रुद्रप्रयाग: सावन मास को भगवान शिव की आराधना के लिये सबसे पवित्र माह माना जाता है. मान्यता है कि श्रावण माह में भोले का महा अभिषेक करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. केदारनाथ धाम भी भगवान शिव का 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रसिद्ध ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है. अब सोमवार से नित्य दो महीने बाबा केदार के त्रिकोणीय आकार के स्वयंभू शिवलिंग का महाभिषेक गाय के पवित्र दूध से होगा. महा अभिषेक के लिये केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों की ओर से चार गायों को केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है.
केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है. प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश से भक्त यहां पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन करते हैं. वैसे तो भगवान शिव की आराधना के सभी माह और दिन उत्तम होते हैं, लेकिन श्रावण माह को भगवान शिव की पूजा के लिये विशेष माह का दर्जा दिया गया है. मान्यता है कि श्रावण माह में भगवान शिव का महाभिषेक, दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक आदि पूजा-पाठ करने से मनुष्य के सभी दुख और दरिद्रता दूर होती है. केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है.
पढ़ें-केदारनाथ धाम में अब नहीं बनेंगे रील्स और वीडियो, BKTC का साथ देगा तीर्थ पुरोहित समाज
इसलिए यहां भी बाबा केदार का श्रावण माह में विशेष पूजा-पाठ होता है. अब सावन सोमवार से बाबा केदार का महाभिषेक गाय के पवित्र दूध से होगा. बाबा केदार का महाभिषेक गाय के दूध से करने के लिए तीर्थ पुरोहितों की ओर से चार गायों को केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है. अब प्रत्येक दिन ब्रह्म मुहूर्त और संध्या कालीन के समय महा अभिषेक इन्हीं गायों के दूध से होगा. गायों के साथ उनके बछड़े भी केदारनाथ पहुंचाये गये हैं. मंदिर में पहुंचने पर इन गायों की भी पूजा-अर्चना की. तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि श्रावण माह में भगवान केदारनाथ का महा अभिषेक करने के लिये गाय केदारनाथ पहुंच गई हैं. प्रत्येक वर्ष श्रावण के माह में गाय के दूध द्वारा ही महा अभिषेक किया जाता है. दो माह तक गाय के दूध से ही बाबा केदार का महाभिषेक होगा.