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शराब और पैसों के लालच में पिता बना हैवान, मानसिक विक्षिप्त शख्स से बेटी का रिश्ता किया तय - rudraprayag latest news

रुद्रप्रयाग में जबरन नाबालिग की शादी करवाने का मामला आया है. पैसों और शराब के लालच में ये शादी तय की गई थी.

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रुद्रप्रयाग में पैसों और शराब के लालच में तय हुई नाबालिग की शादी
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Published : Dec 5, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 8:31 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में पैसों और शराब के लालच में एक पिता की तरफ से अपनी नाबालिग बेटी की शादी कराने का मामला सामने आया है. शादी 12 दिसंबर को तय थी. जिसके कार्ड भी छपवाकर लोगों को बांट दिये गये. आस-पास के लोगों को यह भनक लगी तो उन्होंने यह जानकारी वन स्टॉप सेंटर और समौण फाउंडेशन को दी गई. जिसके बाद मामले में तत्परता दिखाते हुए शादी को रोका गया.

दरअसल, जिले के जखोली विकासखण्ड के एक गांव में पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की जबरन शादी तय की थी. पैसों के लालच में पिता अपनी लड़की की शादी करवाना चाहता था. हैरत की बात यह कि लड़की की शादी मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति से तय की गई थी.

रुद्रप्रयाग में पैसों और शराब के लालच में तय हुई नाबालिग की शादी

आगामी 12 दिसंबर को लड़की की मेहंदी की रस्म होनी थी. पिता की ओर से बेटी के शादी के कार्ड भी छपवाकर बांट दिये गये थे. इसके बाद आस-पास के लोगों ने सूचना समौण फाउंडेशन के कमल जोशी को दी. जिसके बाद मामले में तेजी से कार्रवाई की गई.

पढ़ें-आरपी सिंह ने कांग्रेस पर साधा निशाना, 'यशपाल आर्य पर हमला, उन्हीं के लोगों ने ही किया'

स्थानीय लोगों के मुताबिक शराब और पैसों के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का विवाह जबरन मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति से तय कर दिया था, जबकि बालिका विवाह नहीं करना चाहती थी. पिता के बहुत दबाव डालने पर बेटी विवाह के लिए विवश हो गई. कमल ने बताया जैसे ही यह सूचना उन्हें मिली तो उन्होंने तत्परता से बाल संरक्षण विभाग व चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन रुद्रप्रयाग से संपर्क किया. लेकिन इन विभागों ने इस मामले में खास रूचि नहीं ली.

इसके बाद उन्होंने बालिका को बचाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट से संपर्क किया. रंजना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत अपनी एक टीम बालिका के गांव भेजी. जहां दस्तावेज देखने पर बालिका के नाबालिग होने की पुष्टि हुई.

पढ़ें- काशीपुर को सीएम की सौगात, 137 करोड़ की विकास योजनाओं का किया लोकार्पण-शिलान्यास

जांच टीम की महिला केस वर्कर आयुषी ने बताया कि लड़की विवाह नहीं करना चाहती थी. लड़का मानसिक रूप से विक्षिप्त है. लड़के को उससे मिलवाया भी नहीं गया. बस एक बार जंगल में घास काटते हुए काफी दूर से एक व्यक्ति को दिखाया गया था. तब उससे कहा गया कि ये तुम्हारा होने वाला पति है. मना करने के बावजूद कुछ दिन बाद लड़के के पिता सगाई की अंगूठी एवं कपडे़ देकर सगाई की रस्म पूरी कर चले गए.

पढ़ें- केदारनाथ धाम में दो दिन की बर्फबारी के बाद खिली धूप, पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू

बालिका ने बताया कि शादी के कार्ड बंट जाने और सारी तैयारियां हो जाने के साथ ही लोक लाज के कारण वह चुप रही. इसके बाद जांच टीम ने लड़के पक्ष को बुलाया और सख्ती से कानूनी प्रावधान समझाए. जिसके बाद लड़के के पिता ने शादी न कराने की बात कही. साथ ही वो सगाई में दिया गया सारा सामान वापस ले गए. टीम की ओर से नाबालिग को उसकी स्वयं की मर्जी पर उसके मामा-मामी के संरक्षण में भेज दिया गया, जहां वह आगे पढ़ाई करेगी.

रुद्रप्रयाग: जिले में पैसों और शराब के लालच में एक पिता की तरफ से अपनी नाबालिग बेटी की शादी कराने का मामला सामने आया है. शादी 12 दिसंबर को तय थी. जिसके कार्ड भी छपवाकर लोगों को बांट दिये गये. आस-पास के लोगों को यह भनक लगी तो उन्होंने यह जानकारी वन स्टॉप सेंटर और समौण फाउंडेशन को दी गई. जिसके बाद मामले में तत्परता दिखाते हुए शादी को रोका गया.

दरअसल, जिले के जखोली विकासखण्ड के एक गांव में पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की जबरन शादी तय की थी. पैसों के लालच में पिता अपनी लड़की की शादी करवाना चाहता था. हैरत की बात यह कि लड़की की शादी मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति से तय की गई थी.

रुद्रप्रयाग में पैसों और शराब के लालच में तय हुई नाबालिग की शादी

आगामी 12 दिसंबर को लड़की की मेहंदी की रस्म होनी थी. पिता की ओर से बेटी के शादी के कार्ड भी छपवाकर बांट दिये गये थे. इसके बाद आस-पास के लोगों ने सूचना समौण फाउंडेशन के कमल जोशी को दी. जिसके बाद मामले में तेजी से कार्रवाई की गई.

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स्थानीय लोगों के मुताबिक शराब और पैसों के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का विवाह जबरन मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति से तय कर दिया था, जबकि बालिका विवाह नहीं करना चाहती थी. पिता के बहुत दबाव डालने पर बेटी विवाह के लिए विवश हो गई. कमल ने बताया जैसे ही यह सूचना उन्हें मिली तो उन्होंने तत्परता से बाल संरक्षण विभाग व चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन रुद्रप्रयाग से संपर्क किया. लेकिन इन विभागों ने इस मामले में खास रूचि नहीं ली.

इसके बाद उन्होंने बालिका को बचाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट से संपर्क किया. रंजना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत अपनी एक टीम बालिका के गांव भेजी. जहां दस्तावेज देखने पर बालिका के नाबालिग होने की पुष्टि हुई.

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जांच टीम की महिला केस वर्कर आयुषी ने बताया कि लड़की विवाह नहीं करना चाहती थी. लड़का मानसिक रूप से विक्षिप्त है. लड़के को उससे मिलवाया भी नहीं गया. बस एक बार जंगल में घास काटते हुए काफी दूर से एक व्यक्ति को दिखाया गया था. तब उससे कहा गया कि ये तुम्हारा होने वाला पति है. मना करने के बावजूद कुछ दिन बाद लड़के के पिता सगाई की अंगूठी एवं कपडे़ देकर सगाई की रस्म पूरी कर चले गए.

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बालिका ने बताया कि शादी के कार्ड बंट जाने और सारी तैयारियां हो जाने के साथ ही लोक लाज के कारण वह चुप रही. इसके बाद जांच टीम ने लड़के पक्ष को बुलाया और सख्ती से कानूनी प्रावधान समझाए. जिसके बाद लड़के के पिता ने शादी न कराने की बात कही. साथ ही वो सगाई में दिया गया सारा सामान वापस ले गए. टीम की ओर से नाबालिग को उसकी स्वयं की मर्जी पर उसके मामा-मामी के संरक्षण में भेज दिया गया, जहां वह आगे पढ़ाई करेगी.

Last Updated : Dec 5, 2021, 8:31 PM IST
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