रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि कस्बे में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले बिहार के मजदूरों के सब्र का बांध आखिरकार टूट ही गया और मजदूर पैदल ही अगस्त्यमुनि से बिहार के लिए चल दिए है. मजदूरों को उम्मीद थी कि उन्हें उनके घर भेजा जाएगा, लेकिन घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी जब कोई कार्यवाई नहीं हुई तो मजदूरों ने पैदल जाना ही उचित समझा, जब प्रशासन को इसकी खबर लगी तो रुद्रप्रयाग मुख्यालय में मजदूरों को रोका गया पर तब तक मजदूर 20 किमी तक पैदल चल चुके थे.
बता दें, पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस कारण अलग-अलग राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं, जिनको इन दिनों उनके राज्य में बुलाया जा रहा है. रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में भी 50 से अधिक बिहार मूल के मजदूर लॉकडाउन लगने के कारण यहीं फंस गए और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया. इस बीच प्रशासन ने मजदूरों तक राशन आदि पहुंचाया, जो कि मजदूरों के लिए नाकाफी साबित हुआ. मजदूरों ने घर जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया, लेकिन कोई कार्यवाई न होती देख, मजदूर आज पैदल ही बिहार के लिए रवाना हो गये.
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वहीं, सुबह मजदूर अगस्त्यमुनि से बिहार के लिए पैदल रवाना हो गए, जिसकी प्रशासन को खबर लग गई और मजदूरों को रुद्रप्रयाग में रोक दिया. मजदूरों का कहना है कि खाने की दिक्कतें और उन्हें घर भेजने के कोई प्रयास नहीं किए गए थे, जिस पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि मजदूरों को रोक लिया गया है. उन्होंने कहा कि मजदूरों की खाने और रहने की व्यवस्था पहले से ही की गई थी और अगर मजदूर यहां नहीं रहना चाहते हैं तो उन्हें उनके घर भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं.