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बाबा केदार की डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिये पहुंची लिनचौली

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले बाबा की डोली अपने दूसरे पड़ाव भीमबली पहुंच गयी है. रात्रि विश्राम के बाद डोली मंगलवार सुबह केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी.

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Published : Apr 27, 2020, 9:18 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 9:55 PM IST

भीमबली
भीमबली

रुद्रप्रयाग: बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के लिये केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग के लिनचौली पहुंच चुकी है. अब बाबा केदार की डोली यहां से केदारनाथ पहुंचेगी, जिसके बाद 29 अप्रैल को सुबह 6.10 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे.

Baba Kedar's
बाबा केदार की डोली.


दरअसल, बाबा केदार की डोली कल अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिये निकली थी. बाबा केदार की डोली ने अपना पहला रात्रि प्रवास रामपुर फाटा करने के बजाय गौरीकुंड में किया. आज बाबा की डोली दूसरे रात्रि प्रवास के लिये लिनचौली पहुंच चुकी है. कल यहां से बाबा की डोली अपने धाम केदारनाथ पहुंचेगी. जिसके बाद 29 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे.

Baba Kedar's
पैदल मार्ग पर 40 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं.

यह भी पढ़ें: तस्वीरों में देखें 123 साल के नैनीताल राजभवन का अद्भुत नजारा

वहीं दूसरी ओर बाबा केदार की डोली ग्लेशियरों से होकर गुजर रही है. पैदल मार्ग पर 35 से 40 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं. जबकि बाबा की डोली का रात्रि प्रवास आज पैदल मार्ग के भीमबली में होना था.

रुद्रप्रयाग: बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के लिये केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग के लिनचौली पहुंच चुकी है. अब बाबा केदार की डोली यहां से केदारनाथ पहुंचेगी, जिसके बाद 29 अप्रैल को सुबह 6.10 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे.

Baba Kedar's
बाबा केदार की डोली.


दरअसल, बाबा केदार की डोली कल अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिये निकली थी. बाबा केदार की डोली ने अपना पहला रात्रि प्रवास रामपुर फाटा करने के बजाय गौरीकुंड में किया. आज बाबा की डोली दूसरे रात्रि प्रवास के लिये लिनचौली पहुंच चुकी है. कल यहां से बाबा की डोली अपने धाम केदारनाथ पहुंचेगी. जिसके बाद 29 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे.

Baba Kedar's
पैदल मार्ग पर 40 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं.

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वहीं दूसरी ओर बाबा केदार की डोली ग्लेशियरों से होकर गुजर रही है. पैदल मार्ग पर 35 से 40 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं. जबकि बाबा की डोली का रात्रि प्रवास आज पैदल मार्ग के भीमबली में होना था.

Last Updated : Apr 27, 2020, 9:55 PM IST
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