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चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु का वध देखकर छलक उठी श्रद्धालुओं की आंखें

चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु वध का दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो गया. वहीं, मद्महेश्वर घाटी के रासी गांव में पाण्डव नृत्य आयोजन किया जा रहा है. जबकि, 29 नवम्बर को इस पाण्डव नृत्य का होगा समापन.

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चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु वध दृश्य देख छलक उठी आँखें
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Published : Nov 26, 2019, 11:37 PM IST

रुद्रप्रयाग : मद्महेश्वर घाटी के रासी गांव में आयोजित पाण्डव नृत्य के 29वें दिन भव्य चक्रव्यूह लीला का मंचन किया गया. जिसमें मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों के कई सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे. चक्रव्यूह लीला मंचन में कौरवों द्वारा बालक अभिमन्यु वध का दृश्य बड़ा ही मार्मिक रहा.

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि पाण्डव नृत्य व लीला में चक्रव्यूह लीला अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि महाभारत हमे सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पाण्डेय ने कहा कि केदारघाटी में पाण्डव नृत्य की परम्परा पाण्डवों के हिमालय गमन से है.

चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु वध का मार्मिक दृश्य.

ज्येष्ठ प्रमुख कविता नौटियाल ने कहा कि पाण्डव नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में समृद्धि बनती है. कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल ने कहा कि कहां कि पाण्डव नृत्य प्रविसियों व धियाणियों के मिलन का घोतक है. जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों में सभी को सहयोग करना चाहिए.

ये भी पढ़े : उत्तराखंड पर मंडरा रहा है बड़े भूकंप का खतरा, भूगर्भ शास्त्रियों ने बताया ये कारण

पाण्डव नृत्य कमेटी अध्यक्ष व मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने सभी आगंतुक का आभार व्यक्त किया. चक्रव्यूह लीला मंचन में अभिमन्यु - राजेन्द्र भट्ट, जयद्रथ - सुरेश खोयाल, द्रोणाचार्य - धीरेन्द्र रावत, कर्ण - उमेद पंवार, लक्ष्मण - अनीश नेगी, भूरिश्रवा - राजपाल जिरवाण, दुर्याधन - ईश्वरी भट्ट, कृर्पाचार्य - देवेन्द्र पंवार, शकुनि - पंकज भट्ट, दुशासन - हिम्मत बिष्ट की भूमिका में रहे. जबकि, अन्य किरदार में लखपत राणा, भगवती प्रसाद भट्ट, प्रधान कुन्ती नेगी, लाल सिंह रावत, दलीप रावत, अब्बल सिंह नेगी व शिला देवी ने चक्रव्यूह लीला मंचन में निर्देशक व गायन की भूमिका निभाई.

रुद्रप्रयाग : मद्महेश्वर घाटी के रासी गांव में आयोजित पाण्डव नृत्य के 29वें दिन भव्य चक्रव्यूह लीला का मंचन किया गया. जिसमें मद्महेश्वर घाटी के दर्जनों गांवों के कई सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे. चक्रव्यूह लीला मंचन में कौरवों द्वारा बालक अभिमन्यु वध का दृश्य बड़ा ही मार्मिक रहा.

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि पाण्डव नृत्य व लीला में चक्रव्यूह लीला अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि महाभारत हमे सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पाण्डेय ने कहा कि केदारघाटी में पाण्डव नृत्य की परम्परा पाण्डवों के हिमालय गमन से है.

चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु वध का मार्मिक दृश्य.

ज्येष्ठ प्रमुख कविता नौटियाल ने कहा कि पाण्डव नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में समृद्धि बनती है. कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल ने कहा कि कहां कि पाण्डव नृत्य प्रविसियों व धियाणियों के मिलन का घोतक है. जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों में सभी को सहयोग करना चाहिए.

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पाण्डव नृत्य कमेटी अध्यक्ष व मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने सभी आगंतुक का आभार व्यक्त किया. चक्रव्यूह लीला मंचन में अभिमन्यु - राजेन्द्र भट्ट, जयद्रथ - सुरेश खोयाल, द्रोणाचार्य - धीरेन्द्र रावत, कर्ण - उमेद पंवार, लक्ष्मण - अनीश नेगी, भूरिश्रवा - राजपाल जिरवाण, दुर्याधन - ईश्वरी भट्ट, कृर्पाचार्य - देवेन्द्र पंवार, शकुनि - पंकज भट्ट, दुशासन - हिम्मत बिष्ट की भूमिका में रहे. जबकि, अन्य किरदार में लखपत राणा, भगवती प्रसाद भट्ट, प्रधान कुन्ती नेगी, लाल सिंह रावत, दलीप रावत, अब्बल सिंह नेगी व शिला देवी ने चक्रव्यूह लीला मंचन में निर्देशक व गायन की भूमिका निभाई.

Intro:चक्रव्यूह लीला में अभिमन्यु वध का दृश्य कर गया भावुक
मदमहेश्वर घाटी के रासी गाँव में पाण्डव नृत्य में उमड़ रही भीड़
रुद्रप्रयाग- मदमहेश्वर घाटी के रासी गाँव में आयोजित पाण्डव नृत्य के 29वे दिन भव्य चक्रव्यूह लीला का मंचन किया गया, जिसमें मदमहेश्वर घाटी के दर्जनों गाँवों के कई सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे । चक्रव्यूह लीला मंचन में कौरवो द्वारा बालक अभिन्यु का वध करने का दृश्य बड़ा मार्मिक रहा । Body:चक्रब्यूह लीला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि पाण्डव नृत्य व लीला में चक्रब्यूह लीला अभिन्न अंग है । उन्होंने कहा कि महाभारत हमे सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है । क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पाण्डेय ने कहा कि केदार घाटी में पाण्डव नृत्य की परम्परा पाण्डवो के हिमालय गमन से है । ज्येष्ठ प्रमुख कविता नौटियाल ने कहा कि पाण्डव नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में समृद्धि बनती है । कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल ने कहा कि कहां कि पाण्डव नृत्य प्रविसियो व धियाणियो के मिलन का घोतक है । जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानो में सभी को सहयोग करना चाहिए । पाण्डव नृत्य कमेटी अध्यक्ष व मन्दिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने सभी आगंतुक का आभार व्यक्त किया । चक्रव्यूह लीला मंचन में अभिमन्यु - राजेन्द्र भट्ट , जयद्रथ - सुरेश खोयाल , द्रोणाचार्य - धीरेन्द्र रावत , कर्ण - उमेद पंवार , लक्ष्मण - अनीश नेगी , भूरिश्रवा - राजपाल जिरवाण , दुर्याधन - ईश्वरी भट्ट , कृर्पाचार्य - देवेन्द्र पंवार , शकुनि - पंकज भट्ट , दुशासन - हिम्मत बिष्ट की भूमिका में रहे । लखपत राणा , भगवती प्रसाद भट्ट , प्रधान कुन्ती नेगी , लाल सिंह रावत , दलीप रावत , अब्बल सिंह नेगी व शिला देवी ने चक्रव्यूह लीला मंचन में निर्देशक व गायन की भूमिका निभाई । चक्रव्यूह लीला मंचन में कौरवो द्वारा छल से वीर बालक अभिमन्यु के वध करने पर धियाणियो की आॅखे छल उठी । 29 नवम्बर को पाण्डव नृत्य का समापन होगा । Conclusion:
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