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चारधाम में बेहतर इंतजामात, एक दिन में साढ़े 7 हजार यात्री केदारनाथ जाएंः डॉ. धन सिंह रावत

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक, चारधाम में प्रदेश सरकार की ओर से हर प्रकार की व्यवस्था की जा रही है. किसी भी तीर्थ यात्री को चारधाम में दिक्कतें नहीं होगी, लेकिन हकीकत ये है कि मात्र 10 दिन की यात्रा में ही 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 20 से ज्यादा लोग घायल और चोटिल हो चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने एक दिन 7 से साढ़े 7 हजार तीर्थयात्रियों के केदारनाथ जाने की अपील की है.

Dhan Singh Rawat appeal to pilgrims
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत
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Published : May 15, 2022, 3:58 PM IST

Updated : May 15, 2022, 4:33 PM IST

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है. केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश सरकार ने एक दिन में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 13000 निर्धारित की है. वहीं, अब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत एक दिन में 7 से साढ़े सात हजार यात्रियों के ही धाम में जाने की अपील कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री के हिसाब से धाम में व्यवस्थाएं चाक चौबंद हैं, लेकिन 10 दिन की यात्रा में ही 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 20 से अधिक लोग घायल व चोटिल हो चुके हैं.

केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा बेहद ही दुर्गम है. जबकि, हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्री की यात्रा आसान हो जाती है. हेलीकॉप्टर से जहां मात्र 10 से 15 मिनट में केदारनाथ पहुंचा जाता है. वहीं, पैदल मार्ग की 18 से 20 किमी की दूरी को पूरा करने में कई घंटे लग जाते हैं. केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को कई दुश्वारियों से होकर भी गुजरना होता है, खासकर बुजुर्ग यात्रियों को.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अपील.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में पुलिस-प्रशासन के इंतजामात 'फेल', अब NDRF और ITBP ने संभाली कमान

पैदल मार्ग पर जहां बारिश और ठंड से तबीयत खराब होने का भय है. वहीं, घोड़े-खच्चरों का धक्का लगने से खाई में गिरने का डर. ऐसे में यात्रियों को संभल कर बाबा केदार की पैदल यात्रा करनी चाहिए. एक ही रास्ते से घोड़े खच्चरों और पैदल यात्रा का संचालन होता है. धाम में जहां सिक्स सिग्मा और विवेकानंद फाउंडेशन अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, पैदल यात्रा मार्ग पर जगह जगह स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की इकाईयां खोली गई हैं, लेकिन ये सब इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी, प्रदेश सरकार ने बेहतर इंतजाम किए हैं. उनकी अपील है कि केदारनाथ में सात से साढ़े सात हजार यात्री ही एक दिन धाम में जाएं.चारों धामों में आने वाले यात्रियों को कोई भी परेशानी न हो इस बात का ख्याल सरकार रख रही है.-धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा रूट में 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालानः केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़ा खच्चरों के संचालन से जाम लग रहा है. इसी कड़ी में जिला पंचायत ने यात्रा मार्ग में बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों व हाॅकरों पर चालान की कार्यवाही की है. अभी तक 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया जा चुका है. साथ ही उनसे 31 हजार रुपए का अर्थदंड भी वसूला गया.

Dhan Singh Rawat appeal to pilgrims
ऐसे करें यात्रा रजिस्ट्रेशन.

हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर करेंगे दर्शनः केदारनाथ धाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिस कारण प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है. जबकि, वीआईपी दर्शन खत्म करने की बात कही गई है. इसमें हेली सेवाओं से आने वाले तीर्थयात्रियों को रखा गया है. जो अब आम श्रद्धालुओं की तरह बाबा के दर्शन करेंगे. बीती 13 मई को मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढ़ेंः आम हो या खास, अब केदारनाथ धाम में नहीं होंगे VIP दर्शन, बाबा के दर पर सभी एक समान

सीएम के बयान से भी धामों में वीआईपी दर्शन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. इसमें इस बात को लेकर संशय बना है कि चारधामों में आने वाले वीआईपी भी आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे. इस सवाल पर डीएम मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा, लेकिन हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर दर्शन करेंगे.

एक दिन में 13 हजार यात्री ही आ पाएंगे केदारनाथ धामः उत्तराखंड में जिन यात्रियों का पंजीकरण होगा, वही यात्रा कर सकेंगे. अन्य यात्रियों को बिना पंजीकरण के वापस लौटना पड़ सकता है. केदारनाथ धाम में एक दिन में 13 हजार यात्रियों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी, ताकि यात्रियों को यहां दिक्कतें न उठानी पड़े. अब तक पुलिस ने बिना पंजीकरण के एक हजार यात्रियों को वापस लौटा दिया है. यात्री http://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं.

केदारनाथ में डिजिटल एक्स रे व लैब का शुभारंभः केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें धाम में टूटी हड्डियों का इलाज भी मिल पाएगा. केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस और स्टार वेलनेस एंड केयर फाउंडेशन ने हाथ मिलाया है.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में घोड़े के धक्के से खाई में गिरी महिला, एक तीर्थयात्री के सिर पर गिरा पत्थर

दरअसल, सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस और स्टार फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मिशन अभियान के तहत संचालित मुफ्त पोर्टेबल डिजिटल एक्स रे सुविधा की शुरूआत की है, जिसका शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने जिला कार्यालय में किया. सिक्स सिग्मा की मेडिकल टीम पहले से ही केदारनाथ धाम में 130 डाॅक्टरों की टीम के साथ कार्य कर रही है. अब एक्स रे और लैब की सुविधा शुरू कर दी गई है. क्रिटिकल केयर, कार्डियो, रेसप्रेटरी और गायनी के विशेषज्ञ धाम में सेवाएं दे रहे हैं.

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रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है. केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश सरकार ने एक दिन में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 13000 निर्धारित की है. वहीं, अब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत एक दिन में 7 से साढ़े सात हजार यात्रियों के ही धाम में जाने की अपील कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री के हिसाब से धाम में व्यवस्थाएं चाक चौबंद हैं, लेकिन 10 दिन की यात्रा में ही 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 20 से अधिक लोग घायल व चोटिल हो चुके हैं.

केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा बेहद ही दुर्गम है. जबकि, हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्री की यात्रा आसान हो जाती है. हेलीकॉप्टर से जहां मात्र 10 से 15 मिनट में केदारनाथ पहुंचा जाता है. वहीं, पैदल मार्ग की 18 से 20 किमी की दूरी को पूरा करने में कई घंटे लग जाते हैं. केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को कई दुश्वारियों से होकर भी गुजरना होता है, खासकर बुजुर्ग यात्रियों को.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अपील.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में पुलिस-प्रशासन के इंतजामात 'फेल', अब NDRF और ITBP ने संभाली कमान

पैदल मार्ग पर जहां बारिश और ठंड से तबीयत खराब होने का भय है. वहीं, घोड़े-खच्चरों का धक्का लगने से खाई में गिरने का डर. ऐसे में यात्रियों को संभल कर बाबा केदार की पैदल यात्रा करनी चाहिए. एक ही रास्ते से घोड़े खच्चरों और पैदल यात्रा का संचालन होता है. धाम में जहां सिक्स सिग्मा और विवेकानंद फाउंडेशन अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, पैदल यात्रा मार्ग पर जगह जगह स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की इकाईयां खोली गई हैं, लेकिन ये सब इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.

केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी, प्रदेश सरकार ने बेहतर इंतजाम किए हैं. उनकी अपील है कि केदारनाथ में सात से साढ़े सात हजार यात्री ही एक दिन धाम में जाएं.चारों धामों में आने वाले यात्रियों को कोई भी परेशानी न हो इस बात का ख्याल सरकार रख रही है.-धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा रूट में 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालानः केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़ा खच्चरों के संचालन से जाम लग रहा है. इसी कड़ी में जिला पंचायत ने यात्रा मार्ग में बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों व हाॅकरों पर चालान की कार्यवाही की है. अभी तक 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया जा चुका है. साथ ही उनसे 31 हजार रुपए का अर्थदंड भी वसूला गया.

Dhan Singh Rawat appeal to pilgrims
ऐसे करें यात्रा रजिस्ट्रेशन.

हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर करेंगे दर्शनः केदारनाथ धाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिस कारण प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है. जबकि, वीआईपी दर्शन खत्म करने की बात कही गई है. इसमें हेली सेवाओं से आने वाले तीर्थयात्रियों को रखा गया है. जो अब आम श्रद्धालुओं की तरह बाबा के दर्शन करेंगे. बीती 13 मई को मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढ़ेंः आम हो या खास, अब केदारनाथ धाम में नहीं होंगे VIP दर्शन, बाबा के दर पर सभी एक समान

सीएम के बयान से भी धामों में वीआईपी दर्शन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. इसमें इस बात को लेकर संशय बना है कि चारधामों में आने वाले वीआईपी भी आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे. इस सवाल पर डीएम मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा, लेकिन हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर दर्शन करेंगे.

एक दिन में 13 हजार यात्री ही आ पाएंगे केदारनाथ धामः उत्तराखंड में जिन यात्रियों का पंजीकरण होगा, वही यात्रा कर सकेंगे. अन्य यात्रियों को बिना पंजीकरण के वापस लौटना पड़ सकता है. केदारनाथ धाम में एक दिन में 13 हजार यात्रियों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी, ताकि यात्रियों को यहां दिक्कतें न उठानी पड़े. अब तक पुलिस ने बिना पंजीकरण के एक हजार यात्रियों को वापस लौटा दिया है. यात्री http://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कर सकते हैं.

केदारनाथ में डिजिटल एक्स रे व लैब का शुभारंभः केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें धाम में टूटी हड्डियों का इलाज भी मिल पाएगा. केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस और स्टार वेलनेस एंड केयर फाउंडेशन ने हाथ मिलाया है.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में घोड़े के धक्के से खाई में गिरी महिला, एक तीर्थयात्री के सिर पर गिरा पत्थर

दरअसल, सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस और स्टार फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मिशन अभियान के तहत संचालित मुफ्त पोर्टेबल डिजिटल एक्स रे सुविधा की शुरूआत की है, जिसका शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने जिला कार्यालय में किया. सिक्स सिग्मा की मेडिकल टीम पहले से ही केदारनाथ धाम में 130 डाॅक्टरों की टीम के साथ कार्य कर रही है. अब एक्स रे और लैब की सुविधा शुरू कर दी गई है. क्रिटिकल केयर, कार्डियो, रेसप्रेटरी और गायनी के विशेषज्ञ धाम में सेवाएं दे रहे हैं.

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Last Updated : May 15, 2022, 4:33 PM IST
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