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चंद्रग्रहण के चलते चारधाम समेत कई मंदिरों के कपाट बंद, कल से कर सकते हैं श्रद्धालु दर्शन

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Published : Jul 16, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 6:55 PM IST

चंद्रग्रहण के सूतक के चलते यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के अलावा कई मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. अब कल सुबह अलग-अलग समय पर धाम के कपाट दर्शन के लिए खोले जाएंगे.

chardham dham

रुद्रप्रयाग/चमोली/उत्तरकाशी: प्रसिद्ध चारधाम के कपाट चंद्रग्रहण के चलते कल सुबह तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब श्रद्धालु बुधवार सुबह अलग-अलग समय पर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे. कपाट बंद होने से पहले धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. जिसके बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए.

चंद्रग्रहण सूतक के चलते चारधाम के कपाट बंद.

बता दें कि आज रात डेढ़ बजे से सुबह साढ़े चार बजे तक चंद्रग्रहण रहेगा. चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले से शुरू होता है. जिस कारण सभी मंदिरों को नौ घंटे पहले ही बंद कर दिया गया है.

केदरानाथ धाम
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने से पहले बाबा केदार को भोग लगाया गया. इसके अलावा बाबा केदार का विशेष श्रृंगार और आरती की गई. आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वारः 4 बजे की गई गंगा आरती, सभी मंदिरों के कपाट कल सुबह तक के लिए बंद

अब केदारनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बुधवार सुबह छह बजे खोले जाएंगे. हालांकि, चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद मुख्य पुजारी बुधवार सुबह पांच बजे मंदिर के कपाट खोलेंगे और बाबा केदार की शुद्धिकरण करेंगे. जिसके बाद छह बजे से भक्त बाबा केदार के दर्शन करेंगे.

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चंद्रग्रहण के सूतक के चलते बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करते पुजारी.

बदरीनाथ धाम
भगवान बदरीविशाल के कपाट भी चंद्रग्रहण के चलते एक दिन के लिए बंद किए गए हैं. चंद्रग्रहण के चलते ठीक 4 बजकर 25 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट पूजा-अर्चना के बाद बंद किए गए हैं. अब कल सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे.

यमुनोत्री और गंगोत्री धाम
चंद्रग्रहण के सूतक लगते ही 4 बजकर 25 मिनट पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. गंगोत्री धाम के पुजारी सुधांशु सेमवाल ने बताया कि चंद्रग्रहण के चलते धाम को बंद कर दिया गया है.

चारधाम के अलावा इन मंदिरों के किए गए कपाट बंद
केदारनाथ के अलावा द्वितीय केदार मदम्हेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर, केदारनाथ शीतकालीन गद्दीस्थल ओंमकारेश्वर आदि मंदिरों के कपाट विधि-विधान से बंद किए गए हैं.

वहीं, कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने बताया कि नौ घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो रहा है. जिस कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं. अब सुबह छह बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे. सूतक काल में पूजा-पाठ करना अशुद्ध माना गया है.

रुद्रप्रयाग/चमोली/उत्तरकाशी: प्रसिद्ध चारधाम के कपाट चंद्रग्रहण के चलते कल सुबह तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब श्रद्धालु बुधवार सुबह अलग-अलग समय पर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे. कपाट बंद होने से पहले धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. जिसके बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए.

चंद्रग्रहण सूतक के चलते चारधाम के कपाट बंद.

बता दें कि आज रात डेढ़ बजे से सुबह साढ़े चार बजे तक चंद्रग्रहण रहेगा. चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले से शुरू होता है. जिस कारण सभी मंदिरों को नौ घंटे पहले ही बंद कर दिया गया है.

केदरानाथ धाम
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने से पहले बाबा केदार को भोग लगाया गया. इसके अलावा बाबा केदार का विशेष श्रृंगार और आरती की गई. आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वारः 4 बजे की गई गंगा आरती, सभी मंदिरों के कपाट कल सुबह तक के लिए बंद

अब केदारनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बुधवार सुबह छह बजे खोले जाएंगे. हालांकि, चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद मुख्य पुजारी बुधवार सुबह पांच बजे मंदिर के कपाट खोलेंगे और बाबा केदार की शुद्धिकरण करेंगे. जिसके बाद छह बजे से भक्त बाबा केदार के दर्शन करेंगे.

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चंद्रग्रहण के सूतक के चलते बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करते पुजारी.

बदरीनाथ धाम
भगवान बदरीविशाल के कपाट भी चंद्रग्रहण के चलते एक दिन के लिए बंद किए गए हैं. चंद्रग्रहण के चलते ठीक 4 बजकर 25 मिनट पर भगवान बदरीविशाल के कपाट पूजा-अर्चना के बाद बंद किए गए हैं. अब कल सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे.

यमुनोत्री और गंगोत्री धाम
चंद्रग्रहण के सूतक लगते ही 4 बजकर 25 मिनट पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. गंगोत्री धाम के पुजारी सुधांशु सेमवाल ने बताया कि चंद्रग्रहण के चलते धाम को बंद कर दिया गया है.

चारधाम के अलावा इन मंदिरों के किए गए कपाट बंद
केदारनाथ के अलावा द्वितीय केदार मदम्हेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर, केदारनाथ शीतकालीन गद्दीस्थल ओंमकारेश्वर आदि मंदिरों के कपाट विधि-विधान से बंद किए गए हैं.

वहीं, कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने बताया कि नौ घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो रहा है. जिस कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं. अब सुबह छह बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाएंगे. सूतक काल में पूजा-पाठ करना अशुद्ध माना गया है.

Intro:चन्द्रग्रहण के चलते केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद
अब कल सुबह 6 बजे आम श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खोले जाएंगे कपाट
कपाट बंद होने से पहले किया गया बाबा केदार का विशेष श्रृंगार, उतारी गई आरती

रुद्रप्रयाग। चन्द्रग्रहण के चलते द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट कल सुबह तक के लिये बंद कर दिये गये हैं। अब श्रद्धालु बुधवार सुबह छह बजे से ही बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे। कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ के त्रिकोणीय लिंग का विशेष श्रृंगार किया गया और भगवान को भोग लगाया गया। भोग लगाने के बाद केदारनाथ भगवान की सभी उतारियां उतारी गई। जिसके बाद विधि-विधान से भगवान केदारनाथ के कपाट बंद कर दिये गये। चन्द्रग्रहण का सूतक लगने से लगभग 9 घंटे पहले भगवान केदार के साथ जिले के अन्य मठ-मंदिरों के कपाट बंद किये गये। Body:आज रात डेढ़ बजे से सुबह की साढ़े चार बजे तक चन्द्रग्रहण रहेगा। चन्द्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले से शुरू होता है। जिस कारण सभी मंदिरों को नौ घंटे पूर्व ही बंद कर दिया गया है। विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को दोपहर ढ़ाई बजे बंद कर दिये गये हैं। कपाट बंद होने से पूर्व बाबा केदार को भोग लगाया गया। इसके अलावा बाबा केदार का विशेष श्रृंगार और आरती उतारी गई। आरती उतारने के बाद मंदिर के कपाट बंद किये गये। अब केदारनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिये बुधवार सुबह छह बजे खोले जाएंगे। हालांकि चन्द्रग्रहण समाप्त होने के बाद मुख्य पुजारी बुधवार सुबह पांच बजे मंदिर के कपाट खोलेंगे और बाबा केदार की तमाम तरह की पूजाएं और शुद्धीकरण करेंगे। जिसके बाद छह बजे से भक्त बाबा केदार के दर्शन करेंगे।
मान्यता है कि चन्द्रग्रहण लगने से नौ घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है। सूतक के दौरान मंदिरों के कपाट खुले नहीं रहते हैं। भगवान को किसी भी प्रकार का भोग या भगवान की कोई भी पूजा नहीं होती है। चन्द्रग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर एवं मूर्तियों का शुद्धीकरण करने के बाद ही पूजाएं एवं अन्य प्रकार के नित्य कार्य शुरू होते हैं। Conclusion:रूद्रप्रयाग में केदारनाथ के अलावा द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर, केदारनाथ शीतकालीन गददीस्थल ओंमकारेश्वर आदि मंदिरों के कपाट विधि-विधान से बंद किये गये हैं। केदारनाथ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। 17 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय माह श्रावण माह भी शुरू हो रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। भक्तों को प्रशासन ने सुरक्षित रोक दिया है। केदारनाथ में बारिश भी अधिक हो रही है।
कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने बताया कि नौ घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो रहा है। जिस कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये हैं। अब सुबह छह बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन खोले जाएंगे। सूतक काल में पूजा-पाठ करना अशुद्ध माना गया है।
बाइट - महंत शिवानंद गिरी महाराज
बाइट - 2-महंत शिवानंद गिरी महाराज
Last Updated : Jul 16, 2019, 6:55 PM IST
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