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ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा संपन्न, कल केदार धाम रवाना होगी बाबा की डोली

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Published : May 13, 2021, 7:08 PM IST

ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न हुई भैरवनाथ की पूजा के साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली कल शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना होगी.

Kedarnath Dham news
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रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली कल शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम पहुंचाने वाले हक-हकूकधारियों, देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों और तीर्थ पुरोहित की सूची को अंतिम रूप देने के साथ ही सभी का सैंपल लिया गया और उन्हें वैक्सीन लगाई गई.

ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा संपन्न
ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा संपन्न

ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न हुई भैरवनाथ पूजा में भी सीमित पुजारियों, वेदपाठियों और देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल होने की अनुमति दी गयी. इस दौरान उत्तराखंड सरकार की तरफ जारी की गई गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा गया. तहसील प्रशासन ने भैरवनाथ पूजन व डोली के धाम रवाना करने के समय कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गयी है.

पढ़ें- घर बैठे ऑनलाइन करिए चारधाम के दर्शन, तैयारियों में जुटी सरकार

गुरुवार शाम को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना विधि-विधान से संपन्न की गयी. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवाना होने से पूर्व तहसील प्रशासन, तीर्थ पुरोहित समाज, जनप्रतिनिधियों व हक-हकूकधारियों की बैठक शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में संपन्न हुई.

उप जिलाधिकारी रविन्द्र वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ठीक आठ बजे शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रथ से रवाना होगी. डोली के धाम रवाना होने से पूर्व सभी पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जायेगा. ऊखीमठ से गौरीकुण्ड तक परम्परा के अनुसार सभी जगहों पर पूजा-अर्चना भोग लगाया जायेगा. शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन न हो, इसलिए कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गयी है. इस कारण ओंकारेश्वर मन्दिर में 50 मीटर व डोली के गुजरने वाले स्थानों पर 20 फीट क्षेत्र प्रतिबन्धित कर दिया गया है.

पढ़ें- कोरोना के कारण रद्द हुआ विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम मेला

उन्होंने बताया कि देवस्थानम् बोर्ड के 14 अधिकारियों, कर्मचारियों, 14 हक-हकूकधारियों और आठ तीर्थ पुरोहित के अलावा कुछ सेवकों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गयी है. मिनी लॉकडाउन का उल्लंघन न हो इसके लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी केदारनाथ मंदिर में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम डोली के साथ चलने वाले 30 अधिकारियों, कर्मचारियों, तीर्थ पुरोहित को अनुमति दी गयी है.

देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि देर शाम संपन्न हुई भैरवनाथ की पूजा में रावल भीमाशंकर लिंग, चार प्रधान पुजारी, दो वेदपाठी और सीमित संख्या में अधिकारी व कर्मचारी ही शामिल हुए. केदारनाथ धाम में देवस्थानम् बोर्ड के 12 अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं. कपाट खुलने की सभी तैयारियां चाक-चैबन्द कर दी गयी है.

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली कल शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम पहुंचाने वाले हक-हकूकधारियों, देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों और तीर्थ पुरोहित की सूची को अंतिम रूप देने के साथ ही सभी का सैंपल लिया गया और उन्हें वैक्सीन लगाई गई.

ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा संपन्न
ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा संपन्न

ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न हुई भैरवनाथ पूजा में भी सीमित पुजारियों, वेदपाठियों और देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल होने की अनुमति दी गयी. इस दौरान उत्तराखंड सरकार की तरफ जारी की गई गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा गया. तहसील प्रशासन ने भैरवनाथ पूजन व डोली के धाम रवाना करने के समय कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गयी है.

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गुरुवार शाम को पौराणिक परम्पराओं के अनुसार केदार पुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना विधि-विधान से संपन्न की गयी. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवाना होने से पूर्व तहसील प्रशासन, तीर्थ पुरोहित समाज, जनप्रतिनिधियों व हक-हकूकधारियों की बैठक शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में संपन्न हुई.

उप जिलाधिकारी रविन्द्र वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ठीक आठ बजे शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रथ से रवाना होगी. डोली के धाम रवाना होने से पूर्व सभी पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जायेगा. ऊखीमठ से गौरीकुण्ड तक परम्परा के अनुसार सभी जगहों पर पूजा-अर्चना भोग लगाया जायेगा. शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन न हो, इसलिए कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गयी है. इस कारण ओंकारेश्वर मन्दिर में 50 मीटर व डोली के गुजरने वाले स्थानों पर 20 फीट क्षेत्र प्रतिबन्धित कर दिया गया है.

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उन्होंने बताया कि देवस्थानम् बोर्ड के 14 अधिकारियों, कर्मचारियों, 14 हक-हकूकधारियों और आठ तीर्थ पुरोहित के अलावा कुछ सेवकों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गयी है. मिनी लॉकडाउन का उल्लंघन न हो इसके लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी केदारनाथ मंदिर में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम डोली के साथ चलने वाले 30 अधिकारियों, कर्मचारियों, तीर्थ पुरोहित को अनुमति दी गयी है.

देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि देर शाम संपन्न हुई भैरवनाथ की पूजा में रावल भीमाशंकर लिंग, चार प्रधान पुजारी, दो वेदपाठी और सीमित संख्या में अधिकारी व कर्मचारी ही शामिल हुए. केदारनाथ धाम में देवस्थानम् बोर्ड के 12 अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं. कपाट खुलने की सभी तैयारियां चाक-चैबन्द कर दी गयी है.

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