्या में पहुंच रहे हैं, जिनके लिए चैलाई के लड्डूओं की डिमांड पूरी करना मुश्किल हो रहा है, जिस कारण व्यापारियों में भी आक्रोश बना हुआ है। केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी ने कहा कि यात्रा से पूर्व जिला प्रशासन और व्यापारियों की बैठक हुई थी, जिसमें प्रशासन की ओर से कहा गया था कि केदारनाथ में लिंची दाना को बंद करते हुए चैलाई के लड्डूओं का ही प्रसाद बेचा जायेगा। प्रशासन की इस बात पर व्यापारियों ने भी हामी भरी थी, लेकिन अब चैलाई के लड्डूओं की डिमंाड को पूरा नहीं किया जा रहा है। व्यापारियों की समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब चैलाई की जगह कौन सा प्रसाद व्यापारियों को बेचे।
बाइट - चंडी प्रसाद तिवारी, अध्यक्ष व्यापार संघ केदारनाथ
वीओ -2- वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ में चैलाई के लड्डूओं को प्रसाद के रूप में बेचने का मकसद यही था कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ ही तीर्थयात्रियों को स्थानीय उत्पाद से रूबरू करवाया जाय। केदारधाम में चैलाई के लड्डूओं को बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इस वर्ष भारी तादात में तीर्थयात्री केदारधाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में डिमांड को पूरा किया जाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि दो सौ ज्यादा समूह चैलाई के लड्डूओं का प्रसाद बना रही है। इसके अलावा अन्य संस्थाओं को भी लड्डूओं के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन का मकसद है कि केदारनाथ धाम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ा जाय, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और उन्हें घर में ही रोजगार उपलब्ध हो।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी

Last Updated : Jun 13, 2019, 6:40 PM IST
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