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नाबालिग के साथ छेड़छाड़ मामले में आरोपी को सात साल की सजा, 20 हजार का जुर्माना

जिले में स्कूल जा रही एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने का माला सामने आया है. वहीं इस मामले में जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने एक व्यक्ति को दोषी पाते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

case of tampering
नाबालिक के साथ छेड़छाड़
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Published : Dec 11, 2019, 9:55 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में एक नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. जिसके बाद जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने आरोपी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. बता दें कि घटनाक्रम के अनुसार 16 अक्टूबर 2019 को नाबालिग मतदान के दिन स्कूल जा रही थी. एलोपैथिक अस्पताल के पास आरोपी तिब्बू लाल ने उसे जाता देख उसके साथ छेड़छाड़ की.

नाबालिग के शोर मचाने पर गांव की एक महिला घटनास्थाल पर पहुंची. महिला ने किसी तरह नाबालिग को आरोपी के चंगुल से बचाया. जिसके बाद नाबालिग के परिजनों द्वारा घटना की जानकारी अगस्त्यमुनि थाने में दी गई. वहीं पुलिस ने विवेचना के बाद 26 नवंबर 2019 को आरोप पत्र न्यायालय को प्रस्तुत करते हुए विभिन्न धाराओं के साथ ही पॉक्सो अधिनियम में संज्ञान लिया गया.

यह भी पढ़ें: CAB का अखाड़ा परिषद के संतों ने किया स्वागत, कहा- ओवैसी पर दर्ज हो देशद्रोह का मुकदमा

वहीं इस मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो व जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा आठ कार्य दिवसों में मामले का त्वरित विचारण कर फैसला सुनाया गया. जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने आरोपी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. जबकि 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश सुनाया. वहीं, मामले में सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुदर्शन सिंह चैधरी ने पैरवी की.

रुद्रप्रयाग: जिले में एक नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. जिसके बाद जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने आरोपी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. बता दें कि घटनाक्रम के अनुसार 16 अक्टूबर 2019 को नाबालिग मतदान के दिन स्कूल जा रही थी. एलोपैथिक अस्पताल के पास आरोपी तिब्बू लाल ने उसे जाता देख उसके साथ छेड़छाड़ की.

नाबालिग के शोर मचाने पर गांव की एक महिला घटनास्थाल पर पहुंची. महिला ने किसी तरह नाबालिग को आरोपी के चंगुल से बचाया. जिसके बाद नाबालिग के परिजनों द्वारा घटना की जानकारी अगस्त्यमुनि थाने में दी गई. वहीं पुलिस ने विवेचना के बाद 26 नवंबर 2019 को आरोप पत्र न्यायालय को प्रस्तुत करते हुए विभिन्न धाराओं के साथ ही पॉक्सो अधिनियम में संज्ञान लिया गया.

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वहीं इस मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो व जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा आठ कार्य दिवसों में मामले का त्वरित विचारण कर फैसला सुनाया गया. जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने आरोपी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. जबकि 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश सुनाया. वहीं, मामले में सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुदर्शन सिंह चैधरी ने पैरवी की.

Intro:नाबालिग से छेड़छाड़ के दोषी को सात साल की सजा
रुद्रप्रयाग। नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने एक व्यक्ति को दोषी पाते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जबकि बीस हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित करने का आदेश सुनाया।
Body:घटनाक्रम के अनुसार 16 अक्टूबर 2019 को अभियोत्री मतदान के दिन रास्ते से स्कूल में जा रही थी, तो एलोपैथिक अस्पताल के पास अभियुक्त तिब्बू लाल ने अभियोत्री का हाथ पकड़ा और उसे जंगल की तरफ ले गया। अभियुक्त ने उसके कपड़े उतारकर उससे छेड़छाड़ की। इतने में अभियोत्री चिल्लाई और मौके पर गांव की एक महिला आई। उसे किसी तरह नाबालिग को आरोपी के चुंगल से बचा लिया। अभियोत्री की मां द्वारा घटना की रिपोर्ट उसी दिन अगस्त्यमुनि थाने में दी गई। पुलिस ने विवेचना के बाद 26 नवम्बर 2019 को आरोप पत्र न्यायालय को प्रस्तुत किए, जबकि आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही 7/8 पोक्सो अधिनियम में प्रसंज्ञान लिया गया। इस मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो व जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा आठ कार्य दिवसों में मामले का त्वरित विचारण कर फैसला सुनाया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला न्यायाधीश हरीश गोयल की अदालत ने तिब्बू लाल को दोषी पाते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई जबकि 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश सुनाया। इधर, मामले में सरकार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुदर्शन सिंह चैधरी ने पैरवी की।Conclusion:
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