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17वें दिन भी जारी रहा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना, सरकार पर जमकर साधा निशाना

समान कार्य का समान वेतन, विभागीय पदोन्नति और दीपावली बोनस समेत कई ऐसी मांगे है जिनको लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां 17 दिनों से हड़ताल पर बैठी है.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Dec 23, 2019, 8:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: अपनी विभिन्न मांगों के लेकर धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका और मिनी कर्मचारियों का धरना 17वें दिन भी जारी रहा. रुद्रप्रयाग जिले के तीनों ब्लॉकों की कार्यकत्रियों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया. कार्यकत्रियों के धरने की वजह से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों का पठन-पाठन भी प्रभावित हुआ.

समान कार्य का समान वेतन, विभागीय पदोन्नति, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को वरीयता के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय वृद्धि, दीपावली बोनस समेत कई मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका और मिनी कर्मचारी बीती 13 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं. 17 दिनों से सरकार के खिलाफ धरना दे रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी, उनका धरना जारी रहेगा.

पढ़ें- उत्तराखंड गठन के 19 साल बाद भी सवाल बरकरार, किसानों की आय दोगुनी कर पाएगी सरकार ?

धरने पर बैठी एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गूंगी बहरी हो चुकी है, जो लंबे समय से उनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, लेकिन अब उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वे पीछे नही हटेंगी.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के धरने का समर्थन करते हुए जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगें जायज हैं. इतने कम वेतन में किसी का भी गुजारा संभव नहीं है. महिलाएं पहाड़ की रीढ़ हैं.

रुद्रप्रयाग: अपनी विभिन्न मांगों के लेकर धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका और मिनी कर्मचारियों का धरना 17वें दिन भी जारी रहा. रुद्रप्रयाग जिले के तीनों ब्लॉकों की कार्यकत्रियों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया. कार्यकत्रियों के धरने की वजह से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों का पठन-पाठन भी प्रभावित हुआ.

समान कार्य का समान वेतन, विभागीय पदोन्नति, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को वरीयता के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय वृद्धि, दीपावली बोनस समेत कई मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका और मिनी कर्मचारी बीती 13 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं. 17 दिनों से सरकार के खिलाफ धरना दे रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी, उनका धरना जारी रहेगा.

पढ़ें- उत्तराखंड गठन के 19 साल बाद भी सवाल बरकरार, किसानों की आय दोगुनी कर पाएगी सरकार ?

धरने पर बैठी एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गूंगी बहरी हो चुकी है, जो लंबे समय से उनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, लेकिन अब उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वे पीछे नही हटेंगी.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के धरने का समर्थन करते हुए जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगें जायज हैं. इतने कम वेतन में किसी का भी गुजारा संभव नहीं है. महिलाएं पहाड़ की रीढ़ हैं.

Intro:आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना जारी, सरकार के विरूद्ध की नारेबारी
गांव में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी

रुद्रप्रयाग। आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका एवं मिनी कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन 17वें दिन भी जारी रहा। जनपद के तीनों ब्लाॅकों में विभिन्न मांगों को लेकर कार्यकत्रियां कार्य बहिष्कार पर हैं। इससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं और आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। 

Body:समान कार्य का समान वेतन, विभागीय पदोन्नति, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को वरीयता के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय वृद्धि, दीपावली बोनस सहित करीब दस मांगों को लेेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका एवं मिनी कर्मचारी विगत 13 दिसंबर से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताकर सरकार के खिलाफ मुखर हैं। कार्यकत्रियों का कहना है कि सरकार पूरी तरह से गूंगी-बहरी है जो लंबे समय से उनकी जायज मांगों पर ध्यान नही दे रही है। लेकिन अब उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगें नही मानी जाती तब तक वे पीछे नही हटेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के धरने को समर्थन देने पहुंचे जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि वास्तव में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगें जायज हैं। उन्होंने कहा कि इतने कम वेतन में किसी का भी गुजारा  संभव नही है। कहा कि महिलाएं पहाड़ की रीढ़ हैं। स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी सहित अन्य विभागों के कार्य करने के अलावा महिलाएं घर का भी पूरा कार्य करती हैं। ऐसे में सरकार को उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करनी चाहिए। Conclusion:
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